राष्ट्रीय समसामयिकी 1(9-September-2023)
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना
(Viability Gap Financing Scheme for Battery Energy Storage Systems)

Posted on September 11th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (Battery Energy Storage Systems- BESS) के विकास के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (Viability Gap Funding- VGF) योजना को मंज़ूरी दी है।

 

बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली ऐसे उपकरण हैं जो सौर और पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा को संग्रहीत करने तथा तब जारी करने में सक्षम बनाते हैं जब बिजली की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

 

व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (Viability Gap Funding- VGF) :

 

VGF एक वित्तीय तंत्र है जिसका उपयोग सरकारों द्वारा बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की लागत और उनकी आर्थिक व्यवहार्यता के बीच अंतर को पाटने के लिये किया जाता है।

 

इसे आमतौर पर उन परियोजनाओं में नियोजित किया जाता है जिन्हें विभिन्न कारणों से निजी निवेशकों हेतु आर्थिक रूप से अव्यवहार्य या वित्तीय रूप से अनाकर्षक माना जाता है, जैसे उच्च पूंजी लागत, कम राजस्व क्षमता, या लंबी निर्माण अवधि।

 

बैटरी भंडारण हेतु VGF योजना :

 

सरकार बैटरी भंडारण प्रणालियों की लागत को काफी हद तक कम करने, उन्हें अधिक आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के माध्यम से बजटीय सहायता के रूप में पूंजीगत लागत का 40% तक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

 

यह योजना रणनीतिक रूप से नागरिकों को स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती बिजली प्रदान करने के लिये सौर तथा पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की क्षमता का उपयोग करने हेतु डिज़ाइन की गई है।

 

यह सुनिश्चित करना कि योजना का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचे और BESS परियोजना क्षमता का न्यूनतम 85% वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को उपलब्ध कराया जाएगा।

 

यह रणनीतिक कदम न केवल बिजली ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को मज़बूत करता है बल्कि अपशिष्ट को भी कम करता है और ट्रांसमिशन नेटवर्क के उपयोग को अनुकूलित करता है। नतीजतन यह महँगे बुनियादी ढाँचे के उन्नयन की आवश्यकता को कम करता है।

 

उद्देश्य :

 

इसका प्राथमिक उद्देश्य वर्ष 2030-31 तक BESS परियोजनाओं के विकास में 4,000 मेगावाट घंटे (MWh) का योगदान देना है।

 

इस कार्यक्रम का लक्ष्य VGF वित्तीयन प्रदान करके प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) 5.50 और 6.60 रुपए के बीच भंडारण की एक स्तरीय लागत प्राप्त करना है।

 

यह लागत-प्रभावशीलता संग्रहीत नवीकरणीय ऊर्जा को देश भर में विद्युत की अधिकतम मांग के प्रबंधन के लिये एक व्यावहारिक विकल्प प्रदान करती है। 

 

महत्त्व :

 

भारत सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है।

 

BESS योजना नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करते हुए और बैटरी भंडारण को बढ़ावा देकर इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्त्व करती है।

 

इस पहल का लक्ष्य वैश्विक धारणीयता लक्ष्यों के अनुरूप सभी नागरिकों के लिये एक उज्जवल और हरित भविष्य का निर्माण करना है।