भौगोलिक समसामयिकी 1(6-May-2023)^मोचा चक्रवात^(Mocha Cyclone)
Posted on May 7th, 2023
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक चेतावनी जारी की है कि 6 मई, 2023 के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है।
मौसम के प्रारूप के आधार पर IMD के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, चक्रवात संभावित रूप से 'गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदल सकता है।
यह इस वर्ष बनने वाला पहला चक्रवात होगा और लाल सागर तट पर स्थित येमिनी शहर मोचा (मोखा) के आधार पर यमन द्वारा प्रस्तावित चक्रवात को मोचा नाम दिया जाएगा।
इस चक्रवात का नामकरण विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा जारी किये गए आदेश के अनुसार किया गया था, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक चक्रवात का नाम ऐसे उदाहरणों में भ्रम से बचने के लिये रखा जाना चाहिये जहाँ एक स्थान पर कई प्रणालियाँ संचालित होती हैं।
चक्रवात एक मौसमी परिघटना है जो निम्न दाब केंद्र और इसके चारों ओर परिसंचरण वाली तेज़ पवनों की विशेषता है।
यह बाढ़, तूफान और भूस्खलन का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन और परिसंपत्ति की क्षति हो सकती है।
स्थान और मौसम की स्थिति के आधार पर चक्रवातों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात, अत्यधिक उष्णकटिबंधीय चक्रवात और ध्रुवीय निम्नदाब पेटियों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
भौगोलिक समसामयिकी 1(6-May-2023)मोचा चक्रवात(Mocha Cyclone)
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक चेतावनी जारी की है कि 6 मई, 2023 के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है।
मौसम के प्रारूप के आधार पर IMD के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, चक्रवात संभावित रूप से 'गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदल सकता है।
यह इस वर्ष बनने वाला पहला चक्रवात होगा और लाल सागर तट पर स्थित येमिनी शहर मोचा (मोखा) के आधार पर यमन द्वारा प्रस्तावित चक्रवात को मोचा नाम दिया जाएगा।
इस चक्रवात का नामकरण विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा जारी किये गए आदेश के अनुसार किया गया था, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक चक्रवात का नाम ऐसे उदाहरणों में भ्रम से बचने के लिये रखा जाना चाहिये जहाँ एक स्थान पर कई प्रणालियाँ संचालित होती हैं।
चक्रवात एक मौसमी परिघटना है जो निम्न दाब केंद्र और इसके चारों ओर परिसंचरण वाली तेज़ पवनों की विशेषता है।
यह बाढ़, तूफान और भूस्खलन का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन और परिसंपत्ति की क्षति हो सकती है।
स्थान और मौसम की स्थिति के आधार पर चक्रवातों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात, अत्यधिक उष्णकटिबंधीय चक्रवात और ध्रुवीय निम्नदाब पेटियों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।