पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 2 (23-June-2021)
ओडिशा में मगरमच्छ की तीनों प्रजातियाँ मौजूद
(All three species of crocodile are present in Odisha)

Posted on June 23rd, 2021 | Create PDF File

hlhiuj

हाल ही में ओडिशा की महानदी में घड़ियाल की एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति का प्राकृतिक निवास स्थान देखा गया है।

 

इसी के साथ ओडिशा भारत का एकमात्र राज्य बन गया है, जहाँ मगरमच्छ की तीनों प्रजातियाँ मौजूद हैं।

 

इन तीन प्रजातियों में सरीसृप मीठे पानी के घड़ियाल, मगर क्रोकोडाइल और साल्टवाटर क्रोकोडाइल शामिल हैं।

 

ज्ञात हो कि घड़ियाल गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियाँ हैं और ओडिशा में उन्हें पहली बार वर्ष 1975 में लाया गया था, यह पहली बार है जब ओडिशा में इन प्रजातियों को प्राकृतिक रूप से देखा गया है।

 

घड़ियाल के अंडों को लगभग 70 दिनों तक ऊष्मायन की आवश्यकता होती है आर घड़ियाल के बच्चे कई हफ्तों या महीनों तक माताओं के साथ ही रहते हैं।

 

घड़ियाल, मगर क्रोकोडाइल से अलग होते हैं और वे इंसानों को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, हालाँकि कई लोग इन्हें गलती से मगरमच्छ समझ लेते हैं और इन्हें नुकसानदेह मानते हैं।

 

अतिक्रमण और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों के कारण घड़ियाल के प्राकृतिक आवास खतरे में हैं।

 

मछली पकड़ने के जाल में फँसने पर वे या तो मारे जाते हैं या उनके शरीर के अगले हिस्से को काट दिया जाता है।

 

विदित हो कि घड़ियाल को स्थानीय कानूनों के तहत पूर्ण संरक्षण प्रदान किया गया और इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है।