स्वास्थ्य समसामयिकी 1 (23-June-2021)डेल्टा प्लस वैरिएंट(Delta Plus Variant)
Posted on June 23rd, 2021 | Create PDF File
हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को कोविड-19 के चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) ‘डेल्टा प्लस वैरिएंट’ पर परामर्श दिया है।
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के हाल के निष्कर्षों के आधार पर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में पाये गये कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर इन राज्यों को अलर्ट किया और परामर्श जारी किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन राज्यों से कहा कि महाराष्ट्र के रत्नागिरि और जलगांव जिलों; केरल के पलक्कड़ और पथनमथित्ता जिलों; और मध्य प्रदेश के भोपाल व शिवपुरी जिलों से मिले नमूनों के जीनोम अनुक्रमण में यह वैरिएंट पाया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से हैं। वहीं केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा जिले तथा मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं।
भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर का जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट है। अगर देखा जाये तो अभी डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 80 देशों में है। इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है।
वहीं डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी 9 देशों; यथा- ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन में मिला है।
भारत में विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomic Consortia - INSACOG) :
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2020 को गठित किया था।
आईएनएसएसीओजी तभी से कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड-19 वायरस का विश्लेषण कर रहा है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए वैरिएंट तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न वायरसों के वैरिएंट एक प्राकृतिक घटना है और यह लगभग सभी देशों में पाए जाते हैं।