अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 2 (23-June-2021)
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में शिनजियांग पर गंभीर चिंता का प्रदर्शन
(The United Nations Human Rights Commission demonstrates serious concern over Xinjiang)

Posted on June 23rd, 2021 | Create PDF File

hlhiuj

हाल ही में, कनाडा के नेतृत्व में 40 से अधिक देशों ने ‘संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद’ (UN Human Rights Council – UNHRC) में शिनजियांग, हांगकांग और तिब्बत में चीन द्वारा की जा रही कार्रवाइयों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है।

 

इनकी मांगे:

बीजिंग, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट (Michelle Bachelet) और अन्य स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को शिनजियांग में “तत्काल, सार्थक और निर्बाध पहुंच” उपलब्ध कराए तथा ‘मनमाने ढंग से हिरासत’ में लिए गए उइगरों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को रिहा करे।

 

विश्वसनीय रिपोर्टों से संकेत मिलता है, कि शिनजियांग में एक लाख से अधिक लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है तथा उइगरों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को अनुचित रूप से लक्षित करते हुए व्यापक निगरानी की जा रही है, और उइघुर संस्कृति तथा मौलिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया गया है।

 

चीन की प्रतिक्रिया:

पर्याप्त सबूतों के बावजूद, चीन, उइगरों के साथ दुर्व्यवहार से इनकार करता है, और जोर देकर, केवल चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किए गए “व्यावसायिक प्रशिक्षण” केंद्र चलाने की बात करता है।

 

उइगर :

 

उइगर (Uighurs) मुख्य रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्की नृजातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति के चिह्न ‘मध्य एवं पूर्वी एशिया’ में खोजे जा सकते हैं।

 

उइगर समुदाय, तुर्की भाषा से मिलती-जुलती अपनी भाषा बोलते हैं, और खुद को सांस्कृतिक और नृजातीय रूप से मध्य एशियाई देशों के करीब मानते हैं।

 

चीन, इस समुदाय को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और इन्हें देश का मूल-निवासी समूह मानने से इंकार करता है।

 

वर्तमान में, उइगर जातीय समुदाय की सर्वाधिक आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में निवास करती है।

 

उइगरों की एक बड़ी आबादी पड़ोसी मध्य एशियाई देशों जैसे उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान में भी पाई जाती है।

 

दशकों से उइगर मुसलमानों पर चीनी सरकार द्वारा आतंकवाद और अलगाववाद के झूठे आरोपों के तहत, उत्पीड़न, जबरन हिरासत, गहन-जांच, निगरानी और यहां तक कि गुलामी जैसे दुर्व्यवहार किये जा रहे हैं।