पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(2-Feb-2023)
याया त्सो झील
(Yaya Tso Lake)

Posted on February 2nd, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में याया त्सो झील को चुमाथांग गाँव की पंचायत जैवविविधता प्रबंधन समिति ने सिक्योर हिमालय परियोजना (The SECURE Himalaya Project) के साथ मिलकर जैवविविधता अधिनियम के तहत लद्दाख का पहला जैवविविधता विरासत स्थल घोषित किया।

 

यह झील लद्दाख में 4,820 मीटर की ऊँचाई पर स्थित अपनी खूबसूरती के साथ पक्षियों के लिये स्वर्ग के रूप में जानी जाती है।

 

यह बड़ी संख्या में बार-हेडेड गूज, काली गर्दन वाली क्रेन और ब्राह्मणी बत्तख जैसे पक्षियों तथा जानवरों का आवास है।

 

यह भारत में काली गर्दन वाले क्रेन के उच्चतम प्रजनन स्थलों में से एक है।

 

सिक्योर हिमालय परियोजना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की योजना है जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से वर्ष 2017 में प्रारंभ किया गया था।

 

यह एक 6 वर्षीय  परियोजना है तथा वर्ष 2023 तक कार्यरत रहेगी।

 

यह हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र के लिये एक क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण विकसित और कार्यान्वित करके हिम तेंदुए एवं उसके आवास के संरक्षण हेतु सरकार के प्रयासों का समर्थन करती है।

 

इसके अंतर्गत वन, भूमि, मृदा, जैवविविधता तथा भूमि संरक्षण को भी शामिल किया गया है।

 

इस परियोजना के अंतर्गत 4 हिमालयी राज्य जम्मू-कश्मीर (अब केंद्रशासित प्रदेश), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम आते हैं।