राष्ट्रीय समसामयिकी 4(1-Feb-2023)
भारतीय तटरक्षक बल का स्थापना दिवस
(Raising Day of the Indian Coast Guard)

Posted on February 2nd, 2023 | Create PDF File

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47वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard- ICG) ने सीमा पार से किसी भी आतंकी गतिविधि के खिलाफ कार्रवाई हेतु संबद्ध क्षेत्र की बेहतर गश्त और निगरानी के लिये सुंदरबन क्षेत्र में एक नया रडार स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की।

 

विश्व के चौथे सबसे बड़े तटरक्षक के रूप में ICG ने भारतीय तटों को सुरक्षित करने तथा भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

वर्ष 1978 (स्थापना वर्ष) में सतही प्लेटफॉर्म की संख्या केवल 7 थी, वर्तमान में अपने शस्त्रागार में 158 जहाज़ों और 78 विमानों के साथ ICG एक शक्तिशाली बल के रूप में विकसित हुआ है और वर्ष 2025 तक 200 सतही प्लेटफाॅर्मों तथा 80 विमानों के अपने बल के लक्षित स्तर तक पहुँचने का अनुमान है।

 

देश के 'सागर (SAGAR)' एवं 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति को ध्यान में रखते हुए ICG ने वर्ष 2022 में कई विदेशी अधिकारियों व अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों को प्रशिक्षित किया है।

 

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard- ICG) :

 

ICG की स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।

 

विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

 

पृष्ठभूमि :

 

यह रक्षा मंत्रालय के तहत कार्यरत एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव एवं समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है।

 

इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

 

ICG के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई।

 

रुस्तमजी समिति द्वारा एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिये दूरदर्शी खाका तैयार किया गया था।

 

प्रभावी कमान एवं नियंत्रण हेतु भारत के समुद्री क्षेत्रों को पाँच तटरक्षक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, पूर्व, उत्तर-पूर्व और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं, इनके मुख्यालय क्रमशः गांधीनगर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।

 

सागर पहल :

 

सागर पहल (Security and Growth for All in the Region-SAGAR) वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान नीली अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने के लिये गढ़ा गया एक सिद्धांत है। 

 

यह एक समुद्री पहल है जो हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये हिंद महासागर क्षेत्र को प्राथमिकता देती है।  

 

यह विश्व के सभी देशों की नौ सेनाओं और समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग को तेज़ करने के लिये सहयोग प्राप्त करने का एक मंच है।  

 

भारत के संपूर्ण क्षेत्र के लिये सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभाते हुए सागर पहल हिंद महासागर में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

 

यह पहल हिंद महासागर क्षेत्रीय सहयोग संघ (Indian Ocean Rim Association- IORA) के सिद्धांतों के अनुरूप है।

 

 

नेबरहुड फर्स्ट नीति  :

 

‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ में भी भारतीय विदेश नीति में विद्यमान निरंतरता के तत्त्वों को कायम रखा गया है, जिसमें वैश्विक शांति, मित्रता एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों पर बल प्रदान करते हुए गुजराल सिद्धांत की प्राथमिकता को स्वीकार लिया गया है।

 

इसके तहत पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देते हुए उनके आर्थिक विकास तथा संवृद्धि में भागीदार बनने की प्रतिबद्धता को बल प्रदान किया गया है।

 

इसी को आगे बढ़ाते हुए किसी देश के दल-विशेष  को प्राथमिकता न देकर सभी दलों के साथ संबंधों को मधुर एवं प्रगाढ़ बनाने का प्रयास किया गया है।