राज्य समसामयिकी 1 (29-Apr-2021)
महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए दो-बच्चों का मानदंड
(Two-child criterion for government employees in Maharashtra)

Posted on April 29th, 2021 | Create PDF File

hlhiuj

हाल ही में, महाराष्ट्र जेल विभाग की एक महिला अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, क्योंकि विभाग द्वारा की गई एक जांच में पता चला, कि महिला अधिकारी ने ‘महाराष्ट्र सिविल सेवा’ (छोटे परिवार की घोषणा) नियमों का उल्लंघन करते हुए अधिकारियों से अपने तीन बच्चे होने की बात छुपाई थी।

 

महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारियों के लिएदो बच्चेसंबंधी सेवा नियम :

वर्ष 2005 के ‘महाराष्ट्र सिविल सेवा’ (छोटे परिवार की घोषणा) नियमों के तहत ‘एक छोटे परिवार’ को पति, पत्नी और दो बच्चों के रूप में परिभाषित किया गया है।

 

इसमें कहा गया है, वर्ष 2005 के बाद से यदि किसी व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे होने पर, वह व्यक्ति महाराष्ट्र सरकार के अधीन नौकरी पाने का पात्र नहीं होगा।

 

इन नियमों के तहत बच्चों की परिभाषा में गोद लिए गए बच्चे शामिल नहीं हैं।

 

 

महाराष्ट्र, देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है जहाँ सरकारी नौकरियों में नियुक्ति तथा स्थानीय सरकारी निकायों के चुनावों में ‘दो बच्चों की नीति’ लागू है।

 

‘दो बच्चों की नीति’ लागू करने वाले अन्य राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, गुजरात, ओडिशा, उत्तराखंड और असम है।

 

असम में यह नीति वर्ष 2019 में लागू की गई थी।