कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1(22-July-2023)^टंकाई विधि^(Tankai Method)
Posted on July 25th, 2023
संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय नौसेना ने "प्राचीन, सिले हुए जहाज़ निर्माण पद्धति (टंकाई पद्धति) को पुनर्जीवित करने के लिये एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये।
भारतीय नौसेना पूरे प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के साथ इसकी निगरानी करेगी।
'सिले हुए जहाज़ निर्माण विधि' एक पारंपरिक नाव निर्माण तकनीक है जिसमें नाव के तख्तों को कील या पेंच का उपयोग करने के बजाय रस्सी या तार से एक साथ सिलना शामिल है।
विश्व के कुछ भागों में अभी भी छोटी नावों के निर्माण के लिये इस पद्धति का उपयोग किया जाता है। यह जहाज़ निर्माण की 2000 वर्ष पुरानी तकनीक है जिसे 'सिलाई जहाज़ निर्माण विधि' के नाम से जाना जाता है।
ऐतिहासिक महत्त्व और पारंपरिक शिल्प कौशल के संरक्षण को देखते हुए सिले हुए जहाज़ का भारत में महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक मूल्य है।
इन जहाज़ों ने लचीलेपन और स्थायित्व के कारण इन्हें उथले और रेतीली चट्टानों से होने वाले हानि की आशंका कम हो गई।
कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1(22-July-2023)टंकाई विधि(Tankai Method)
संस्कृति मंत्रालय एवं भारतीय नौसेना ने "प्राचीन, सिले हुए जहाज़ निर्माण पद्धति (टंकाई पद्धति) को पुनर्जीवित करने के लिये एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये।
भारतीय नौसेना पूरे प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के साथ इसकी निगरानी करेगी।
'सिले हुए जहाज़ निर्माण विधि' एक पारंपरिक नाव निर्माण तकनीक है जिसमें नाव के तख्तों को कील या पेंच का उपयोग करने के बजाय रस्सी या तार से एक साथ सिलना शामिल है।
विश्व के कुछ भागों में अभी भी छोटी नावों के निर्माण के लिये इस पद्धति का उपयोग किया जाता है। यह जहाज़ निर्माण की 2000 वर्ष पुरानी तकनीक है जिसे 'सिलाई जहाज़ निर्माण विधि' के नाम से जाना जाता है।
ऐतिहासिक महत्त्व और पारंपरिक शिल्प कौशल के संरक्षण को देखते हुए सिले हुए जहाज़ का भारत में महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक मूल्य है।
इन जहाज़ों ने लचीलेपन और स्थायित्व के कारण इन्हें उथले और रेतीली चट्टानों से होने वाले हानि की आशंका कम हो गई।