राष्ट्रीय समसामयिकी 1(22-July-2023)
नीति आयोग ने TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क जारी किया
(NITI Aayog released TCRM Matrix Framework)

Posted on July 25th, 2023 | Create PDF File

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नीति आयोग ने भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी एवं बाज़ार परिपक्वता मैट्रिक्स (Techno-Commercial Readiness and Market Maturity Matrix) फ्रेमवर्क जारी किया। इसे प्रौद्योगिकी मूल्यांकन में क्रांति लाने, नवाचार को बढ़ावा देने तथा भारत में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिये डिज़ाइन किया गया है। 

 

TCRM मैट्रिक्स : 

 

TCRM Matrix का अर्थ तकनीकी-वाणिज्यिक तैयारी और बाज़ार परिपक्वता मैट्रिक्स है। 

 

TCRM मैट्रिक्स फ्रेमवर्क एक एकीकृत मूल्यांकन मॉडल प्रस्तुत करता है, जो प्रौद्योगिकी विकास चक्र के हर चरण में हितधारकों को गहन अंतर्दृष्टि और कार्रवाई योग्य बुद्धिमत्ता प्रदान करता है।

 

TCRM मैट्रिक्स का उपयोग : 

 

TCRM फ्रेमवर्क किसी परियोजना की संयुक्त तैयारी का एक ठोस विश्लेषण प्रदान करता है।

 

इसका उद्देश्य नवप्रवर्तकों, शोधकर्त्ताओं और निवेशकों को व्यावसायीकरण के लिये किसी प्रौद्योगिकी की तैयारी के बारे में चर्चा करने हेतु एकीकृत मंच प्रदान करना है। 

 

प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (TRL) को प्रौद्योगिकी की तत्परता का मूल्यांकन करने के साथ प्रौद्योगिकी की परिपक्वता को परिभाषित करने के लिये मानकीकृत शब्दावली का उपयोग करके किसी विशेष तकनीक से संबंधित क्षमता और खतरों के बारे में संचार में सुधार एवं रूपरेखा प्रदान करने के लिये निर्मित किया गया था।

 

यह ढाँचा आर्थिक दृष्टिकोण से नवाचार के अध्ययन से विकसित किया गया था तथा समय के साथ प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन में वृद्धि को दर्शाता है।

 

यह पता चलता है कि जिस क्षण किसी नवप्रवर्तक द्वारा किसी तकनीक को प्रुस्तुत किया जाता है, उस समय से प्रारंभिक उपयोगकर्त्ताओं के बीच तकनीक के प्रदर्शन में सामान्य रूप से अपेक्षाकृत धीरे-धीरे सुधार होता है।

 

व्यावसायीकरण तैयारी स्तर (CRL) विभिन्न संकेतकों का आकलन करेगा जो प्रौद्योगिकी परिपक्वता से परे वाणिज्यिक और बाज़ार स्थितियों को प्रभावित करते हैं।

 

यह आकलन करता है कि कैसे एक नई तकनीक व्यावसायिक उपलब्धता एवं लक्षित बाज़ार के अंर्तगत व्यापक स्वीकृति तक व्यावसायिक रूप से सफल हो सकती है।

 

यह किसी प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण का समर्थन करने के लिये प्रमुख बाधाओं को दूर करने में सक्षम बनाता है।

 

इसका उद्देश्य विशिष्ट और स्पष्ट रूप से परिभाषित व्यावसायिक संकेतकों के माध्यम से बाज़ार में लॉन्च करने और व्यावसायिक सफलता के लिये प्रौद्योगिकी की तैयारियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करके TRL पैमाने को पूरक बनाना है।

मार्केट रेडीनेस लेवल (MRL) एक पद्धति है जिसका उपयोग यह मूल्यांकन करने के लिये किया जाता है कि प्रोजेक्ट आउटपुट बाजार के कितने समीप है।

 

इसका उपयोग यह आकलन करने के लिये किया जाता है कि उत्पाद या सेवा ग्राहकों के समूह के लिये व्यावसायिक प्रस्ताव के रूप में बाज़ार में ले जाने के लिये कितना तैयार है।

 

यह बाहरी बाज़ार संकेतकों की जागरूकता जैसे बाहरी संकेतकों पर निर्भर करता है।

 

इसका उद्देश्य ग्राहक को अपनाने और बाज़ार की सफलता के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करके TRL और CRL को पूरक बनाना है।

 

TCRM मैट्रिक्स की आवश्यकता :

 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में अनुसंधान एवं विकास व्यय के मामले में भारत विश्व में 40वें स्थान पर था।

 

भारत का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम तेज़ी से विकसित हुआ है तथा देश में 50,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। स्टार्ट-अप को इन्क्यूबेटरों और एक्सेलेरेटर के एक सुदृढ़ नेटवर्क द्वारा समर्थित किया गया है जिसने इन नवोन्वेषी कंपनियों को पोषित और समर्थन प्रदान करने में सहायता की है।

 

वर्ष 2020 में आईटी और सॉफ्टवेयर क्षेत्र ने भारत की GDP में 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया था जो देश की कुल GDP का 7.7% है।

 

भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग 20,000 से अधिक पंजीकृत कंपनियों के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है।

 

वैश्विक नवाचार सूचकांक (GII) :

 

वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index- GII), इसे विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization- WIPO) द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है।

 

सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के संबंध में नवाचार को मापने के लिये GII को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास के लिये नवाचार पर 2019 के संकल्प में एक आधिकारिक बेंचमार्क के रूप में मान्यता दी गई है।

 

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) :

 

WIPO बौद्धिक संपदा (IP) सेवाओं, नीति, सूचना और सहयोग के लिये वैश्विक मंच है।

 

यह 193 सदस्य देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है।

 

इसका उद्देश्य संतुलित और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय IP प्रणाली के विकास का नेतृत्व करना है जो सभी के लाभ के लिये नवाचार एवं रचनात्मकता को सक्षम बनाता है।