पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(20-July-2023)
गोमती नदी: बारहमासी स्थिति और संरक्षण पर विवाद
(Gomti River: Perennial Status and Controversy over Conservation)

Posted on July 25th, 2023 | Create PDF File

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गोमती नदी जो गंगा नदी की एक महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है, अपनी बारहमासी स्थिति एवं संरक्षण को लेकर विवादास्पद मुद्दों का केंद्र बन गई है।

 

उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग ने सितंबर 2020 में गोमती को "गैर-बारहमासी नदी" घोषित किया था जिसकी जल विशेषज्ञों और नदी अधिकार कार्यकर्त्ताओं ने आलोचना की थी।

 

इसके अतिरिक्त गोमती मानसून के दौरान गंगा को पुनः जलधारा से पूर्ण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिससे यह क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के लिये अपरिहार्य हो जाती है।

 

इस नदी की सुरक्षा की सख्त ज़रूरत को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की एक रिपोर्ट से उज़ागर किया गया है जिसमें वर्ष 2022 तक गोमती को देश की पाँचवीं सबसे प्रदूषित नदी का दर्जा दिया गया था।

 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) :

 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 को किया गया।

 

इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।

 

यह बोर्ड पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।

 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।