वेश्यावृत्ति को कानून सम्मत बनाने की बहस (Discussion to Legalise Prostitution)

Posted on March 26th, 2020 | Create PDF File

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वेश्यावृत्ति को कानून सम्मत बनाने की बहस (Discussion to Legalise Prostitution)

 

वेश्यावृत्ति को कानूनी जामा पह्चनाने को लेकर काफी विवाद रहा है। इसके समर्थक पश्चिमी देशों का अकसर उदाहरण पेश करते हैं जहाँ वेश्यावत्ति को कानून के दायरे में लाया गया है और उनके संरक्षण के लिए कानून बनाए गए हैं। वहीं दूसरी ओर इसके विरोधी इस पेशे को मानव विरोधी मानते हैं और इसके पूर्णत: उन्मूलन पर बल देते हैं। उनका तर्क है कि कोई महिला सहर्ष इसे स्वीकार नहीं करती और अगर इसे पेशा कहा जाता है तो ऐसे लोग ढूंढ़ने पर नहीं मिलेंगे जो अपनी बेटी या बहन से इस पेशे को स्वीकारने के लिए कहेंगे और समाज में गर्व से इसे स्वीकार कर सकेंगे। इसी बहस को और ज्यादा समझने के लिए इसके पक्ष-विपक्ष को बिन्दुवार प्रस्तुत किया गया है।

 

पक्ष में तर्क (Reasons to Support)

 

* चकलाघरों पर पुलिस छापों के समय वेश्याओं को छुड़ाने का पुराना रवैया या फिर नकली ग्राहक भेजकर यौन कर्मियों को पकड़ने का पुलिसिया तरीका ठीक नहीं है क्योंकि ऐसा करने से वेश्यावृत्ति करने वाली स्त्रियां खुले तौर पर काम करने की जगह भूमिगत हो जाती हैं। इससे सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम चलाना मुश्किल हो जाता है जिससे 'एड्स की रोकथाम और सुरक्षित सेक्स' जैसे अभियान विफल हो जाते हैं। अगर वेश्यावृत्ति कानूनी तौर पर सुरक्षित होगी तो ऐसे कार्यक्रम चलाने में बाधा नहीं आएगी।

 

* इस पेशे में ज़्यादातर महिलाएं विवशतावश आती हैं। इसे कानूनी रूप देने से इसमें शामिल महिलाओं एवं लड़कियों के दमन एवं उत्पीड़न पर रोक लग सकती है।

 

* इससे यौन कर्मियों के व्यवसाय के चयन की स्वतंत्रता का सवाल सामने आता है। संविधान के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यवसाय का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं। उसे रोकना संविधान के मूल्यों के विपरीत जाना होगा।

 

* वेश्यावृत्ति भूमिगत व्यापार के रूप में प्रचलित है।वेश्यावृत्ति से होने वाली आय संगठित अपराध एवं आतंकवाद को बढ़ावा देने में निवेश की जाती है। इसे कानूनी रूप से सरकार धन के प्रवाह पर नजर रखने में सक्षम हो सकेगी।

 

* एक बार इस व्यवसाय में शामिल हो जाने के बाद अनेक स्त्रियां इसे ही अपना एकमात्र विकल्प मान लेती हैं। ऐसे में उनकी आजीविका का सवाल सामने आता है।

 

* इसे कानूनी रूप देने से यौन कर्मी बेहतर सौदा करने में सक्षम होंगे। इससे उनमें व्यावसायिकता को बढ़ावा मिलेगा।

 

* वेश्यावृत्ति को कानूनी संरक्षण नहीं मिलने से यौन कर्मियों की असुरक्षा बढ़ी है और भ्रष्टाचार को नए आयाम मिले हैं।वेश्यावृत्ति विरोधी कानूनों से पुलिस राज्य की अवधारणा को बल मिलेगा।

 

* कानूनी रूप देने से वेश्यावृत्ति पर कर लगेगा। इस स्थिति में वेश्यावृत्ति महंगी होगी जिससे स्वाभाविक तौर पर इसकी मांग में गिरावट आ सकती है।

 

* यौन कर्मी एक नागरिक के रूप में अपने नागरिक अधिकारों के इस्तेमाल में सक्षम एवं उत्सुक होंगे।

 

* वेश्यावृत्ति को वास्तव में सम्पूर्ण रूप से खत्म नहीं किया जा सकता है। कई देशों में इसकी कोशिशें की गईं लेकिन सकारात्मक परिणाम नहीं मिल सके। इसलिए बेहतर यही होगा कि वेश्यावृत्ति के संरक्षण के लिए कानून बनाए जाएं।

 

विपक्ष में तर्क (Reasons to Oppose)-

 

* वेश्यावृत्ति को कानूनी रूप देने से सामाजिक मूल्यों को खतरा पहुंच सकता है।छोटे-छोटे बच्चों को इस धंधे में धकेलने का प्रयास किया जा सकता है। वेश्यालयों एवं चकलाघरों का प्रचार समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों द्वारा किया जा सकता है। आवासीय परिसरों में इनकी स्थापना हो सकती है जिससे सांस्कृतिक विकृति आ सकती है।

 

* सेक्स व्यापार के साथ अधिकांशत: हिंसा और अनैतिक कार्य संबद्ध होते हैं। ज़्यादातर अपराधिक तत्वों के साथ इनकी मिलीभगत होती है। इस स्थिति में रिहाइशी इलाकों में ऐसी गतिविधियां उस इलाके की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाएगी।

 

* विश्व में जहाँ भी वेश्यावृत्ति को कानूनी दर्जा दिया गया है वहाँ अवैध वेश्यावृत्ति नहीं रोकी जा सकी है।कानूनी वेश्यावृत्ति महंगी पड़ती है इसलिए कई लोग सस्ते एवं गैर-कानूनी वेश्यावृत्ति को प्राथमिकता देते हैं।

 

* इस व्यवसाय को कानून सम्मत बनाए जाने की मांग करने वालों को स्पष्ट करना चाहिए कि वेश्याओं, दलालों और उनके सहायकों को सम्मान दिलाना किसका कर्तव्य होगा? क्या सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह ऐसा कानून बनाए जिससे लोग वेश्यावृत्ति में लिप्त होने से न हिचकिचाएं? 

 

* जहाँ तक वेश्यावृत्ति का प्रश्न है, दुनियाभर में इस धंधे को अच्छा नहीं माना जाता क्‍योंकि जो वेश्याओं के ग्राहक हैं, वे भी उन्हें सम्मानीय नहीं मानते। अगर वेश्याएं अपने ग्राहकों का भी सम्मान प्राप्त न कर सकी तो शेष समाज का सम्मान वे कैसे हासिल करेंगी?

 

* वेश्याओं से मिलने वाले कर का योगदान कुल प्राप्त करों में अतिसूक्ष्म ही रहेगा।

 

* वेश्यावृत्ति को कानून सम्मत बनाने से इसकी मांग में और बढ़ोत्तरी हो सकती है इसलिए पीड़ितों की संख्या बढ़ने की सम्भावना हो सकती है।

 

* महिलाओं एवं लडकियों द्वारा वेश्या के रूप में कार्य करने से उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन एवं सम्मान को चोट पहुंचती है।