विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 2(4-November-2023)
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी असेंबली
(Sixth Assembly of the International Solar Alliance)

Posted on November 5th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में नई दिल्ली के भारत मंडपम में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance- ISA) की छठी असेंबली का आयोजन किया गया। 

 

असेंबली के प्रमुख तथ्य :

 

असेंबली में  ISA की व्यापक रणनीति पर चर्चा की गई, जिसमें नवीकरणीय स्रोतों में संक्रमण से पहले ऊर्जा पहुँच पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया, इसमें संगठन के सिद्धांत "पहले ऊर्जा पहुँच और फिर ऊर्जा रूपांतरण या हरित ऊर्जा का उपयोग करके ऊर्जा पहुँच" (Access first and then transition) को प्रतिबिंबित किया गया।

 

असेंबली में परियोजनाओं के लिये वाइअबिलटी गैप फंडिंग (VGF) में वृद्धि की घोषणा की गई, विशेष रूप से अफ्रीकी देशों में अधिक निवेश को बढ़ावा देने के लिये इसे 10% से बढ़ाकर 10% से 35% तक करने का निर्णय लिया गया।

 

असेंबली के दौरान ISA द्वारा समर्थित चार परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। ये परियोजनाएँ हैं:

 

मलावी गणराज्य के संसद भवन का सौरीकरण।

 

फिज़ी गणराज्य में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा केंद्रों का सौरीकरण।

 

सेशेल्स गणराज्य में सौर संचालित कोल्ड स्टोरेज की स्थापना।

 

किरिबाती गणराज्य में स्कूल का सौरीकरण।

 

भारत ने सौर ऊर्जा को प्राथमिक ऊर्जा स्रोत बनाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इस बात पर ज़ोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में वर्ष 2030 तक विश्व की कुल विद्युत की 65 प्रतिशत आपूर्ति करने और वर्ष 2050 तक विद्युत क्षेत्र के 90 प्रतिशत को डीकार्बोनाइज़ करने की क्षमता है। 

 

नोट : लगभग 80% वैश्विक आबादी उन देशों में निवास करती है जो जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भर है। 

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन : 

 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के वितरण में वृद्धि के लिये एक सक्रिय तथा सदस्य-संचालित एवं सहयोगी मंच है। इसका मूल उद्देश्य ऊर्जा तक पहुँच को सुविधाजनक बनाना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और अपने सदस्य देशों में ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देना है।

 

शुरुआत में भारत और फ्राँस के संयुक्त प्रयास के रूप में ISA की संकल्पना 2015 में 21वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP21) के दौरान की गई थी।

 

वर्ष 2020 में इसके फ्रेमवर्क समझौते में संशोधन के साथ सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश ISA में शामिल होने के लिये पात्र हैं।

 

वर्तमान में 116 देश हस्ताक्षरकर्त्ता हैं, जिनमें से 94 ने पूर्ण सदस्य बनने के लिये आवश्यक अनुसमर्थन पूरा कर लिया है।

 

ISA अपनी 'टुवर्ड्स 1000' रणनीति द्वारा निर्देशित है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना है, जबकि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का उपयोग करके 1,000 मिलियन लोगों तक ऊर्जा पहुँच प्रदान करना है तथा परिणामस्वरूप 1,000 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना करना है।

 

इससे प्रत्येक वर्ष 1,000 मिलियन टन CO2 के वैश्विक सौर उत्सर्जन को कम करने में सहायता मिलेगी।

 

असेंबली ISA की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है।

 

यह निकाय ISA के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु किये जाने वाले समन्वित कार्यों से संबंधित निर्णय लेता है।