विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1(14-July-2023)
सागर संपर्क
(Sagar Sampark)

Posted on July 17th, 2023 | Create PDF File

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भारत के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने 'सागर संपर्क' नामक एक प्रणाली का उद्घाटन किया है, यह समुद्री उद्योग में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। 

 

सागर संपर्क :

  

यह एक स्वदेशी डिफरेंशियल ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (DGNSS) है।

 

DGNSS एक स्थल आधारित संवर्द्धन प्रणाली है जो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) में त्रुटियों को ठीक करती है जिससे अधिक सटीक स्थिति की जानकारी मिलती है।

 

यह सेवा नाविकों को सुरक्षित नेविगेशन में मदद करेगी और बंदरगाह तथा बंदरगाह क्षेत्रों में टकराव, ग्राउंडिंग और दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करेगी। इससे जहाज़ों की सुरक्षित और कुशल आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी। 

 

विशेषताएँ :  

 

सटीकता में सुधार :

 

यह वायुमंडलीय अनुमान, उपग्रह घड़ी और अन्य कारकों के कारण होने वाली त्रुटियों को कम करते हुए GPS स्थिति की सटीकता में काफी सुधार करता है। 

 

अतिरेक एवं उपलब्धता :

 

DGNSS GPS एवं ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GLONASS) जैसे कई उपग्रह समूहों को शामिल करता है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार बढ़ी हुई उपलब्धता एवं अतिरेक सुनिश्चित करता है।

 

सटीक स्थिति निर्धारण :

 

नाविक अब नवीनतम DGNSS प्रणाली का उपयोग करके 5 मीटर के भीतर अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं, जिससे बेहतर नेविगेशन सक्षमता के साथ त्रुटि की संभावना कम होती है।

 

अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना :

 

DGNSS अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO), समुद्र में जीवन की सुरक्षा (SOLAS) एवं नेविगेशन और लाइटहाउस अथॉरिटीज़ (IALA) के लिये समुद्री सहायता के अंतर्राष्ट्रीय संघ के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करता है।

 

समुद्र में जीवन की सुरक्षा :

 

समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (SOLAS), व्यापारिक जहाज़ों की सुरक्षा से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संधि है।  

 

यह सुनिश्चित करता है कि जहाज़ निर्माण, उपकरण एवं जहाज़ों के संचालन में न्यूनतम सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हैं। 

 

 

नेविगेशन एवं लाइटहाउस अथॉरिटीज़ के लिये समुद्री सहायता का अंतर्राष्ट्रीय संघ :

 

IALA एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी संघ है।

 

वर्ष 1957 में स्थापित IALA अपने सदस्यों को विश्व में नेविगेशन के लिये समुद्री सहायता को सुसंगत बनाने के साथ पर्यावरण की रक्षा करते हुए जहाज़ों की सुरक्षित, शीघ्र और लागत प्रभावी आवाजाही सुनिश्चित करने के लिये सामान्य प्रयास द्वारा एक साथ काम करने के लिये प्रोत्साहित करता है।