कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1(13-July-2023)
लम्बानी कला
(Lambani Art)

Posted on July 17th, 2023 | Create PDF File

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कर्नाटक के हम्पी में G20 संस्कृति कार्य समूह (CWG) की तृतीय बैठक एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखी गई, क्योंकि इस कार्यक्रम में 'थ्रेड्स ऑफ यूनिटी' शीर्षक से 'लम्बानी वस्तुओं के सबसे बड़े प्रदर्शन' के लिये गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया गया था।

 

इस उपलब्धि ने कर्नाटक में खानाबदोश लम्बानी समुदाय की 450 से अधिक लम्बानी महिला कारीगरों और सांस्कृतिक अभ्यासकर्ताओं के सामूहिक प्रयासों को प्रदर्शित किया।

 

लम्बानी कारीगरों का समर्थन करके यह पहल महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता में योगदान देती है। यह CWG की तीसरी प्राथमिकता 'सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना' के अनुरूप है।

 

लम्बानी कला : 

 

लम्बानी कला, लम्बानी या बंजारा समुदाय द्वारा प्रचलित कपड़ा अलंकरण का एक रूप है, जो भारत के कई राज्यों विशेषकर कर्नाटक में रहने वाला एक खानाबदोश समूह है।

 

इसकी विशेषता रंगीन धागे, दर्पण का काम के साथ ढीले बुने हुए कपड़े पर सिलाई पैटर्न की समृद्ध शृंखला है।

 

इसमें एक सुंदर पैचवर्क बनाने के लिये अनुपयोगी कपड़े के छोटे टुकड़ों को कुशलतापूर्वक एक साथ सिलाई करना भी शामिल है।

 

इसे एक टिकाऊ अभ्यास के रूप में मान्यता प्राप्त है जो रीसाइक्लिंग के साथ पुन:उपयोग के सिद्धांत पर काम करता है।

 

लम्बानी कढ़ाई तकनीक तथा सौंदर्यशास्त्र पूर्वी यूरोप, पश्चिम एशिया और मध्य एशिया में कपड़ा निर्माण की परंपराओं के साथ समानता रखते हैं, जो वैश्विक कपड़ा कला के अंतर्संबंध को प्रदर्शित करते हैं।

 

संदुर लम्बानी कढ़ाई, कर्नाटक के संदुर क्षेत्र की एक विशिष्ट प्रकार की लम्बानी कला को वर्ष 2010 में भौगोलिक संकेतक टैग प्रदान किया गया था।

 

 

G20 संस्कृति कार्य समूह : 

 

G20 संस्कृति मंत्रियों ने वर्ष 2020 में पहली बार बैठक की और G20 एजेंडा को आगे बढ़ाने में संस्कृति के अंतर्संबंधित योगदान पर प्रकाश डाला।

 

विकास के विभिन्न पहलुओं पर संस्कृति के प्रभाव को देखते हुए अन्य नीति क्षेत्रों के साथ इसके तालमेल को स्वीकार करते हुए इसे वर्ष 2021 में संस्कृति कार्य समूह के रूप में G20 एजेंडे में एकीकृत किया गया था।

 

G20 संस्कृति कार्य समूह शेरपा ट्रैक के हिस्से के रूप में वर्ष 2023 में G20 प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने के लिये भारतीय अध्यक्षता में स्थापित 13 विषयगत कार्य समूहों में से एक है।

 

संस्कृति कार्य समूह के प्राथमिकता क्षेत्र :  

 

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण और पुनर्स्थापन

 

धारणीय भविष्य के लिये जीवंत विरासत का दोहन

 

सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों तथा रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना

 

संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना