पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(15-July-2023)यमुना नदी का बढ़ता जल स्तर(Rising water level of Yamuna river)
Posted on July 17th, 2023 | Create PDF File
यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण दिल्ली इस समय गंभीर जलजमाव संकट का सामना कर रही है। जल स्तर बढ़कर 208.13 मीटर हो गया है, जो 1963 के बाद से उच्चतम दर्ज स्तर है।
यमुना के बढ़ते जल स्तर का कारण और प्रभाव :
कारण :
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब जैसे ऊपरी राज्यों में हाल ही में हुई भारी बारिश को यमुना नदी के स्तर में वृद्धि का मुख्य कारण माना जाता है।
दिल्ली में यमुना के अनियंत्रित प्रवाह के लिये ज़िम्मेदार हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ा जाना है।
प्रभाव :
यमुना के जल स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली के निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं तथा परिवहन एवं जल आपूर्ति भी बाधित हुई है।
दिल्ली में जल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है क्योंकि दिल्ली सरकार ने यमुना के बढ़ते जल स्तर के कारण तीन जल उपचार संयंत्रों को बंद करने के पश्चात् आपूर्ति में 25% की कटौती करने का निर्णय लिया है।
यमुना नदी :
यमुना नदी उत्तर भारत में गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है।
यह विश्व के व्यापक जलोढ़ मैदानों में से एक यमुना-गंगा मैदान का एक अभिन्न भाग है।
स्रोत :
इसका स्रोत निचली हिमालय पर्वतमाला में बंदरपूंँछ शिखर के दक्षिण-पश्चिमी किनारों पर 6,387 मीटर की ऊँचाई पर यमुनोत्री ग्लेशियर में स्थित है।
बेसिन :
यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम (जहाँ कुंभ मेला आयोजित होता है) स्थल पर गंगा में मिल जाती है।
महत्त्वपूर्ण बाँध :
लखवार-व्यासी बाँध (उत्तराखंड), ताजेवाला बैराज बाँध (हरियाणा) आदि।
महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ :
चंबल, सिंध, बेतवा और केन।
यमुना नदी से संबंधित सरकारी पहल :
यमुना एक्शन प्लान :
फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने के लिये दिल्ली सरकार की छह सूत्री कार्य योजना