साहित्य समसामयिकी 1 (28-January-2022)
क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली
(Regional Rapid Transport System (RRTS))

Posted on January 28th, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (Regional Rapid Transit System- RRTS) के अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि आरआरटीएस (RRTS)लगभग 1.5 लाख निजी वाहनों को सड़क से हटाकर कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करेगी।

 

यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर गाजियाबाद से होते हुए मेरठ (उत्तर प्रदेश) के मोदीपुरम पहुंचेगा।

 

राष्ट्रीय राजधानी में अपनी तरह का पहला आरआरटीएस है जिसकी ट्रैक पर ट्रेन की औसत रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रहेगी और यात्री 50-60 मिनट में मेरठ पहुँच सकेगें।

 

योजना आयोग द्वारा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लिये एक मल्टी मोडल ट्रांजिट सिस्टम विकसित करने हेतु शहरी विकास मंत्रालय (Ministry of Urban Development ) के सचिव की अध्यक्षता में वर्ष 2005 में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था।

 

इसे क्षेत्रीय केंद्रों को जोड़ने वाली ‘क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली’ (RRTS) पर विशेष ज़ोर देने के साथ एनसीआर 2032 के लिये एकीकृत परिवहन योजना में शामिल किया गया था।

 

टास्क फोर्स ने 8 कॉरिडोर की पहचान की और कार्यान्वयन हेतु तीन कॉरिडोर अर्थात् दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर को प्राथमिकता दी।

 

RRTS :

 

‘क्षेत्रीय तीव्र पारगमन प्रणाली’  NCR में क्षेत्रीय नोड्स को जोड़ने वाली एक नई, उच्च गति, उच्च क्षमता, आरामदायक कम्यूटर सेवा है।

 

RRTS परंपरागत रेलवे से भी अलग है क्योंकि यह उसकी तुलना में अधिक विश्वसनीय है तथा उच्च गति के साथ अधिक चक्र पूरे करती है।

 

RRTS मेट्रो से अलग है क्योंकि इसमें मेट्रो की तुलना में कम स्टॉप और अधिक गति होती है तथा अपेक्षाकृत लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है।

 

इच्छित लाभ :

 

पर्यावरण के अनुकूल: कॉरिडोर से कुल वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से  2.5 लाख टन CO2 के कम उत्सर्जित होने का अनुमान है जिससे शहर स्वच्छ और रहने के लिये एक बेहतर जगह बन जाएगे ।

 

आर्थिक विकास : कॉरिडोर के साथ सार्वजनिक परिवहन के उपयोग की हिस्सेदारी को 37% से बढ़ाकर 63% करने का अनुमान है। 

 

हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के परिणामस्वरूप पूरे क्षेत्र का संतुलित आर्थिक विकास होगा, जिससे एक ही स्थान पर होने वाली सभी आर्थिक गतिविधियों के बजाय समाज के सभी वर्गों और विकास के कई बिंदुओं पर आर्थिक लाभ मिलेगा।

 

सतत्  शहरीकरण : यह परियोजना भारत के अन्य शहरी क्षेत्रों में उच्च क्षमता वाले रैपिड शहरी ट्रांज़िट कॉरिडोर विकसित करने हेतु एक मॉडल के रूप में काम करेगी।

 

यह NCR में यातायात की भीड़ और परिवहन क्षेत्र से कुल उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी।