विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) बेंगलुरु के शोधकर्त्ताओं ने एक अनूठा पेंट पेश किया है जिसमें रेडिएटिव कूलिंग का प्रयोग किया जाता है।
बढ़ते वैश्विक तापमान और संधारणीय शीतलन समाधानों की अत्यधिक आवश्यकता के मद्देनजर, यह नवीन, लागत प्रभावी एवं पर्यावरण-अनुकूल रेडिएटिव कूलिंग तकनीक एक प्रभावी समाधान के रूप में सामने आई है।
रेडिएटिव कूलिंग तकनीक :
रेडिएटिव कूलिंग तकनीक एक ऐसी विधि है जिसे वायुमंडल में थर्मल विकिरण उत्सर्जित करके किसी वस्तु से उष्मा को खत्म करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिससे वस्तु का तापमान कम हो जाता है।
यह तकनीक वायुमंडलीय संचरण विंडो (8-13 µm) का उपयोग करके अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों (लगभग 3 केल्विन) में सीधे थर्मल विकिरण उत्सर्जित करके ठंडी सतहों के निर्माण में सहायता करती है।
यह प्रक्रिया विशेष रूप से बिज़ली की निर्भरता के बिना होती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (JNCASR) बेंगलुरु के शोधकर्त्ताओं ने एक अनूठा पेंट पेश किया है जिसमें रेडिएटिव कूलिंग का प्रयोग किया जाता है।
बढ़ते वैश्विक तापमान और संधारणीय शीतलन समाधानों की अत्यधिक आवश्यकता के मद्देनजर, यह नवीन, लागत प्रभावी एवं पर्यावरण-अनुकूल रेडिएटिव कूलिंग तकनीक एक प्रभावी समाधान के रूप में सामने आई है।
रेडिएटिव कूलिंग तकनीक :
रेडिएटिव कूलिंग तकनीक एक ऐसी विधि है जिसे वायुमंडल में थर्मल विकिरण उत्सर्जित करके किसी वस्तु से उष्मा को खत्म करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिससे वस्तु का तापमान कम हो जाता है।
यह तकनीक वायुमंडलीय संचरण विंडो (8-13 µm) का उपयोग करके अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों (लगभग 3 केल्विन) में सीधे थर्मल विकिरण उत्सर्जित करके ठंडी सतहों के निर्माण में सहायता करती है।
यह प्रक्रिया विशेष रूप से बिज़ली की निर्भरता के बिना होती है।