व्यक्ति विशेष समसामयिकी 2 (12-June-2021)^प्रोफेसर राधा मोहन^(Professor Radha Mohan)
Posted on June 13th, 2021
हाल ही में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर राधा मोहन का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।
ओडिशा के पूर्व सूचना आयुक्त और अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राधा मोहन और उनकी बेटी को जैविक तकनीकों का उपयोग करके बंजर भूमि के एक टुकड़े को दुर्लभ उपज वाले एक विशाल जंगल के रूप में बदलने का श्रेय दिया जाता है।
कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिये उन्हें वर्ष 2020 में उनकी बेटी साबरमती के साथ पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 1990 में उन्होंने 'संभव' नामक एक सामाजिक संगठन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के बारे में शिक्षित करना है।
वर्ष 1943 में ओडिशा के नयागढ़ ज़िले में जन्मे राधा मोहन ने अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की।
इसके पश्चात् उन्हें राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया, साथ ही उन्होंने राज्य के विभिन्न कॉलेजों में अर्थशास्त्र भी पढ़ाया।
व्यक्ति विशेष समसामयिकी 2 (12-June-2021)प्रोफेसर राधा मोहन(Professor Radha Mohan)
हाल ही में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर राधा मोहन का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।
ओडिशा के पूर्व सूचना आयुक्त और अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राधा मोहन और उनकी बेटी को जैविक तकनीकों का उपयोग करके बंजर भूमि के एक टुकड़े को दुर्लभ उपज वाले एक विशाल जंगल के रूप में बदलने का श्रेय दिया जाता है।
कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिये उन्हें वर्ष 2020 में उनकी बेटी साबरमती के साथ पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 1990 में उन्होंने 'संभव' नामक एक सामाजिक संगठन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के बारे में शिक्षित करना है।
वर्ष 1943 में ओडिशा के नयागढ़ ज़िले में जन्मे राधा मोहन ने अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की।
इसके पश्चात् उन्हें राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया, साथ ही उन्होंने राज्य के विभिन्न कॉलेजों में अर्थशास्त्र भी पढ़ाया।