polity practice chapter 1

Posted on December 13th, 2020 | Create PDF File

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1. इनमें कौन-सा संविधान का कार्य नहीं है?


(क) यह नागरिकों के अधिकार की गारण्टी देता है।
(ख) यह शासन की विभिन्न शाखाओं की शक्तियों के अलग-अलग क्षेत्र का रेखांकन | करता है।
(ग) यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में अच्छे लोग आएँ।
(घ) यह कुछ साझे मूल्यों की अभिव्यक्ति करता है।

उत्तर-


(ग) यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता में अच्छे लोग आएँ।


प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-सा कथन इस बात की एक बेहतर दलील है कि संविधान की प्रमाणिकता संसद से ज्यादा है?


(क) संसद के अस्तित्व में आने से कहीं पहले संविधान बनाया जा चुका था।
(ख) संविधान के निर्माता :संसद के सदस्यों से कहीं ज्यादा बड़े नेता थे।
(ग) संविधान ही यह बताता है कि संसद कैसे बनाई जाए और इसे कौन-कौन सी शक्तियाँ प्राप्त होंगी।
(घ) संसद, संविधान का संशोधन नहीं कर सकती।


उत्तर-


(ग) संविधान ही यह बताता है कि संसद कैसे बनाई जाए और इसे कौन-कौन सी शक्तियाँ प्राप्त होंगी।

 

प्रश्न 3.


बताएँ कि संविधान के बारे में निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत-


(क) सरकार के गठन और उसकी शक्तियों के बारे में संविधान एक लिखित दस्तावेज है।
(ख) संविधान सिर्फ लोकतांत्रिक देशों में होता है और उसकी जरूरत ऐसे ही देशों में होती है।
(ग) संविधान के कानूनी दस्तावेज हैं और आदर्शों तथा मूल्यों से इसका कोई सरोकार नहीं।
(घ) संविधान एक नागरिक को नई पहचान देता है।

उत्तर-


(क) सही, (ख) गलत, (ग) गलत, (घ) सही।

 

प्रश्न -


रजत ने अपने शिक्षक से पूछा–“संविधान एक 70 साल पुराना दस्तावेज है और इस कारण पुराना पड़ चुका है। किसी ने इसको लागू करते समय मुझसे राय नहीं माँगी। यह इतनी कठिन भाषा में लिखा हुआ है कि मैं इसे समझ नहीं सकता। आप मुझे बताएँ कि मैं इस दस्तावेज की बातों का पालन क्यों करू?” अगर आप शिक्षक होते तो रजत को क्या उत्तर देते?

 

उत्तर-


यदि मैं रजत का शिक्षक होता तो उसके प्रश्न का संक्षेप में निम्नलिखित उत्तर देता भारत का संविधान एक गतिशील जीवन्त दस्तावेज है। भारत ने जो संविधान अपनाया है, वह 70 वर्षों से भी अधिक समय से अस्तित्व में है। इस अवधि में हम भारत के लोग अनेक दबावों और तनावों से गुजरे हैं। जून, 1975 में आपात्काल की घोषणा एक दुःखद घटना थी। ऐसी घटना एक लोकतान्त्रिक देश में कभी नहीं घटनी चाहिए थी। संसद सर्वोच्च है या न्यायपालिका-इस विषय पर एक तीखा विवाद उठा था। किन्तु समय के साथ-साथ कठिन परिस्थितियाँ अपने आप सुलझती चली गईं। संविधान आज भी सजीव और सशक्त है।

 

भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। तब से लेकर सन् 2020 तक इसमें 104 संशोधन किए जा चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में संशोधनों के बाद भी यह संविधान 70 वर्षों से अधिक समय से अस्तित्व में है। अतः इस संविधान को 70 साल से भी अधिक पुरानी दस्तावेज कहना गलत है। इस संविधान को बीते दिनों की पुस्तक इसलिए भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह कठोर होने के साथ-साथ पर्याप्त रूप से लचीला भी है। देश में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के लिए इसमें परिवर्तन भी किया जा सकता है। संविधान में प्रस्तुत किए गए अधिकांश प्रावधानों की प्रकृति इस प्रकार की है कि उन्हें कभी पुराना नहीं कहा जा सकता।

 

इस संविधान की रचना उस संविधान सभा द्वारा की गई है जिसमें 82 प्रतिशत सदस्य कांग्रेस के प्रतिनिधि थे और कांग्रेस देश के सभी वर्गों, धर्मों, विचारधाराओं और जातियों का प्रतिनिधित्व करती थी। ये सभी व्यक्ति अत्यधिक योग्य और अनुभवी थे। अतः यह कथन भी तर्कसंगत नहीं है कि संविधान निर्माताओं द्वारा आपसे राय नहीं ली गई। जो संविधान सभा संविधान निर्माण का कार्य कर रही थी—वह सम्पूर्ण देश का प्रतिनिधित्व कर रही थी-अर्थात् वह आपका भी प्रतिनिधित्व कर रही थी। भारतीय संविधान का प्रारूप देश की बदलती परिस्थितियों के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने में पूरी तरह से सक्षम है।