राष्ट्रीय मतदाता दिवस
(National Voters Day)

Posted on January 25th, 2019 | Create PDF File

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आज यानी 25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे मनाया जा रहा है, देश में हर साल इस तारीख को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के तौर पर मनाया जाता है, ये दिन देश को खासकर युवा मतदाताओं को मतदान और राजनीतिक प्रतिक्रिया के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है, इस दिन को देश के लोकतंत्र का त्योहार भी कह सकते हैं, इस दिन वोट देने की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जश्न का दिन होता है।

 

25 जनवरी को ही हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है, बता दें कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस सबसे पहले साल 2011 को 25 जनवरी को मनाना शुरू किया गया था, 25 जनवरी, 1950 को भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना की गई थी, इसलिए 2011 से इस दिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का फैसला किया गया।

 

इस साल ये नौवां मतदाता दिवस है. इस बार की थीम रखी गई है- ‘No Voter to be Left Behind’, यानी कोई भी मतदाता पीछे नहीं छूटना चाहिए।

 

चुनाव आयोग ने 2009 में चुनावी प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नई सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन स्ट्रेटजी (SVEEP) अपनाई थी।

 

चुनाव आयोग देश में राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव, लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव करवाता है, इस दिन का उद्देश्य देश के वोटरों को उनके अधिकारों और लोकतंत्र के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाना है, खासकर हर साल जुड़ रहे युवा मतदाताओं को इस प्रक्रिया में शामिल करना है।

 

आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर हम आपको आपके ही अधिकारों से परीचित कराने जा रहे हैं-

 

*इलेक्शन कमीशन एक व्यक्ति को निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में रजिस्टर करता है। लेकिन ध्यान रखें कि एक बार निवास स्थान बदलने के बाद ईसी को सूचित किया जाना चाहिए। लेकिन आपको ये भी पता होना चाहिए कि एक से ज्यादा जगहों पर खुद को वोटर के रूप में रजिस्टर करना कानूनी अपराध है। इसके लिए आपको सजा भी हो सकती है।

 

*निर्वाचन आयोग मतदाता को एक फोटो पहचान पत्र प्रदान करता है, जिसे निर्वाचकों का फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) कहा जाता है।

आपके फोटो और पते के साथ, आपका चुनावी रोल नंबर होता है, जिससे मतदान अधिकारी आसानी से आपकी पहचान कर सकते हैं। हालांकि, जब आप अपना वोट डालें तो अपना मतदाता आईडी लेना अनिवार्य नहीं है। अन्य वैध फोटो पहचान, जैसे कि पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन आदि आपके फ्रैंचाइजी का इस्तेमाल करने के लिए काफी हैं।

 

*एक व्यक्ति तभी केवल वोट दे सकता है जब उसका नाम चुनावी लिस्ट में हो। यदि किसी भी कारण से मतदाता सूची से नाम हटा दिया गया है तो आपके पास भले ही वोटर आईडी हो, आपको वोट डालने का अधिकार नहीं होगा।

 

*जब कोई दूसरा भारतीय दूसरे देश का नागरिक बन जाए, तो वह भारत में वोटिंग के सारे अधिकार खो देता है।

आपको शायद न पता हो, लेकिन एक प्रेसिडेंट ऑफिसर आपको मतदान करने से रोक सकता है, अगर ये पाया जाता है कि आप कोई गलत काम कर रहे हैं। ये अपराध है।

 

*नामांकन के समय, उम्मीदवारों को उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि, आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्ति का विवरण जमा करना चाहिए। एक मतदाता नामांकन फॉर्म की कॉपी और रिटर्निंग ऑफिसर से उम्मीदवार द्वारा दायर शपथ पत्र प्रस्तुत कर सकता है, चाहे वह व्यक्ति निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित है या नहीं। आचार संहिता नियमों का नियम 49 पी मतदाताओं को "निविदात्मक मतपत्र पेपर" का उपयोग करके मतदान करने की अनुमति देता है।

प्रेसीडिंग अधिकारी इसे एकत्र करेगा और इसे अलग रखेगा।

 

*प्रॉक्सी वोटिंग इंडियन आर्मी के जवानों के लिए एक विकल्प है। इसके तहत व्यक्ति अपनी तरफ से मतदान करने के लिए एक ही मतदान बूथ क्षेत्र में रहने वाले किसी अन्य व्यक्ति को हायर कर सकता है। यह विकल्प उपर्युक्त कर्मियों की पत्नियों के लिए भी उपलब्ध है, लेकिन पति के लिए नहीं।