polity chapter theory 5

Posted on December 17th, 2020 | Create PDF File

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विधायिका

 

* संघ की विधायिका को संसद कहा जाता है, यह राष्ट्रपति और दोनों सदन, जो राज्य परिषद (राज्य सभा) और जनता का सदन (लोक सभा) कहलाते है, से बनती है। राज्यों की विधायिका को विधानमंडल कहते हैं।लोकत्ंत्रीय शासन में विधायिका का महत्व बहुत अधिक होता है। भारत में संसदीय शासन प्रणाली अपनायी गयी है जो कि ब्रिटिश प्रणाली पर आधारित हैं।

 

* सरकार के तीन अंग होते है: विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।विधायिका का चुनाव जनता द्वारा होता है, इसलिए यह जनता का प्रतिनिधि बनकर कानून का निर्माण करती है। 

 

* द्वि-सदनात्मक राष्ट्रीय विधायिका का पहला लाभ समाज के सभी वर्गों और देश के सभी क्षेत्रों को समुचित प्रतिनिधित्व दे सकें। दूसरा लाभ संसद के प्रत्येक निर्णय पर दूसरे सदन में पुनर्विचार हो।

* भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्यसभा हैं इसके अधिकतम 250 सदस्य होते है जिनमें 12 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत और 238 राज्यों द्वारा अप्रत्यक्ष चुनाव द्वारा निर्वाचित होते हैं। इनका निर्वाचन 6 वर्ष के लिए किया जाता है|राज्य सभा एक स्थायी सदन है। प्रत्येक 2 वर्ष बाद इसमें एक तिहाई सदस्यों का चुनाव होता है। मनोनीत सदस्य साहित्य, विज्ञान, कला, समाजसेवा, खेल आदि क्षेत्रों से लिये जाते है।

 

* अमेरिका के द्वितीय सदन (सीनेट) में प्रत्येक राज्य को समान प्रतिनिधित्व दिया गया है भारत में अधिक जनसंख्या वाले राज्य को अधिक व कम जनसंख्या वाले राज्य को कम प्रतिनिधित्व दिया गया है।

राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यताएं--

-वह भारत का नागरिक हो

- 30 वर्ष की आयु का हो ।

- इनका निर्वाचन एकल संक्रमणीय अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से होता है।

 

 

* लोकसभा भारतीय संसद का निम्न सदन है। इसमें अधिकतम 550 सदस्य हो सकते है। वर्तमान में लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य है,लोकसभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता हैं इसका कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है परंतु उसे समय से पहले भी भंग किया जा सकता है।

 

भारत में संसदीय शासन प्रणाली होने के कारण लोकसभा अधिक शक्तिशाली है क्योंकि इसके सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से होता है। इसे कार्यपालिका को हटाने को शक्ति भी प्राप्त है।

 

- लोकसभा की विशेष शक्ति: धन विधेयक प्रस्तुत करना उसे संशोधित व अस्वीकार कर सकती है।

-  मंत्रिपरिषद केवल लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है।

 

संसद के प्रमुख कार्य:-

 

* कानून बनाना।

* कार्यपालिका पर नियंत्रण।

* वित्तीय कार्य: बजट पारित करना

* संविधान संशोधन।

* निर्वाचन संबंधी कार्य ।

* न्यायिक कार्य |

* बहस का मंच।

 

 

* भारतीय संघात्मक सरकार में  28 राज्य 8 केंद्र शासित इकाईयों को मिलाकर भारत में संघीय शासन की स्थापना करती है ।

* भारत के प्रत्येक राज्य में विधानमंडल की व्यवस्था एक समान नहीं है। कुछ राज्यों में एक सदनीय तथा कुछ राज्यों में ट्वि-सदनीय व्यवस्था है।

* राज्यों में कानून निर्माण का कार्य विधानमंडलों को दिया गया है-

* निम्न सदन को विधानसभा

* उच्च सदन को विधान परिषद कहा जाता है।

 

द्विसदनीय राज्य:-

- उत्तर प्रदेश,तेलंगाना, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश, सात राज्य बाकी सभी राज्य एक सदनीय है।

 

विधानमंडल की शक्तियां-

 

* विधायी कार्यशक्ति

* वित्तीय शक्तियां।

* कार्यपालिका शक्तियां।

* चुनाव संबंधी कार्य।

* संविधान संशोधन सबंधी शक्तियाँ ।

 

विधान परिषद की शक्तियां-


* विधायी शक्तियां।

वित्तीय शक्तियां ।

 

दोनों सदन राज्य विधानपालिका के आवश्यक अंग होते हुए भी संविधान ने विधानसभा को बहुत शक्तिशाली व प्रभावशाली स्थिति  प्रदान की है।