स्थानीय स्व-शासन का परिचय-2 (ग्राम सभा कैसे आयोजित होती है?)
(Introduction to local self government- How is the Gram Sabha organized?)

Posted on February 1st, 2019 | Create PDF File

hlhiuj

ग्राम सभा में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी सदस्यों को औपचारिक और अनिवार्य रूप से समय पर सूचित किया जाना चाहिए। हालांकि, हम अनुभव से यह जानते हैं कि केवल सूचना दे देने से लोगों की भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो जाती। उनकी भागीदारी सरपंच/अध्यक्ष की नेतृत्व क्षमता; उनके काम करने के तरीके और लोगों से जुड़ने की उनकी क्षमता पर निर्भर करती है। यदि सरपंच/अध्यक्ष मिलनसार स्वभाव के हैं तो वह जानते हैं कि अधिकारियों तथा लोगों के साथ कैसे घुलामिला जाए और यदि उनके काम करने का तरीका सहभागितापूर्ण और पारदर्शी होता है, तो कोई कारण नहीं कि लोग ग्राम सभा की बैठकों में न शामिल हों।

 

औपचारिक अधिसूचना-

 


ग्राम सभा के आयोजन से पहले सूचना जारी करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसका व्यापक प्रचार करना जरूरी होता है।


इसी तरह, ग्राम सभा के सभी मतदाताओं को निर्धारित तिथि से कम से कम एक सप्ताह पहले सूचित करना जरूरी होता है। सूचना में ग्राम सभा की तिथि, समय, स्थल और एजेंडे का उल्लेख अनिवार्य रूप से होना चाहिए। ग्राम सभा की सूचना ढोल बजाकर और पंचायत भवन, स्कूलों तथा स्थानीय बाजार में नोटिस चिपकाकर भी दी जा सकती है।


ग्राम सभा का एजेंडा सरल भाषा में साफ-साफ लिखा होना चाहिए ताकि लोग उसे आसानी से समझ सकें।

 


सभी वर्गों से लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना-

 


ग्राम विकास की योजना तैयार करते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग तथा समाज के अन्य कमजोर तबकों के लोगों के उत्थान पर बल दिया जाना चाहिए। ग्राम सभा की बैठकों में हमें उनकी बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए और उन्हें अपनी जरूरतों और शिकायतों के बारे में आपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए। उनकी अच्छी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ग्राम सभा के आयोजन के बारे में जानकारी खासतौर पर उन इलाकों में व्यापक रूप से पहुंचाई जानी चाहिए जहां अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य कमजोर तबकों के लोग रहते हैं। यदि उनकी शिकायतें अगली ग्राम सभा बैठक से पहले दूर हो जाती है तो ग्राम सभा में उनका विश्वास बढ़ता है और वे ग्राम सभा की बैठकों को नियमित भाग लेने में दिलचस्पी रखने लगते हैं।

 

ग्राम सभा में महिलाओं की भागीदारी-

 


आमतौर पर ग्राम सभा में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम रहती है और यदि उनकी मौजूदगी होती भी है तो वे अपनी बात कहने और महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को उठाने में अनुकूल माहौल के अभाव के कारण कठिनाई महसूस करती हैं। हालांकि राज्यों के महिला स्वयं सहायता समूहों ने ग्राम स्तर पर समूह गठित किए हैं और बचत, ऋण आदि जैसे मुद्दों पर रुचि दिखाई है, लेकिन ग्राम सभा में शिरकत करने के मामले में वे अब भी अनिच्छुक हैं। ऐसी परिस्थिति में ग्राम पंचायत को उचित कदम उठाने चाहिए और महिला स्वयं सहायता समूहों तथा ग्राम संगठनों के जरिए सक्रिय प्रचार एवं जागरुकता द्वारा ग्राम सभा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। यह काम महिला वार्ड सदस्यों तथा अन्य सदस्यों की मदद से किया जा सकता है। महिला केंद्रित समस्याओं पर चर्चा करनी चाहिए और उन्हें सुलझाने के उपाय करने चाहिए। ग्राम सभा में निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को शामिल करने के लिए महाराष्ट्र राज्य में ग्राम सभा की बैठकों से पहले अलग से महिला ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है। इससे महिलाओं से जुड़ी समस्याओं पर उचित प्रस्ताव सुनिश्चित होता है।

 

ग्राम सभा के लिए आवश्यक कोरम-

 


ग्राम सभा की बैठकों का कोरम ग्राम पंचायत बैठकों के सदस्यों/मतदाताओं की संख्या का एक बटा दस होना चाहिए। यदि पहली बैठक कोरम पूरा करने की मंशा से स्थगित की जाती है तो बैठक किसी अगली तारीख को होगी और इसकी प्रक्रिया राज्य के कानूनी प्रावधानों के अनुसार चलेगी।

 

ग्राम सभा में चर्चा किए जाने वाले विषय-


यद्यपि, ग्राम सभा ग्राम पंचायत से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए स्वतंत्र है, कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं जिनपर अनिवार्य रूप से चर्चा की जानी चाहिए। ये मुद्दे निम्नलिखित हैं:

 

*ग्राम पंचायत का वार्षिक लेखा विवरण।


*पिछले वित्त वर्ष की रिपोर्ट। अंतिम लेखा परीक्षा नोट और ग्राम पंचायत का उत्तर, यदि कोई हो तो।


*अगले वित्त वर्ष के लिए ग्राम पंचायत का बजट।


*पिछले साल से संबंधित ग्राम पंचायत के विकास कार्यक्रमों के बारे में रिपोर्ट।


*वर्तमान वर्ष में क्रियान्वित किए जाने वाले विकास कार्यक्रम।


*विजिलेंस समिति की रिपोर्ट।


*वार्ड सभा की अनुशंसाएं।


*ग्राम सभा उन प्रस्तावों पर विचार कर सकती है जिसे यह वार्ड के लिए महत्वपूर्ण समझती है, बावजूद इसके कि वार्ड सभा ने इसे एजेंडे में शामिल न किया हो।


*योजना कार्यक्रमों के लिए कोष का उपयोग।