polity notes chapter 1 theory

Posted on December 13th, 2020 | Create PDF File

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संविधान क्‍यों और कैसे ?

 

संविधान क्या हैं?

 

- किसी देश का संविधान उसकी राजनीतिक प्रक्रिया का वह मूलभूत ढांचा निर्धारित करता है, जिसके द्वारा उसकी जनता शासित होती है।

 

- संविधान किसी राज्य की सरकार के तीनों प्रमुख अंगों (विधायिका,कार्यपालिका और न्यायपालिका) की स्थापना करता है।

 

- संविधान सरकार के तीनों अंगो की शक्तियों की व्याख्या करता है तथा साथ ही उनके कर्त्तव्यों की सीमा तय करता है।

 

- संविधान सरकार के तीनों अंगों के बीच आपसी सम्बन्धों तथा उनका जनता के साथ, संबंधों, का विनियमन करता है।

 

- संविधान जनता की विशिष्ट सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रकृति,आस्था और आकांक्षाओं को पूरा करने का काम करता है, तथा अराजकतता को रोकता है।

 

 

संविधान की आवश्यकता:-

 

- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, समाज विभिन्‍न प्रकार के समुदायों से बनता है। इन समुदायों में तालमेल बैठाने के लिए संविधान जरूरी है।

 

- संविधान जनता में आपसी विश्वास पैदा करने के लिए मूलभूत नियमों का समूह उपलब्ध करवाता है।

 

- अन्तिम निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी? संविधान यह तय करता सरकार निर्माण के नियमों एवं उपनियमों तथा उसकी शक्तियों एवं सीमाओं को तय करता है।

 

- सरकार निर्माण के नियमों एवं उपनियमों तथा उसकी शक्तियों एवं सीमाओं को तय करता है।

 

- एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए भी संविधान जरूरी है।

 

भारतीय सविधान सभा का निर्माण:-

 


- जुलाई 1945 में इंग्लैण्ड में नई लेबर पार्टी सरकार सत्ता में आई, तब भारतीय संविधान सभा बनने का मार्ग खुला। वायसराय लार्ड वेवल ने इसकी पुष्टि कीं।

 

- कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार-संविधान निर्माण-निकाय की सदस्य संख्या-389 निर्धारित की गई। जिनमें से 292 प्रतिनिधि ब्रिटिश भारत के गर्वनरों के अधीन ग्यारह प्रांतो से, 04 प्रतिनिधि चीफ कमिश्नरों के चार प्रांतों (दिल्ली, अजमेर-मारवाड, कुर्ग तथा ब्रिटिश बलूचिस्तान) से और 93 प्रतिनिधि-भारतीय रियासतों से लिए जाने थे।

 

- ब्रिटिश प्रांत के प्रत्येक प्रांत को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा मे स्थान दिए गए | (10 लाख लोगों पर एक स्थान)

 

- प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों- मुसलमान, सिख एवं सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बॉंटा गया।

 

- 3 जून, 1947, मांउटबेटन योजना के अनुसार भारत-पाकिस्तान विभाजन तय हुआ, परिणाम स्वरूप पाकिस्तान के सदस्य-संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे और भारतीय संविधान सभा के वास्तविक सदस्य संख्या 299 रह गयी।

 

संविधान सभा का स्वरूपः-

 

- संविधान सभा का विधिवत उद्घाटन-दिन--सोमवार, 09 दिसम्बर 1946 को प्रात: ग्यारह बजे हुआ।

 

- 9 दिसम्बर 1946 को डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया तथा 11 दिसम्बर 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया तथा संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर को चुना गया।

 

- 13 दिसम्बर 1946 को पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का 'उद्देश्य प्रस्ताव' प्रस्तुत किया। इसमें भारत के भावी प्रभुत्ता-सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य की रूपरेखा प्रस्तुत की गई | जिसे 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा ने स्वीकार कर लिया।

 

- 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत किया गया

 

- संविधान को बनाने में 2 वर्ष 44 महीने तथा 48 दिन का समय लगा तथा कुल 166 बैठकें हुई।

 

- 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को विधिवत रूप से लागू कर दिया गया।

 

भारतीय संविधान के स्त्रोत -

 

* संविधान का लगभग 75 प्रतिशत अंश भारत सरकार अधिनियम 1935 से  लिया गया था।


अन्य देशों की संवैधानिक प्रणाली से -


(क) ब्रिटिश संविधान-


- सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फैसला।


- सरकार का संसदीय स्वरूप ।

- कानून के शासन का विचार ।
- विधायिका में अध्यक्ष का पद और उसकी कानून निर्माण की विधि।


(ख) अमेरिका का संविधान-


* मौलिक अधिकारों की सूची 

* संविधान की प्रस्तावना

 न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति 

* न्यायपालिका की स्वतंत्रता

* उप राष्ट्रपति का पद


(ग) आयरलैंड का संविधान-

 

* राज्य के नीति निर्देशक तत्व

* राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों का प्रावधान


(घ) फ्रांस का स॑विधान

* स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व का सिद्धान्त 

 

(ड.) कनाडा का संविधान-

 

* एक अर्द्ध-संघात्मक सरकार का स्वरूप (सशक्त केन्द्रीय सरकार वाली संघात्मक व्यवस्था)

* अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धान्त