राष्ट्रीय समसामयिकी 2(19-Sept-2022)
प्रधानमंत्री आवास योजना
(Pradhan Mantri Awas Yojana)

Posted on September 19th, 2022 | Create PDF File

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‘प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण’ (PMAY-G) के पूर्ण कार्यान्वयन में किसी और देरी के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ‘दंडों’ का एक सेट जारी किया गया है, जिसे राज्य सरकारों को इस योजना में किसी और देरी के लिए वहन करना होगा।

 

पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा और असम- चार राज्य, इस योजना के तहत निर्धारित अपने लक्ष्यों से बहुत पीछे हैं।

 

दंड :

 

लक्ष्य जारी होने की तिथि से एक माह से अधिक समय तक ‘मकान’ की स्वीकृति में देरी होने पर, राज्य सरकार को पहले महीने की देरी के लिए ₹10 प्रति घर और बाद के प्रत्येक महीने की देरी के लिए ₹20 प्रति घर का जुर्माना लगाया जाएगा।

 

लाभार्थी को पहली किश्त, मंजूरी की तारीख से सात दिनों से अधिक के लिए विलंबित होने पर राज्य सरकारों को प्रति सप्ताह ₹10 प्रति सप्ताह विलंब का भुगतान करना होगा।

 

यदि राज्य के पास केंद्रीय निधि उपलब्ध नहीं है, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) :

 

नोडल मंत्रालय : ग्रामीण विकास मंत्रालय।

 

प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) को पहले इंदिरा आवास योजना कहा जाता था। मार्च 2016 में इसका नाम बदल कर योजना को पुनर्गठित किया गया है।

 

PMAY-G का उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी आवासहीन गृहस्वामियों तथा कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घर में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं सहित एक पक्का घर प्रदान करना है।

 

लक्ष्य :

 

इसके तहत वर्ष 2024 तक सभी बुनियादी सुविधाओं सहित 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

 

लागत वितरण :

 

इस योजना के अंतर्गत, प्रत्येक इकाई के निर्माण में सहायता राशि को केंद्र और राज्य सरकारों के मध्य, मैदानी क्षेत्रों में 60:40 तथा पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90: 10 के अनुपात में साझा किया जाता है।

 

इस योजना में ग्रामीण राजमिस्त्री के प्रशिक्षण प्रदान करने, तथा साथ ही साथ मकानों के निर्माण और गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से, कुशल कारीगरों को रोजगार प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।

 

उद्देश्य :

 

ग्रामीण राजमिस्त्री का प्रशिक्षण;

 

मकानों के निर्माण और गुणवत्ता में सुधार;

 

कुशल राजमिस्त्री की उपलब्धता;

 

कुशल कारीगरों की रोजगार क्षमता में वृद्धि करना।

 

लाभार्थियों का चयन :

 

PMAY-G के लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (Socio-Economic and Caste Census- SECC) से उपलब्ध डेटा के अनुसार की जाएगी, तथा लाभार्थियों का चयन, निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पात्र होने और ग्राम सभा सत्यापन के बाद, 13 बिंदु अपवर्जन मानदंडों के अधीन किया जायेगा।