कला एवं संस्कृति समसामयिकी 1(19-Sept-2022)
वाराणसी पहली SCO पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी
(Varanasi first SCO tourism and cultural capital)

Posted on September 19th, 2022 | Create PDF File

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भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) द्वारा SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है।

 

यह ऐलान SCO के सदस्य देशों ने 16 सितंबर, 2022 को उज़्बेकिस्तान के समरकंद में किया।

 

इसमें वर्ष 2022-23 के लिये वाराणसी को SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्वीकार किया गया है।

 

इसके तहत वर्ष 2022-23 में वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें SCO  के सदस्य राज्यों से मेहमानों को भाग लेने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।

 

इन आयोजनों में विद्वानों, लेखकों, संगीतकारों, कलाकारों, फोटो जर्नलिस्ट, ब्लॉगर्स आदि को आमंत्रित किया जाएगा।

 

इससे SCO देशों और भारत के बीच संबंधों को मज़बूती प्रदान करने में मदद मिलेगी।

 

SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।

 

इसका गठन वर्ष 2001 में किया गया था।

 

SCO चार्टर पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किये गए थे और यह वर्ष 2003 में लागू हुआ।

 

यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता बनाए रखना है।

 

इसे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, यह नौ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।

 

 

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) :

 

यह एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसे वर्ष 2001 में बनाया गया था।

 

SCO चार्टर वर्ष 2002 में हस्ताक्षरित किया गया था और वर्ष 2003 में लागू हुआ।

 

यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता बनाए रखना है।

 

इसे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, यह नौ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।

 

आधिकारिक भाषाएँ :

 

रूसी और चीनी।

 

स्थायी निकाय :

 

बीजिंग में SCO सचिवालय।

 

ताशकंद में क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) की कार्यकारी समिति।

 

अध्यक्ष :

अध्यक्षता एक वर्ष पश्चात् सदस्य देशों द्वारा रोटेशन के माध्यम से की जाती है।

 

उत्पत्ति :

 

वर्ष 2001 में SCO के गठन से पहले, कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव के सदस्य थे।

 

शंघाई फाइव (1996) सीमाओं के सीमांकन और विसैन्यीकरण वार्त्ता की एक शृंखला से उभरा, जिसे चार पूर्व सोवियत गणराज्यों ने चीन के साथ सीमाओं पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये आयोजित किया था।

 

वर्ष 2001 में संगठन में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO कर दिया गया।

 

भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने।

 

वर्तमान सदस्य : कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान।

 

ईरान 2023 में SCO का स्थायी सदस्य बनने के लिये तैयार है।

 

भारत को वर्ष 2005 में SCO में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था और इसने आमतौर पर समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया है जो मुख्य रूप से यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित हैं।