पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(18-Jan-2023)
भारत में वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए नई टेक्नोलॉजी लांच
(New technology launched for air quality monitoring in India)

Posted on January 18th, 2023 | Create PDF File

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अलकेश कुमार शर्मा ने हाल ही में वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (AI-AQMS v1.0) के लिए नई टेक्नोलॉजी लॉन्च की है जो MeitY से समर्थित एक प्रोजेक्ट है।

 

इस नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (Air Quality Monitoring System) टेक्नोलॉजी का विकास सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग-सी-डैक (कोलकाता) ने टैक्‍समिन (TeXMIN), आईएसएम, धनबाद के सहयोग से विकसित किया है।

 

इस वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को जे.एम. इन्‍वायरोलैब प्राइवेट लिमिटेड को भी ट्रान्सफर किया गया है ताकि देश की विभिन्न खनन और सीमेंट उद्योगों में वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए इसकी तैनाती की जा सके।

 

नई टेक्नोलॉजी की विशेषता :

 

इसका विकास 'कृषि और पर्यावरण में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीटी अनुप्रयोगों पर आधारित राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत, निगरानी के लिए एक आउटर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन विकसित किया है।

        

इस नई टेक्नोलॉजी के तहत एनवायरनमेंट में निरंतर वायु गुणवत्ता विश्लेषण के लिए PM 1.0, PM 2.5, PM 10.0, SO2, CO, O2, क्षेत्र का तापमान, सापेक्ष आर्द्रता (Relative Humidity ) आदि जैसे पैरामीटर शामिल है।

 

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम :

 

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की शुरुआत वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा 122 शहरों में वायु प्रदुषण में सुधार के लिए किया गया था।

 

इन शहरों को गैर-प्राप्ति वाले शहरों (Non-attainment cities) के रूप में संदर्भित किया गया था क्योंकि ये शहर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (National Air Quality Monitoring Programme) के तहत वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते थे।

 

राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) :

 

NAAQS को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा पूरे देश में लागू किया गया था। 

 

CPCB ने इसे प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत लागू किया था। 

 

राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता के प्रभावी प्रबंधन के लिए ये मानक आवश्यक है।

 

इसके तहत परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को वर्ष 1982 में जारी किया गया था।