राष्ट्रीय समसामयिकी 1(18-Jan-2023)
मंगल ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में एकाकी तरंग
(Solitary wave in the magnetic field of Mars)

Posted on January 18th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) के एक स्वायत्त संस्थान, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान (Indian Institute of Geomagnetism- IIG) को पहली बार मंगल ग्रह के चारों ओर कमज़ोर चुंबकीय क्षेत्र में "एकाकी तरंग/साॅलिटरी वेव" के प्रमाण मिले।

 

वैज्ञानिकों ने एकाकी तरंगों की खोज करने के लिये राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) के मावेन अंतरिक्षयान से उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले विद्युत क्षेत्र डेटा का उपयोग किया। 

 

मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तरह आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र अनुपस्थित है। परिणामस्वरूप उच्च गति वाली सौर पवन का संपर्क सीधे मंगल के वातावरण से हो सकता है।

 

यह सुझाव दिया गया है कि मंगल की तरह कमज़ोर और पतले चुंबकीय क्षेत्र में भी एकाकी तरंगों की लगातार घटनाएँ देखी जा सकती हैं।  

 

हालाँकि मंगल ग्रह पर कई अभियानों के बावजूद इसके चुंबकीय क्षेत्र में एकाकी तरंगों की उपस्थिति पहले कभी नहीं देखी गई है। 

 

मंगल ग्रह पर 1000-3500 किमी. की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय इन तरंगों को प्रमुख तौर पर देखा जा सकता है लेकिन इसका सटीक कारण अभी ज्ञात नहीं है। 

 

एकाकी तरंगें :  

 

द्विध्रुवीय या एकध्रुवीय एकाकी तरंगों की अलग-अलग विद्युत क्षेत्र भिन्नताएँ हैं जो निरंतर आयाम-चरण (Amplitude-Phase) संबंधों को प्रदर्शित करती हैं।

 

प्रसार के दौरान उनका प्रतिरूप और आकार कम प्रभावित होता है।

 

महत्त्व :  

 

यह पाया गया है कि एकाकी तरंगें विभिन्न भौतिक प्रणालियों की गतिशीलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जैसे कि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और मंगल ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में।  

 

वे पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में प्लाज़्मा कणों को ऊर्जा प्रदान करने तथा उनके आवागमन के लिये उत्तरदायी होती हैं, जिसका प्रभाव उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष उपकरणों के व्यवहार पर पड़ता है।

 

मंगल के चुंबकीय क्षेत्र में उनका महत्त्व अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मंगल ग्रह पर वायुमंडलीय आयनों की कमी में उनकी भूमिका हो सकती है।

 

मंगल ग्रह :

 

आकार और दूरी :

 

यह सूर्य से चौथे स्थान पर स्थित ग्रह है तथा सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।

 

मंगल ग्रह आकार में पृथ्वी के लगभग आधा है।

 

पृथ्वी से समानता (कक्षा और घूर्णन) :

 

मंगल ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है तथा अपने अक्ष पर 24.6 घंटे में घूर्णन करता है जो पृथ्वी के एक दिन (23.9 घंटे) की अवधि के अधिक नज़दीक है।

 

सूर्य की परिक्रमा करते समय मंगल अपने अक्ष पर 25 डिग्री तक झुका रहता है। 

 

मंगल का यह अक्षीय झुकाव पृथ्वी के समान होता है, जो कि 23.4 डिग्री पर झुकी होती है।

 

पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर भी अलग-अलग मौसम विद्यमान हैं, परंतु मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तुलना में मौसम की अवधि लंबी होती है।