राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (22-Sept-2019)
2020 की शुरुआत में काम शुरू कर देगा नेटग्रिड
(NetGrid will start work in early 2020)

Posted on September 22nd, 2019 | Create PDF File

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खुफिया जानकारी इकट्ठा करने से जुड़े मजबूत तंत्र 'नेटग्रिड' के अगले साल जनवरी 2020 से काम शुरू करने की उम्मीद है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

 

3400 करोड़ रुपये की इस परियोजना की जरूरत 26/11 मुंबई हमलों के बाद सामने आई थी। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा परियोजना की समीक्षा के बाद इस पर काम तेज कर दिया गया था। नेटग्रिड का मकसद वास्तविक समय पर डाटा हासिल कर किसी भी संदिग्ध आतंकवादी और आतंकी हमलों को रोकना है।

 

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "सभी संभावनाओं के मद्देनजर नेटग्रिड अगले साल की शुरुआत से काम शुरू कर देगा।"

 

नेटग्रिड के पास खुफिया जानकारी हासिल करने के लिये हर आव्रजन के प्रवेश और निकास, बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन, क्रेडिट कार्डों की खरीद, टेलीकॉम, व्यक्तिगत करदाताओं, हवाई यात्री, ट्रेन यात्रियों से संबंधित डाटा के अलावा अन्य डाटा भी होगा।

 

पहले चरण में 10 उपयोगकर्ता एजेंसियां और 21 सेवा प्रदाताओं को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा जबकि बाद के चरणों में 950 संगठनों और उसके बाद के वर्षों में 1000 संगठनों को इससे जोड़ा जाएगा।

 

दस एजेसियां जो वास्तविक समय पर डाटा हासिल कर सकेंगी उनमें, खुफिया ब्यूरो (आईबी), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू), केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी), केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं खुफिया महानिदेशालय (डीजीसीईआई) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) शामिल हैं।

 

शुरुआत में राज्य स्तर की एजेंसियों को नेटग्रिड के डाटा तक प्रत्यक्ष पहुंच नहीं होगी।

 

नेटग्रिड की आवश्यकता 2009 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद पड़ी थी। हमलों ने इस कमी को उजागर किया था कि सुरक्षा एजेंसियों के पास वास्तविक समय पर महत्वपूर्ण जानकारी की कोई व्यवस्था नहीं है।