खेल समसामियिकी 1 (18-Sept-2019)
विनेश को कांसे के साथ ओलंपिक कोटा, पूजा दूसरे पदक की दौड़ में
(Olympic quota with bronze to Vinesh, Pooja in race for second medal)

Posted on September 18th, 2019 | Create PDF File

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भारतीय कुश्ती के लिये बुधवार का दिन शानदार रहा क्योंकि विनेश फोगाट ने यहां कांस्य पदक जीतने के साथ 2020 तोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन हासिल किया जबकि पूजा ढांडा विश्व चैम्पियनशिप में दूसरा पदक जीतने से केवल एक जीत दूर हैं।

 

इससे पहले तीन विश्व चैम्पियनशिप में विनेश पदक हासिल नहीं कर पायी थीं लेकिन उन्होंने कांस्य पदक के मुकाबले में मारिया प्रेवोलाराकी को हराकर अंत में इस प्रतियोगिता में पदक के सूखे को समाप्त किया।

 

पच्चीस साल की भारतीय को मुकाबले के शुरू में निष्क्रियता बरतने के कारण एक अंक गंवाना पड़ा क्योंकि दो बार की पदकधारी मारिया के चेहरे पर कट लग गया था।

 

विनेश ने फिर दो मूव बनाये लेकिन मारिया ने अच्छा बचाव कर ब्रेक तक मामूली बढ़त बनाये रखी।

 

मारिया खड़े होकर दाव खेलने के लिये जोर लगा रही थी लेकिन भारतीय पहलवान ने पैर पर दोहरा आक्रमण किया। हालांकि मारिया ने इसका अच्छा बचाव किया। यूनानी पहलवान ने फिर विनेश के दायें पैर को पकड़कर दबाव बनाया। कुछ क्षण बाद मारिया को दूसरी बार चोट का उपचार कराना पड़ा। फिर विनेश ने चार अंक के थ्रो और प्रतिद्वंद्वी को जमीन पर रखने से जीत हासिल की।

 

विनेश इस तरह विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला पहलवान बन गयीं। उनसे पहले अलका तोमर (2006), गीता फोगाट (2012), बबीता फोगाट (2012) और पूजा ढांडा (2018) ने इसमें पदक जीता है।

 

विनेश ने 53 किग्रा रेपेचेज के दूसरे दौर में अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट पर 8-2 से जीत हासिल की। सारा ने कम से कम पांच बार विनेश के दायें पैर को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन भारतीय पहलवान ने बेहतरीन रक्षात्मक प्रदर्शन करते हुए उसे फायदा नहीं उठाने दिया।

 

विनेश अब भारत की सबसे सफल पहलवानों में से एक बन गयी हैं, उन्होंने अपने कैरियर में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले हैं।

 

 

विनेश ड्रा के दूसरे दौर में मौजूदा चैम्पियन मायू मुकेदा से हार गयी थी। फिर रेपेचज के पहले दौर में उन्होंने यूक्रेन की यूलिया खालवाद्जी को आसानी से 5-0 से पराजित किया।

 

पूजा ढांडा ने 59 किग्रा के सेमीफाइनल में पहुंचकर भारतीय खेमे की खुशी बढ़ा दी, हालांकि यह वर्ग ओलंपिक में शामिल नहीं है।

 

बुडापेस्ट में 2018 विश्व चैम्पियनशिप में 57 किग्रा में कांस्य पदक जीतने वाली पूजा ने जापान की युजुका इंगाकी के खिलाफ पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 11-8 से जीत हासिल की। उन्होंने प्री क्वार्टरफाइनल में बेलारूस की कटसियारना हंचार को तकनीकी श्रेष्ठता के बूते पराजित किया था और अब वह 2017 यूरोपीय चैम्पियन रूस की लियूबोव ओवचारोवा से भिड़ेंगी।

 

पूजा ने 0-5 से पिछड़ते हुए शानदार वापसी की। उन्होंने मुकाबले में वापसी की लेकिन वह फिर भी 4-7 से पिछड़ रही थीं। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने अच्छी चाल चली और जापानी पहलवान के नीचे से निकलकर पीछे जाकर नीचे गिरा दिया।

 

महज 40 सेकेंड बचे थे और पूजा फिर भी पीछे थीं। पर उन्होंने चार अंक जुटाकर बढ़त बना ली और इसे कायम रखा जिससे उनका सेमीफाइनल में स्थान सुनिश्चित हुआ। पूजा इस तरह दो पदक जीतने वाली देश की पहली महिला पहलवान बन सकती हैं। भारत के पुरूष पहलवान बजरंग पूनिया ने ही सिर्फ विश्व चैम्पियनशिप में दो पदक जीते हैं।

 

विनेश ने शुरू में सारा पर दबाव बना दिया था और 2-0 से आगे हो गयीं। अमेरिकी पहलवान ने पहले पीरियड में तीन बार और दूसरे पीरियड में दो बार विनेश के दायें पैर को पकड़ा। लेकिन भारतीय पहलवान अपनी पूरी ताकत से डटी रही। इसी से विनेश जीत हासिल करने में सफल रहीं।

 

जब भी मौका मिला विनेश ने आक्रमण करके विपक्षी को गिराकर अंक जुटाये।

 

विनेश ने 50 किग्रा से 53 किग्रा वर्ग में खेलने के फैसले के तुरंत बाद सत्र के शुरू में बुल्गारिया में डान-कोलोव टूर्नामेंट में सारा को हराया था।

 

रेपेचेज के पहले दौर में यूक्रेन की पहलवान ने सिर से सिर भिड़ा दिये लेकिन विनेश ने बचाव करने के साथ तेज आक्रमण किया और गिराकर अंक जुटाये।

 

सीमा बिस्ला हालांकि 50 किग्रा में रेपेचेज के दूसरे दौर में रूस की एकेटरिना पोलेश्चुक से 3-11 से हारकर ओलंपिक क्वालीफिकेशन से चूक गयी।

 

वहीं 76 किग्रा वर्ग में किरण ने जर्मनी की अपनी प्रतिद्वंद्वी एलिने रोटर पर 4-0 से बढ़त बना ली थी लेकिन दूसरे पीरियड में वह पांच अंक गंवा बैठीं जिससे वह मुकाबले में 4-5 से हार गयीं। इसमें उन्हें अति रक्षात्मक होना भारी पड़ा।

 

सरिता मोर से भी काफी उम्मीद थी क्योंकि ट्रायल्स में उन्होंने पूजा ढांडा को हराकर टीम में जगह बनायी थी लेकिन वह मुकाबले के दौरान आक्रामक नहीं दिखी। मोलदोवा की अनास्तासिया निचिता के खिलाफ वह रक्षात्मक बनी रहीं जिससे 57 किग्रा के क्वालीफिकेशन मुकाबले में 1-5 से हार गयी।

 

नवजौत कौर को भी 65 किग्रा के शुरूआती मुकाबले में अजरबेजान की एलीस मोनोलोवा से शिकस्त मिली जो बाद में सेमीफाइनल में हार गयीं।