कला एवं संस्कृति समसामियिकी 2 (22-Feb-2021)^राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव (Rashtriya Sanskriti Mahotsav)
Posted on February 22nd, 2021
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव (Rashtriya Sanskriti Mahotsav) का दूसरा चरण दार्जिलिंग में मनाया जा रहा है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री ने राष्ट्रीय संस्कृत महोत्सव-2021 के दूसरे चरण का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के राजभवन में किया है।यह महोत्सव 22 फरवरी से 24 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।प्रत्येक दिन स्थानीय कलाकारों को आरएसएम मंच पर प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाएगा। वास्तविक रूप से तैयार किए गए हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए देश भर के 20 शिल्प स्टॉल लगाए गए हैं।स्थानीय कलाकारों सहित विख्यात कलाकार इस प्रमुख उत्सव का हिस्सा होंगे।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना’ को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’ की शुरुआत 2015 में की थी। संस्कृति मंत्रालय का यह एक प्रमुख उत्सव है।वर्ष 2015 से आयोजित यह महोत्सव, भारत की जीवंत संस्कृति को सभामंडपों और रंगमहलों तक सीमित रखने के बजाय जन-जन तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।यह “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के पोषित लक्ष्य को सुदृढ़ करते हुए अन्य राज्यों में एक राज्य के लोक और जनजातीय कला, नृत्य, संगीत, खाद्य व्यंजन और संस्कृति को प्रदर्शित करने में केन्द्रीय भूमिका निभाता रहा है और साथ ही कलाकारों तथा कारीगरों को उनकी आजीविका में सहायता करने के लिए एक प्रभावी मंच भी प्रदान करता रहा है।नवंबर, 2015 से अभी तक विभिन्न राज्यों और दिल्ली, वाराणसी, बेंगलुरु, तवांग, गुजरात, कर्नाटक, टिहरी और मध्य प्रदेश जैसे शहरों में आरएसएम के दस संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में आयोजित किया जा रहा यह आरएसएम विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी समझ और संबंधों को बढ़ाएगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता और सुदृढ़ होगी।राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव -2021 में लोक-कला रूपों की प्रचुरता होगी और यह स्थापित तथा उभरते हुए कलाविज्ञान में सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव युवाओं को अपनी स्वदेशी संस्कृति, इसकी बहुआयामी प्रकृति, भव्यता, समृद्धि और ऐतिहासिक महत्व के साथ जोड़ने का कार्य करता है।
संस्कृति मंत्रालय के बारे में-
संस्कृति मंत्रालय पर मूर्त और अमूर्त दोनों ही प्रकार की भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार कार्य की जिम्मेदारी है, जिनमें अन्य बातों के अलावा पारंपरिक लोक नृत्य और कला रूपों, ललित कलाओं और समृद्ध जनजातीय धरोहर शामिल हैं।संस्कृति मंत्रालय अपनी उक्त जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों, त्योहारों और नाट्यशाला संबंधी प्रदर्शनों का आयोजन करता है। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, ऐसा ही एक उल्लेखनीय प्रयास है।
कला एवं संस्कृति समसामियिकी 2 (22-Feb-2021)राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव (Rashtriya Sanskriti Mahotsav)
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव (Rashtriya Sanskriti Mahotsav) का दूसरा चरण दार्जिलिंग में मनाया जा रहा है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री ने राष्ट्रीय संस्कृत महोत्सव-2021 के दूसरे चरण का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के राजभवन में किया है।यह महोत्सव 22 फरवरी से 24 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा।प्रत्येक दिन स्थानीय कलाकारों को आरएसएम मंच पर प्रदर्शन करने का अवसर दिया जाएगा। वास्तविक रूप से तैयार किए गए हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए देश भर के 20 शिल्प स्टॉल लगाए गए हैं।स्थानीय कलाकारों सहित विख्यात कलाकार इस प्रमुख उत्सव का हिस्सा होंगे।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना’ को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’ की शुरुआत 2015 में की थी। संस्कृति मंत्रालय का यह एक प्रमुख उत्सव है।वर्ष 2015 से आयोजित यह महोत्सव, भारत की जीवंत संस्कृति को सभामंडपों और रंगमहलों तक सीमित रखने के बजाय जन-जन तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।यह “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के पोषित लक्ष्य को सुदृढ़ करते हुए अन्य राज्यों में एक राज्य के लोक और जनजातीय कला, नृत्य, संगीत, खाद्य व्यंजन और संस्कृति को प्रदर्शित करने में केन्द्रीय भूमिका निभाता रहा है और साथ ही कलाकारों तथा कारीगरों को उनकी आजीविका में सहायता करने के लिए एक प्रभावी मंच भी प्रदान करता रहा है।नवंबर, 2015 से अभी तक विभिन्न राज्यों और दिल्ली, वाराणसी, बेंगलुरु, तवांग, गुजरात, कर्नाटक, टिहरी और मध्य प्रदेश जैसे शहरों में आरएसएम के दस संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में आयोजित किया जा रहा यह आरएसएम विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी समझ और संबंधों को बढ़ाएगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता और सुदृढ़ होगी।राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव -2021 में लोक-कला रूपों की प्रचुरता होगी और यह स्थापित तथा उभरते हुए कलाविज्ञान में सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव युवाओं को अपनी स्वदेशी संस्कृति, इसकी बहुआयामी प्रकृति, भव्यता, समृद्धि और ऐतिहासिक महत्व के साथ जोड़ने का कार्य करता है।
संस्कृति मंत्रालय के बारे में-
संस्कृति मंत्रालय पर मूर्त और अमूर्त दोनों ही प्रकार की भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार कार्य की जिम्मेदारी है, जिनमें अन्य बातों के अलावा पारंपरिक लोक नृत्य और कला रूपों, ललित कलाओं और समृद्ध जनजातीय धरोहर शामिल हैं।संस्कृति मंत्रालय अपनी उक्त जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों, त्योहारों और नाट्यशाला संबंधी प्रदर्शनों का आयोजन करता है। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, ऐसा ही एक उल्लेखनीय प्रयास है।