राष्ट्रीय समसामयिकी 2 (3-June-2021)
मॉडल किरायेदारी अधिनियम
(Model Tenancy Act)

Posted on June 3rd, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘मॉडल किरायेदारी अधिनियम’ (Model Tenancy Act- MTA) को मंजूरी दे दी गई।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, नए कानून बनाकर ‘मॉडल किरायेदारी अधिनियम’ लागू कर सकते हैं या वे अपने मौजूदा किरायेदारी कानूनों में अपने हिसाब से संशोधन कर सकते हैं।

 

ये क़ानून उत्‍तरव्यापी प्रभाव से लागू होंगे तथा मौजूदा किरायेदारी को प्रभावित नहीं करेंगे।

 

सभी नई किरायेदारिर्यों के लिए लिखित अनुबंध जरूरी होगा। इस अनुबंध को संबंधित जिला ‘किराया प्राधिकरण’ के पास जमा करना होगा।

 

इस कानून में मकान मालिक और किरायेदारों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में भी स्पष्ट किया गया है।

 

कोई भी मकान मालिक या संपत्ति प्रबंधक, किरायेदार के कब्जे वाले परिसर हेतु किसी भी आवश्यक आपूर्ति को रोक नहीं सकता है।

 

किरायेदारी का नवीनीकरण नहीं किये जाने पर, पुराने अनुबंध के नियमों और शर्तों सहित किरायेदारी को मासिक आधार पर, अधिकतम छह महीने की अवधि तक, नवीनीकृत मान लिया जाएगा।

 

मकान खाली नहीं करने के मामले में मुआवजा: तय किरायेदारी अवधि के बाद छह महीने पूरे हो जाने पर अथवा किसी आदेश या नोटिस से किरायेदारी समाप्त करने पर, किरायेदार एक ‘बकाया किरायेदार’ (Tenant in Default) बन जाएगा, और उसे अगले दो महीने के लिए निर्धारित किराए का दोगुना, तथा इससे आगे के महीनों के लिए मासिक किराए का चार गुना भुगतान करना होगा।

 

कोई मकान मालिक या संपत्ति प्रबंधक, किरायेदार के परिसर में, घुसने के कम से कम चौबीस घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लिखित सूचना या नोटिस देने के बाद ही प्रवेश कर सकता है।

 

महत्व:

यह, दीवानी अदालतों पर भार कम करने, कानूनी विवादों में फंसी किराये की संपत्तियों को खोलने और किरायेदारों और मकान-मालिकों के हितों को संतुलित करके भविष्य की उलझनों को रोकने का वादा करने वाला एक महत्वपूर्ण कानून।

 

‘कानून’ की आवश्यकता:

 

बड़े महानगरों में प्रवास करने वाले युवा, नौकरी की खोज में शिक्षित व्यक्ति, अक्सर किराए पर रहने के लिए जगह के लिए, किरायेदारी की दुष्कर शर्तों और सुरक्षा-जमा के रूप में बेहिसाब रकम मांगे जाने की शिकायत करते हैं। कुछ शहरों में, किरायेदारों को 11 महीने के किराए के बराबर सुरक्षा-जमा राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता है।

 

इसके अलावा, कुछ मकान मालिक नियमित रूप से विविध मरम्मत कार्यों के लिए अघोषित रूप से किरायेदारों के परिसर में जाकर उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।

 

किराए में मनमानी बढ़ोतरी भी किरायेदारों के लिए एक और समस्या है, जिनमें से कई “बंदी ग्राहक” की तरह निचोड़े जाने की शिकायत करते हैं।

 

इसके अलावा, किरायेदारों पर अक्सर किराए के परिसर में “अवैध रूप से रहने” या संपत्ति हथियाने की कोशिश करने का आरोप लगाया जाता है।