पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(6-Feb-2023)
मैग्नेटाइट प्रदूषण
(Magnetite Pollution)

Posted on February 7th, 2023 | Create PDF File

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हाल ही में कुछ भूवैज्ञानिकों ने कोलकाता में सड़क के किनारे की धूल में मैग्नेटाइट प्रदूषण की उपस्थिति पाई है।

 

भारी वाहनों के आवागमन और अन्य प्रदूषणकारी स्रोतों वाले क्षेत्रों में प्रदूषकों की आवृत्ति अधिक होती है। मैग्नेटाइट की मात्रा सड़क पर यातायात के समानुपाती होती है।

 

मैग्नेटाइट प्रदूषण : 

 

मैग्नेटाइट प्रदूषण पर्यावरण में मैग्नेटाइट (Fe3O4) नामक एक चुंबकीय खनिज की उपस्थिति को संदर्भित करता है, जो खनन, इस्पात उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसी मानवीय गतिविधियों का परिणाम है।

 

मैग्नेटाइट आयरन का ऑक्साइड है। यह पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सभी खनिजों में सबसे अधिक चुंबकीय है। यह एक प्राकृतिक चुंबक है।

 

मैग्नेटाइट में लगभग 72% धत्त्विक लोहा होता है। यह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, गोवा और केरल में पाया जाता है।

 

प्रभाव : 

 

पारिस्थितिक प्रभाव :

 

चुंबकीय कण पक्षियों और अन्य जानवरों के प्रवासी पैटर्न में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे उनके अस्तित्त्व और प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

 

मृदा और जल संदूषण :  

 

मैग्नेटाइट कण मिट्टी और पानी में बस जमा हो सकते हैं, ये वातावरण को दूषित कर सकते हैं तथा पौधों के विकास एवं जलीय जीवों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। 

 

मानव स्वास्थ्य :

 

चुंबकीय कण श्वास द्वारा शरीर में प्रवेश करने से श्वसन संबंधी समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की क्षति। 

 

भवन और बुनियादी ढाँचे की क्षति :  

 

स्टील की इमारतें और अन्य धातु की वस्तुएँ चुंबकीय कणों द्वारा जंग के प्रति अतिसंवेदनशील होती हैं, जो समय के साथ उन्हें नुकसान पहुँचा सकती हैं।

 

विद्युत  को उपकरणों को नुकसान :  

 

चुंबकीय प्रदूषण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे कम्पास और नेविगेशन सिस्टम के संचालन को भी प्रभावित कर सकता है।