(द हिंदू से)राष्ट्रीय समसामियिकी 2 (21-Feb-2019)
अधिक बांध के बावजूद कम सिंचित क्षेत्र
(Less irrigated area despite more dam)

Posted on February 22nd, 2019 | Create PDF File

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महाराष्ट्र सरकार 285 नए बड़े बांधों का निर्माण करा रही है।भारत के लगभग 40% बड़े बांध (2,069) महाराष्ट्र में मौजूद हैं, जबकि राज्य में सिंचित क्षेत्रो का प्रतिशत मात्र 19 है,जो झारखण्ड, मणिपुर और सिक्किम से थोड़ा ही अधिक है।

 

ज्ञातव्य है की मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक में बड़े बांधों की संख्या क्रमश: 899, 620, 248 और 230 है, जबकि इनमें से मध्य प्रदेश के अलावा सभी राज्यों में सिंचित क्षेत्र 50% से कम हैं।जहाँ पंजाब में केवल 14 बड़े बांध होने के बाद भी 100% सिंचित क्षेत्र है, वहीँ हरियाणा में केवल 1 बड़े बांध के बावजूद सिंचित क्षेत्र 87% है।


सरकारी समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आज़ादी से लेकर अब तक भारत ने बड़े और मध्यम आकार के बांधों एवं जलाशयों पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए खर्च कर दिये हैं किंतु अब भी सिंचाई के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है।इसका सबसे बड़ा कारण है कि हम केवल बांधों और जलाशयों के निर्माण पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं न कि उनके स्थायी परिणाम पर।केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, दिसंबर 2018 तक देश में 5,701 बड़े बांध मौजूद थे, जिनमें से 5,264 का निर्माण हो चुका है और 437 निर्माणाधीन हैं।

 

उपरोक्त अध्ययन से हम पाते हैं कि सिंचित क्षेत्र, बांधों एवं जलाशयों की संख्या पर कम जबकि तकनीकी सहायता द्वारा बांधों एवं जलाशयों से खेतों तक जल की पर्याप्त मात्रा में पँहुच पर अधिक निर्भर करते हैं। नए बांधों के निर्माण से ज़्यादा ज़रूरी मौजूदा बांधों की कार्यकुशलता को बढ़ाना है, साथ ही परिणाम आधारित परियोजना पर ध्यान केंद्रित करना है।