खेल समसामियिकी 1 (21-Feb-2019)
बीसीसीआई का प्रथम लोकपाल नियुक्त
(Court appointed former Judge DK Jain as the first Lokpal of the BCCI)
Posted on February 22nd, 2019 | Create PDF File
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डी के जैन को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड का प्रथम लोकपाल नियुक्त किया जो इस संपन्न क्रिकेट बोर्ड के नये संविधान के प्रावधानों के अनुरूप काम करेंगे।
शीर्ष अदालत ने लोकपाल की नियुक्ति के मामले में तात्कालिकता और इसके महत्व से संबंधित मुद्दे पर विचार के दौरान अपनी खुशी जाहिर की कि उसके समक्ष सभी पक्ष न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) के नाम पर सहमत हुये हैं।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की पीठ ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि पक्षकारों की सहमति और सुझावों के माध्यम से बीसीसीआई का लोकपाल बनाने के लिये न्यायमूर्ति डी के जैन के नाम पर सहमति हो गयी है।
पीठ ने कहा, ‘‘तद्नुसार, हम इस न्यायालय द्वारा नौ अगस्त, 2018 के आदेश के अंतर्गत बनाये गये बीसीसीआई के संविधान के चैप्टर नौ के अनुच्छेद 40 के तहत न्यायमूर्ति जैन (सेवानिवृत्त) को बीसीसीआई का प्रथम लोकपाल नियुक्त करते हैं।’’
पीठ ने कहा कि न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा बीसीसीआई के लोकपाल के रूप में न्यायमूर्ति जैन की नियुक्ति के बारे में उनसे बात करेंगे और शीर्ष अदालत को सूचित करेंगे कि वह कब पदभार ग्रहण करेंगे।
लोकपाल को मुंबई में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय में ही मामलों की सुनवाई करनी होगी।
शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने न्यायालय को सौंपी अपनी दसवीं स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि बोर्ड में लोकपाल और एक आचार अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है। न्यायालय क्रिकेट बोर्ड के प्रशासनिक मुद्दों की निगरानी कर रहा है।
रिपोर्ट में समिति ने यह स्पष्ट किया कि नये चुनावों से पहले ये दो नियुक्तियां करना क्यों आवश्यक है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई के नये पंजीकृत संविधान में विवादों के स्वतंत्र समाधान के लिये आम सभा की बैठक में लोकपाल नियुक्त करना जरूरी है।’’
पीठ को बताया गया कि लोकपाल शीर्ष अदालत का कोई सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होने चाहिए और उनका कार्यकाल एक साल का होगा लेकिन वह अधिकतम तीन बार इस पर पर रह सकते हैं।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लोकपाल पद पर नियुक्ति के लिये पीठ के समक्ष लिफाफे में शीर्ष अदालत के छह सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नाम पेश किये गये थे। इनमें न्यायमूर्ति जैन पहली पसंद थे।
पीठ ने जब यह कहा कि सूची में न्यायमूर्ति जैन का अच्छा नाम है, विभिन्न पक्षों के लिये पेश वकीलों ने इस सुझाव को स्वीकार किया।
इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे पी एस नरसिम्हा ने लोकपाल पद के लिये संभावित नामों की सूची पीठ को उपलबध करायी थी।
पीठ को बताया गया कि लोकपाल की भूमिका राज्य क्रिकेट एसोसिएशनों में खिलाड़ियों से संबंधित विवादों और वित्तीय मसलों को सुलझाने की होगी।
शीर्ष अदालत ने नौ अगस्त, 2018 को अपने फैसले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के लिये लोकपाल नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
नरसिम्हा ने मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि यदि बोर्ड में पहले से लोकपाल होता तो हाल ही में दो खिलाड़ियों हार्दिक पाण्ड्या और के एल राहुल से जुड़ा विवाद प्राथमिकता के आधार पर सुलझा लिया गया होता।