राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (21-Feb-2019)
अट्टुकल पोंगल उत्सव - दक्षिण का अनोखा पर्व जिसे मनाती हैं केवल महिलायें
(Attukal Pongal Festival-The unique festival of the South which only women celebrate)

Posted on February 21st, 2019 | Create PDF File

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केरल में महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला ‘अट्टुकल पोंगल त्योहार’ शुरू हो चुका है।यह त्योहार तिरुअनंतपुरम से 3 किमी. दूर स्थित अट्टुकल भगवती मंदिर में मनाया जाता है।दुनिया में सबसे बड़े महिला समागम के रूप में प्रतिष्ठित इस उत्सव ने इससे पहले 2009 में सबसे बड़े धार्मिक आयोजन का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया था। इस दौरान 25 लाख महिलाओं ने इसमें हिस्सा लिया था। अट्टुकल भगवती का यह मंदिर नगर के मध्य में स्थित है।मान्यता है कि तमिल महाकाव्य ‘सिलापाथीकारम’ की मुख्य पात्र कन्नकी का यहां अवतार हुआ था। 

 

पोंगल वह अनुष्ठान है, जिसमें महिलाएँ मीठे पायसम (चावल, गुड़, नारियल इत्यादि से बना हलवा या खीर) तैयार करती हैं और इसे भगवती अट्टुकल को अर्पित करती हैं।यह रस्म केवल महिलाओं द्वारा निभाई जाती है एवं दुनिया में यह एकमात्र ऐसा त्योहार है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिलाएँ जुटती हैं।

 

अट्टुकल पोंगल महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है।10 दिनों तक चलने वाले पोंगल उत्सव की शुरुआत मलयालम माह मकरम-कुंभम (फ़रवरी-मार्च) के भरानी दिवस (कार्तिक चंद्र) को होती है। इस उत्सव की अंतिम रात को कुरुथिथार्पनाम कहते हैं और इस दिन बलि के साथ उत्सव को पूर्ण करते है। पोंगल एक प्रकार का व्यंजन है जिसे गुड़, नारियल और केले के निश्चित मात्रा को मिलाकर बनाया जाता है।ऐसा माना जाता है कि यह देवी का पसंदीदा पकवान है।अट्टुकल पोंगल में धार्मिक कार्य प्रात:काल ही शुरू हो जाते हैं और दोपहर तक चढ़ावा तैयार कर दिया जाता है।पोंगल के दौरान पुरुषों का मंदिर में प्रवेश वर्जित होता है।मुख्य पुजारी देवी की तलवार हाथों में लेकर मंदिर प्रांगण में घूमता है और भक्तों पर पवित्र जल और पुष्प वर्षा करता है।