पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(23-June-2022)
कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान
(Keibul Lamjao National Park)

Posted on June 23rd, 2022 | Create PDF File

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मणिपुर के केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (Keibul Lamjao National Park- KLNP) के निवासी स्थल के स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं। 

 

लोगों का तर्क है कि प्रस्तावित स्थल का लुप्तप्राय हिरणों को बचाने के प्रयासों से कोई संबंध नहीं है। वहीं दूसरी ओर आस-पास के गांँवों के लोग हिरण को बचाने हेतु हर संभव प्रयास कर रहे हैं. 

 

केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान :

 

यह दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है, लोकटक झील पर स्थित केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान मणिपुर के नृत्य करने वाले हिरण 'सांगई' (Rucervus eldii eldii) का अंतिम प्राकृतिक आवास है  

 

1950 के दशक में, यह माना जाता था कि 'सांगई' हिरण देश में विलुप्त हो गए थे। हालांँकि बाद में इसे मणिपुर में फिर से खोजा गया।  

 

हॉग डियर, ओटर, वाटर फाॅउल और प्रवासी पक्षियों का एक समूह यहांँ पाया जाता है। 

 

लोकटक झील : 

 

लोकटक झील पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे जल की झील है और जो जल की सतह के ऊपर तैरती फुमडी के लिये प्रसिद्ध है। 

 

फुमडी अपघटन के विभिन्न चरणों में वनस्पति, मिट्टी और कार्बनिक पदार्थों का विषम द्रव्यमान है। 

 

यह प्राचीन झील मणिपुर की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जल विद्युत उत्पादन के लिये जल के स्रोत के रूप में कार्य करता है। 

 

पारिस्थितिक स्थिति और इसके जैव विविधता मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, लोकटक झील को शुरू में 1990 में रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था 

 

बाद में इसे वर्ष 1993 में मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड के तहत भी सूचीबद्ध किया गया था। 

 

मानव गतिविधियों ने झील के पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर दबाव डाला है। 

 

एंटलर्ड हिरण : 

 

सामान्य नाम : संगाई, भौंह सींग वाले हिरण, डांसिंग डियर 

 

वैज्ञानिक नाम : रुसेर्वास एल्डी (Rucervus eldii) 

 

भौंह सींग वाला हिरण, या संगाई, मणिपुर का राज्य पशु है। 

 

सर्दियों के महीनों में जानवर का आवरण गहरे लाल भूरे रंग का होता है और गर्मियों में यह बहुत हल्का हो जाता है।  

 

कंबोडिया, चीन, भारत, लाओस और म्यांँमार के मूल निवासी, ये जानवर पहले दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के आवासों में व्यापक रूप से फैले हुए थे। 

 

आवास : 

 

हिरण का निवास स्थान झाड़ी और घास के मैदान से लेकर सूखे जंगलों और दलदली भूमि तक भिन्न होता है, यह उस देश पर निर्भर करता है जिसमें वे पाए जाते हैं। 

 

भारत में ये जानवर केवल मणिपुर की प्रसिद्ध लोकटक झील में ही पाए जाते हैं। 

 

भौंह-एंटलरेड हिरण आमतौर पर घास का उपभोग करता है। 

 

खतरा : 

 

जबकि विश्व स्तर पर निवास स्थान का नुकसान इस हिरण के संरक्षण में एक गंभीर चिंता का विषय रहा है, मणिपुर में शिकार एक अतिरिक्त खतरा है। 

 

जबकि चरागाह, खेती और मछली पालन के लिये आवासों पर अतिक्रमण किया गया है, जानवरों को झील में एक जल-विद्युत परियोजना से अत्यधिक खतरा है। 

 

IUCN लाल सूची : लुप्तप्राय 

 

CITES : परिशिष्ट I 

 

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची-I