राष्ट्रीय समसामयिकी 1(22-June-2022)
राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के मसौदे पर सार्वजनिक परामर्श
(Public consultation on the draft National Data Governance Framework Policy)

Posted on June 22nd, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता’ राज्य मंत्री द्वारा भारत में सरकारों और नागरिकों के तीव्र डिजिटलीकरण और आंकड़ों की बढ़ती हुई संख्या पर प्रकाश डाला, जिसके लिए इस डेटा की क्षमता का दोहन करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने की आवश्यकता है।

 

सरकार का उद्देश्य डेटा गवर्नेंस के लिए एक आधुनिक संरचना का निर्माण करना है जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा।

 

राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति मसौदा (Draft National Data Governance Framework Policy) :

 

भारतीय डेटासेट कार्यक्रम (Indian Datasets Programme): मसौदा नीति और जिस ठोस आधार पर ‘भारत डेटासेट कार्यक्रम’ का निर्माण किया गया है। इसमें केंद्र सरकार की संस्थाओं द्वारा भारतीय नागरिकों या भारत में रहने वालों से एकत्र किए गए विवरण के गैर-व्यक्तिगत और अनाम डेटासेट शामिल होंगे। इस तरह के डेटा को साझा करने के लिए निजी कंपनियों को “प्रोत्साहित” किया जाएगा।

 

इस कार्यक्रम के तहत उपलब्ध गैर-व्यक्तिगत डेटा स्टार्ट अप और भारतीय शोधकर्ताओं के लिए सुलभ होंगे (गैर-व्यक्तिगत डेटा (non-personal data), वह विवरण है जिसमें व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी नहीं होती है)।

 

‘भारत डेटा प्रबंधन कार्यालय’ (India Data Management Office – IDMO): ड्राफ्ट में ‘भारत डेटा प्रबंधन कार्यालय’ के निर्माण का भी प्रावधान किया गया है, जो भारत डेटासेट प्लेटफॉर्म को डिजाइन और प्रबंधित करने का प्रभारी होगा।

 

आईडीएमओ, सभी संस्थाओं (सरकारी और निजी) के लिए अनामीकरण मानकों (Anonymization Standards) सहित नियमों और मानकों को निर्धारित करेगा।

 

सुरक्षा और विश्वास के प्रयोजनों के लिए, किसी भी संस्था द्वारा कोई भी ‘गैर-व्यक्तिगत डेटा साझाकरण’ केवल IDMO द्वारा निर्दिष्ट और अधिकृत प्लेटफार्मों के माध्यम से हो सकेगा।

 

डेटा की बिक्री पर रोक: इस नए मसौदे में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में, पुराने मसौदे में सबसे विवादास्पद प्रावधान – खुले बाजार में केंद्रीय स्तर पर एकत्र किए गए डेटा की बिक्री – को हटा दिया गया है।

 

सुझाव :

 

आईडीएमओ के कामकाज को सूचित करने वाली परामर्शी प्रक्रिया की निरंतरता।

 

एकीकृत डेटासेट क्षमता का भविष्य में दोहन करने वाले प्रावधान, और निजी क्षेत्र के लोगों को शामिल करने की प्रक्रिया का स्पष्टीकरण।

 

इसके अलावा, भारतीय डेटा प्रबंधन कार्यालय के संचालन की जानकारी और स्पष्टता।

 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नवाचार के लिए व्याख्या किए गए डेटासेट तक पहुंच, और

 

डेटा क्षमता निर्माण करने के लिए निजी क्षेत्र और सामाजिक प्रभाव वाले फर्मों के सक्रिय सहयोग।