अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (8-Sept-2020)
'वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक' (Global Multidimensional Poverty Index- MPI)

Posted on September 8th, 2020 | Create PDF File

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'वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक' (Global Multidimensional Poverty Index- MPI) की निगरानी करने के लिये ‘नीति आयोग’ (NITI Aayog) द्वारा राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का निर्माण किया जा रहा है । नीति आयोग, भारत में MPI की निगरानी के लिये नोडल एजेंसी है।वैश्विक MPI, भारत सरकार द्वारा पहचाने गए उन 29 चुनिंदा वैश्विक सूचकांकों में से एक है, जिन्हें ‘सुधार और विकास के लिये वैश्विक संकेतक' (Global Indices to Drive Reforms and Growth- GIRG) के रूप में जाना जाता है। GIRG में शामिल सूचकांक, महत्त्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक संकेतकों के आधार पर भारत के प्रदर्शन का मापन और निगरानी करने में मदद करते हैं।

 

नीति आयोग द्वारा MPI की निगरानी के लिये एक 'बहुआयामी गरीबी सूचकांक समन्वय समिति' (Multidimensional Poverty Index Coordination Committee- MPICC) का गठन किया गया है।
इस समिति में विद्युत, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, आवास और शहरी मामले, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण जैसे मंत्रालयों और विभागों के सदस्य शामिल हैं। इन मंत्रालयों/विभागों का चयन MPI सूचकांक में शामिल दस संकेतकों के आधार पर किया गया है। मंत्रालयों/विभागों के सदस्यों के अलावा OPHI और UNDP के विशेषज्ञ भी समिति को अपनी तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएंगे।

 

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंक तैयार करने के लिये नीति आयोग द्वारा एक राष्ट्रीय 'बहुआयामी गरीबी सूचकांक' तैयार किया जा रहा है। MPI में प्रदर्शन की निगरानी के लिये MPI पैरामीटर डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है। 

 

MPI के अनुसार, राज्यों में आवश्यक सुधारों को लागू करने के लिये एक 'राज्य सुधार कार्य योजना' (State Reform Action Plan- SRAP) को क्रियान्वित किया जाएगा।

 

वैश्विक ‘बहुआयामी गरीबी सूचकांक’ 107 विकासशील देशों की बहुआयामी गरीबी मापने की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली है,इसे ‘ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल’ (OPHI) और ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (UNDP) द्वारा वर्ष 2010 में विकसित किया गया था।इसे प्रतिवर्ष जुलाई माह में संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास पर 'उच्च-स्तरीय राजनीतिक फोरम' (HLPF) में जारी किया जाता है।

 

वैश्विक MPI की गणना प्रत्येक सर्वेक्षित घर को 10 मापदंडों पर आधारित अंक देकर की जाती है। इसमें पोषण, बाल मृत्यु दर, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास और घरेलू संपत्ति जैसे मानक शामिल हैं।

 

वैश्विक MPI 2020 के अनुसार, भारत 107 देशों में 62वें स्थान पर है ,इस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देशों, श्रीलंका (25वें), भूटान (68वें), नेपाल (65वें), बांग्लादेश (58वें), चीन (30वें), म्यांमार (69वें) और पाकिस्तान (73वें) रैंकिंग दी गई है।