राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (27-Nov-2019)^पूर्व नौसेना अध्यक्ष सुशील कुमार का निधन (Former Navy chief Sushil Kumar dies)
Posted on November 27th, 2019
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार का बुधवार तड़के यहां स्थित सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
एडमिरल कुमार ने 1998 से 2001 तक नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी।
परिवार ने बताया कि कुमार ने ‘आर्मी रिसर्च एंड रेफरल’ अस्पताल में तड़के तीन बजकर 30 मिनट पर आखिरी सांस ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कुमार ने देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान दिया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में मोदी को उद्धृत किया, ‘‘एडमिरल सुशील कुमार को राष्ट्र की सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हमारी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’’
सुशील कुमार को उनके रणनीतिक सोच के बारे में जाना जाता है। उन्होंने हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की उपस्थिति को बढ़ाया। वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भी वह उस समूह में शामिल थे जो रणनीति बना रहा था।
पूर्व एडमिरल संसद पर हुए हमले के जवाब में बन रही ऑपरेशन पराक्रम योजना के दौरान चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमिटी के अध्यक्ष थे। चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमिटी में थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख होते हैं।
नौसेना में उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया जिनमें नौसेना उपप्रमुख, महाराष्ट्र क्षेत्र के फ्लैग ऑफिसर, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ शामिल है।
कुमार समुद्र और जलथलीय युद्धकला के विशेषज्ञ थे।
उन्होंने ‘‘ ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेम्बर- मेमोरीज ऑफ मिलिट्री चीफ’’ नाम से किताब लिखी, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते रक्षा और रणनीतिक मामलों पर लिए गए अहम फैसलों की समीक्षा की गई थी।
राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (27-Nov-2019)पूर्व नौसेना अध्यक्ष सुशील कुमार का निधन (Former Navy chief Sushil Kumar dies)
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार का बुधवार तड़के यहां स्थित सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।
एडमिरल कुमार ने 1998 से 2001 तक नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी।
परिवार ने बताया कि कुमार ने ‘आर्मी रिसर्च एंड रेफरल’ अस्पताल में तड़के तीन बजकर 30 मिनट पर आखिरी सांस ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कुमार ने देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान दिया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट में मोदी को उद्धृत किया, ‘‘एडमिरल सुशील कुमार को राष्ट्र की सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हमारी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।’’
सुशील कुमार को उनके रणनीतिक सोच के बारे में जाना जाता है। उन्होंने हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की उपस्थिति को बढ़ाया। वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भी वह उस समूह में शामिल थे जो रणनीति बना रहा था।
पूर्व एडमिरल संसद पर हुए हमले के जवाब में बन रही ऑपरेशन पराक्रम योजना के दौरान चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमिटी के अध्यक्ष थे। चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमिटी में थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख होते हैं।
नौसेना में उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया जिनमें नौसेना उपप्रमुख, महाराष्ट्र क्षेत्र के फ्लैग ऑफिसर, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ शामिल है।
कुमार समुद्र और जलथलीय युद्धकला के विशेषज्ञ थे।
उन्होंने ‘‘ ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमेम्बर- मेमोरीज ऑफ मिलिट्री चीफ’’ नाम से किताब लिखी, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते रक्षा और रणनीतिक मामलों पर लिए गए अहम फैसलों की समीक्षा की गई थी।