पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (26-Nov-2019)^कार्बेट पार्क में गैंडे को बसाया जायेगा (Rhinoceros to be inhabited in Corbett Park)
Posted on November 27th, 2019
कार्बेट टाइगर रिजर्व की भौगोलिक एवं पर्यावरणीय परिस्थितियों के गैंडे के अनुकूल होने के मद्देनजर वहां प्रायोगिक तौर पर गैंडे को बसाया जायेगा ।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि कार्बेट पार्क में गैंडे को बसाया जाये ।
इस संबंध में प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि गैण्डे और मानव के बीच संघर्ष की संभावना के न होने के साथ ही यह अन्य जीवों के लिए भी सहायक होता है । यह भी बताया गया कि इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इस पर बोर्ड ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रायोगिक तौर पर गैण्डे को लाये जाने पर सहमति दे दी ।
बोर्ड ने मानव— वन्य जीव संघर्ष से प्रभावित गांवों में वॉलण्टरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स की स्थापना की भी मंजूरी दी ।
बैठक में यह भी तय किया गया कि कॉर्बेट व राजाजी पार्क में बाघ व हाथी की अधिकतम धारण क्षमता का अध्ययन कराया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बंदरों को पीड़क (मानवों के लिये खतरनाक) घोषित करने के लिए भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर बैठक में सहमति बनी ।
राज्य वन्य जीव बोर्ड ने संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत व संरक्षित क्षेत्रों के 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाली वन भूमि हस्तांतरण व अन्य प्रकरणों पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान की ।
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (26-Nov-2019)कार्बेट पार्क में गैंडे को बसाया जायेगा (Rhinoceros to be inhabited in Corbett Park)
कार्बेट टाइगर रिजर्व की भौगोलिक एवं पर्यावरणीय परिस्थितियों के गैंडे के अनुकूल होने के मद्देनजर वहां प्रायोगिक तौर पर गैंडे को बसाया जायेगा ।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि कार्बेट पार्क में गैंडे को बसाया जाये ।
इस संबंध में प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि गैण्डे और मानव के बीच संघर्ष की संभावना के न होने के साथ ही यह अन्य जीवों के लिए भी सहायक होता है । यह भी बताया गया कि इससे राज्य में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इस पर बोर्ड ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्रायोगिक तौर पर गैण्डे को लाये जाने पर सहमति दे दी ।
बोर्ड ने मानव— वन्य जीव संघर्ष से प्रभावित गांवों में वॉलण्टरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स की स्थापना की भी मंजूरी दी ।
बैठक में यह भी तय किया गया कि कॉर्बेट व राजाजी पार्क में बाघ व हाथी की अधिकतम धारण क्षमता का अध्ययन कराया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर बंदरों को पीड़क (मानवों के लिये खतरनाक) घोषित करने के लिए भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने पर बैठक में सहमति बनी ।
राज्य वन्य जीव बोर्ड ने संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत व संरक्षित क्षेत्रों के 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाली वन भूमि हस्तांतरण व अन्य प्रकरणों पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान की ।