विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामयिकी 1(25-July-2023)
फ्लोरोमिक्स
(Fluoromix)

Posted on July 27th, 2023 | Create PDF File

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ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फ्लोरीन परमाणु प्राप्त करने के लिये एक सुरक्षित और कम ऊर्जा-गहन विधि विकसित की है।

 

फ्लोरीन को कैल्शियम नमक से प्राप्त किया जाता है जिसे कैल्शियम फ्लोराइड या फ्लोरस्पार कहा जाता है।

 

फ्लोरस्पार का खनन किया जाता है, तत्पश्चात् हाइड्रोजन फ्लोराइड जारी करने के लिये उच्च तापमान पर सल्फ्यूरिक एसिड से उपचारित किया जाता है।

 

फ्लोरीन एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील तत्त्व है, इसका उपयोग फ्लोरोकेमिकल्स बनाने के लिये किया जाता है, जिसे प्लास्टिक, एग्रोकेमिकल्स, लिथियम-आयन बैटरी के साथ दवाओं के उत्पादन के लिये उपयोग किया जाता है।

 

हड्डियों तथा दांँतों में पाए जाने वाले प्राकृतिक कैल्शियम फॉस्फेट बायोमिनरलाइज़ेशन प्रक्रिया से प्रेरणा लेकर शोधकर्ताओं ने ज़हरीले एवं संक्षारक हाइड्रोजन फ्लोराइड के उपयोग से बचते हुए फ्लोरस्पार को पोटेशियम फॉस्फेट के साथ मिलाकर फ्लोरोमिक्स नामक एक यौगिक बनाया।

 

फ्लोरोमिक्स अत्यधिक प्रभावी सिद्ध हुआ, कार्बनिक यौगिकों के साथ संयुक्त होने पर 98% तक दक्षता के साथ लगभग 50 अलग-अलग फ्लोरोकेमिकल्स का उत्पादन हुआ, जो फ्लोरोकेमिकल्स पर निर्भर उद्योगों के लिये महत्त्वपूर्ण संकेत प्रस्तुत करता है।