व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1(17-July-2023)^परमाणु बम के जनक : ओपेनहाइमर^(Father of the atomic bomb : Oppenheimer)
Posted on July 24th, 2023
अमेरिकी सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम के निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये जाना जाता है।
लॉस एलामोस प्रयोगशाला के प्रमुख और मैनहट्टन प्रोजेक्ट के नेता के रूप में ओपेनहाइमर और उनकी टीम ने पहला परमाणु बम विकसित करने के लिये परमाणु भौतिकी का उपयोग किया था।
परमाणु युग की शुरुआत 16 जुलाई, 1945 को ट्रिनिटी टेस्ट के साथ हुई थी जो पहले परमाणु बम के सफल विस्फोट का प्रतीक था।
इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए, इस विनाशकारी घटना में लाखों नागरिकों की जान चली गई।
इन परमाणु विस्फोटों ने पूर्वी क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने के साथ ही परमाणु हथियारों की होड़ शुरू कर दी, जिसके चलते सोवियत संघ, ब्रिटेन, फ्राँस एवं चीन ने स्वयं के परमाणु हथियार विकसित कर लिये।
ओपेनहाइमर मानवता को अपने विनाश के साधन प्रदान करने के निहितार्थों के बारे में संदेह से ग्रस्त थे।
उन्होंने भगवद् गीता के माध्यम से दर्शनशास्त्र में सांत्वना एवं प्रतिबिंब की तलाश की।
भगवद् गीता पर ओपेनहाइमर के चिंतन ने उन्हें अपने कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने की अनुमति दी तथा उन्होंने परमाणु बम विकसित करने में अपनी भूमिका की तुलना महाभारत में अर्जुन द्वारा सामना की गई नैतिक दुविधाओं से की।
व्यक्ति विशेष समसामयिकी 1(17-July-2023)परमाणु बम के जनक : ओपेनहाइमर(Father of the atomic bomb : Oppenheimer)
अमेरिकी सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम के निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये जाना जाता है।
लॉस एलामोस प्रयोगशाला के प्रमुख और मैनहट्टन प्रोजेक्ट के नेता के रूप में ओपेनहाइमर और उनकी टीम ने पहला परमाणु बम विकसित करने के लिये परमाणु भौतिकी का उपयोग किया था।
परमाणु युग की शुरुआत 16 जुलाई, 1945 को ट्रिनिटी टेस्ट के साथ हुई थी जो पहले परमाणु बम के सफल विस्फोट का प्रतीक था।
इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान में हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए, इस विनाशकारी घटना में लाखों नागरिकों की जान चली गई।
इन परमाणु विस्फोटों ने पूर्वी क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने के साथ ही परमाणु हथियारों की होड़ शुरू कर दी, जिसके चलते सोवियत संघ, ब्रिटेन, फ्राँस एवं चीन ने स्वयं के परमाणु हथियार विकसित कर लिये।
ओपेनहाइमर मानवता को अपने विनाश के साधन प्रदान करने के निहितार्थों के बारे में संदेह से ग्रस्त थे।
उन्होंने भगवद् गीता के माध्यम से दर्शनशास्त्र में सांत्वना एवं प्रतिबिंब की तलाश की।
भगवद् गीता पर ओपेनहाइमर के चिंतन ने उन्हें अपने कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने की अनुमति दी तथा उन्होंने परमाणु बम विकसित करने में अपनी भूमिका की तुलना महाभारत में अर्जुन द्वारा सामना की गई नैतिक दुविधाओं से की।