अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (22-Apr-2021)
बोआओ फोरम फॉर एशिया - 2021
(Boao Forum for Asia - 2021)

Posted on April 22nd, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में ‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ (Boao Forum for Asia– BFA) का वर्ष 2021 का वार्षिक सम्मलेन आयोजित किया गया है।

 

चीन के हैनान प्रांत (Hainan Province) में हाल ही में ‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ (Boao Forum for Asia– BFA) का वर्ष 2021 के लिए वार्षिक सम्मलेन आयोजित किया गया है।

 

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ (Boao Forum for Asia– BFA) के वर्ष 2021 के वार्षिक सम्मलेन में 60 से अधिक देशों और नागरिक समाज , प्रमुख संगठनों आदि के लगभग 2,600 लोगों ने भाग लिया है।

 

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया-2021’ का विषय ‘ए वर्ल्ड इन चेंज: ज्वाइन हैंड टू स्ट्रेंथ ग्लोबल गवर्नेंस एंड एडवांस बेल्ट एंड रोड कोऑपरेशन’(A World in Change: Join Hands to Strengthen Global Governance and Advance Belt and Road Cooperation) है।

 

एशियन इकॉनमी (Asian economy) पर रिपोर्ट :

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ (Boao Forum for Asia– BFA) के वर्ष 2021 के वार्षिक सम्मलेन के दौरान एशियाई अर्थव्यवस्था पर एक वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की गई है।

 

एशियाई अर्थव्यवस्था पर वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि एशिया महाद्वीप की विभिन्न राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाएं काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के बीच एशिया के भीतर और बाहर फरवरी 2021 तक 186 क्षेत्रीय व्यापार समझौते हो चुके हैं, जोकि पूरे विश्व के कुल क्षेत्रीय समझौतों का 9 प्रतिशत है।

 

एशिया महाद्वीप ने अपनी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं की उल्लेखनीय प्रगति के चलते ‘क्रय शक्ति समता´( Purchasing Power Parity- PPP) के आधार पर वर्ष 2020 के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी 3 प्रतिशत तक पहुंचाई है। जबकि वर्ष 2019 में यह लगभग 1 प्रतिशत थी।

 

इस रिपोर्ट में ‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी’ (RCEP) समझौता की काफी प्रशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी’ (RCEP) समझौता ने क्षेत्रीय विकास की दर को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है । इससे एशिया में मुक्त व्यापार समझौतों संबंधी वार्ताओं को त्वरित गति मिलने की संभावना है।

 

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ (Boao Forum for Asia– BFA) :

 

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ (Boao Forum for Asia– BFA) की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। इसकी स्थापना 25 एशियाई देशों और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर की थी।

 

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ एक गैर-लाभकारी संगठन है जो एशिया और अन्य महाद्वीपों की राष्ट्रीय सरकारों के लीडर्स, बिजनेसमैन और शिक्षाविदों आदि को वैश्विक मुद्दों पर अपनी दृष्टि साझा करने के लिए एक मंच उलब्ध कराता है।

 

कई विशेषज्ञों का कहना है कि ‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’, स्विट्जरलैंड के दावोस में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले विश्व आर्थिक मंच के माडल के आधार पर शुरू किया गया है।

 

‘बोआओ फोरम फॉर एशिया’ का प्रतिवर्ष वार्षिक सम्मेलन दक्षिण चीन के हैनान प्रांत (Hainan Province) के बोआओ(Boao) में होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे स्विट्जरलैंड के दावोस में प्रतिवर्ष विश्व आर्थिक मंच का सम्मेलन आयोजित किया जाता है।

 

बोआओ फोरम फॉर एशिया, क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने और एशियाई देशों को अपने विकास लक्ष्यों के करीब लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी ’ (RCEP) क्या है?

‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी’ (Regional Comprehensive Economic Partnership-RCEP), भारत समेत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुल 16 देशों के बीच प्रस्तावित एक मेगा मुक्त व्यापार समझौता है।

 

भारत नवंबर 2019 में ‘आसियान + 3 शिखर सम्मेलन’ के दौरान आरसीईपी में शामिल होने से इंकार कर दिया था। अतः फिलहाल इसके अंतर्गत दस आसियान देश समेत आस्ट्रेलिया, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

 

इस मेगा मुक्त व्यापार समझौता में वस्तु, सेवाओं, निवेश, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, प्रतिस्पर्धा और बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

 

आरसीईपी समझौते के लिए देशों के बीच वर्ष 2013 से वार्ता चल रही थी एवं इसमें भारत को शामिल करने की भी कोशिश थी।

 

आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल है।