पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 2 (21-Apr-2021)
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
(Great Indian Bustard)

Posted on April 21st, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है, जो गुजरात और राजस्थान में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard -GIB) को संरक्षित करने का कार्य करेगी।

 

दरअसल कुछ पर्यावरण संरक्षणवादियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि भारत के गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard -GIB) को खुले बिजली के तारों से भारी नुकसान हो रहा है।

 

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कोर्ट से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया था।

 

इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी का गठन किया है, जो गुजरात और राजस्थान में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को संरक्षित करने का कार्य करेगी। यह कमेटी एक वर्ष में जहां भी संभव हो सकेगा, हाई वोल्टेज बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करेगी।

 

सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह इस समिति को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराये।

 

इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के बिजली के तारों से टकराकर मरने से बचाने के साथ ही इनके अंडों की सुरक्षा के लिए भी एक संरक्षण नीति की आवश्यकता है।

 

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard -GIB) :

भारत में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard -GIB) को सोन चिरैया के नाम से भी जाना जाता है। जबकि राजस्थान में इसे गोडावण के नाम से जाना जाता है। यह राजस्थान का राजकीय पक्षी है।

 

यह मुख्यतया भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक विशाल पक्षी है तथा विश्व में पाए जाने वाली सबसे बड़ी उड़ने वाली पक्षी प्रजातियों में से एक है।

 

आज ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard -GIB) अपने निवास स्थान के क्षरण और अवैध शिकार के कारण संकटग्रस्त है। यह भारत में ‘वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972’ की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित है।

 

जबकि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Great Indian Bustard -GIB) को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।

 

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को संरक्षित करने के सरकारी प्रयास :

 

मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान (Desert National Park), जैसलमेर में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को संरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

 

भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India-WII), देहरादून के साथ मिलकर इस पक्षी के संरक्षण के लिये एक कार्यक्रम शुरू किया है।

 

करेरा वन्यजीव अभयारण्य(Karera Wildlife Sanctuary) भारत के मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित है। इसे वर्ष 1981 में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण हेतु स्थापित किया गया था।

 

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम- 1972 (Wildlife Protection Act 1972) :

 

इसे भारतीय संसद ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 1972 में पारित किया था।

 

इस अधिनियम का मकसद वन्य जीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना है।

 

वर्ष 2003 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था।

 

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) और इसकी लाल सूची(रेड लिस्ट) के बारे में :

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (The International Union For Conservation Of Nature- IUCN) दुनिया की प्राकृतिक स्थिति को संरक्षित रखने के लिये एक वैश्विक प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी।

 

आईयूसीएन सरकारों तथा नागरिक समाज दोनों से मिलकर बना एक संघ है। इसका मुख्यालय स्विटज़रलैंड में स्थित है।

 

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) का घोषित लक्ष्य, विश्व की सबसे विकट पर्यावरण और विकास संबंधी चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने में सहायता करना है।

 

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) विश्व के विभिन्न संरक्षण संगठनों के नेटवर्क से प्राप्त जानकारी के आधार पर लाल सूची(रेड लिस्ट) प्रकाशित करता है, जो विश्व में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को दर्शाती है।