अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (20-Feb-2019)
भारत-सऊदी अरब संबंध एक नये दौर में
(India-Saudi Arabia relations in a new era)

Posted on February 20th, 2019 | Create PDF File

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सऊदी अरब ने भारत में 100 अरब डालर के निवेश संभावना व्यक्त की : प्रधानमंत्री ने किया स्वागत-

 

भारत और सऊदी अरब ने अपने आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने तथा ऊर्जा संबंधों को खरीददार..विक्रेता से आगे बढ़ाते हुए सामरिक गठजोड़ में तब्दील करने का संकल्प व्यक्त किया है । सऊदी अरब, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 100 अरब डालर निवेश का अवसर देखता है।

सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब भारत में विभिन्न क्षेत्रों में 100 अरब डालर के निवेश का अवसर देखता है ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए सऊदी अरब के युवराज ने कहा कि साल 2016 में मोदी की यात्रा के बाद से सऊदी अरब 44 अरब डालर का निवेश कर चुका है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘ बड़ी घोषणा...सऊदी अरब, भारत में 100 अरब डालर का निवेश करेगा ।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान द्वारा भारत में 100 अरब डालर का निवेश करने संबंधी घोषणा का स्वागत किया। सऊदी अरब की ओर से यह निवेश ऊर्जा, तेलशोधन, पेट्रोकेमिकल्स, आधारभूत ढांचा जैसे क्षेत्रों में किया जायेगा ।

सऊदी अरब के युवराज की यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बातचीत के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव :आर्थिक मामले: टी एस त्रिमूर्ति ने कहा कि सऊदी अरब द्वारा निवेश की यह प्रतिबद्धता भारत में निवेश के लिये उसके विश्वास को प्रदर्शित करता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के युवराज की इस घोषणा का स्वागत किया ।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने ऊर्जा के क्षेत्र में प्रथम संयुक्त उद्यम की स्थापना पर संतोष व्यक्त किया जो तेलशोधन और पेट्रोकेमिकल परियोजनाओं से जुड़ा है और जिसकी अनुमानित लागत 44 अरब डालर है ।

दोनों पक्षों ने ‘‘सामरिक गठजोड़ परिषद’’ स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की जो भारत के प्रधानमंत्री और सऊदी अरब के युवराज के मार्गदर्शन में संचालित होगी और इसमें मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व होगा । इसके तहत द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों को आगे बढ़ाया जायेगा ।

प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये । इनमें ‘नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड’ में निवेश के लिये दोनों देशों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये । इसके अलावा पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर भी एक सहमति पत्र (एमओयू) हुआ । दोनों देशों ने आवास के क्षेत्र में सहयोग के लिये भी एक एमओयू किया ।

भारत की इन्वेस्ट इंडिया और सऊदी अरब की जनरल इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के बीच भी द्विपक्षीय निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिये सहयोग ढांचा करार पर हस्ताक्षर किये गए । प्रसार भारती एवं सऊदी ब्रॉडकास्ट कोऑपरेशन के बीच भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी विषयों ​​पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है।

प्रधानमंत्री ने भारतीयों के लिए हज़ कोटे में वृद्धि के मकसद से सऊदी अरब के युवराज के प्रति आभार प्रकट किया ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अपने आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निश्चय किया है। हमारे अर्थतंत्र में सऊदी अरब से संस्थागत निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए, हम एक ढांचा स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। मैं भारत के आधारभूत ढांचा क्षेत्र में सऊदी अरब के निवेश का स्वागत करता हूँ।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे ऊर्जा संबंधों को सामरिक गठजोड़ में तब्दील करने का समय आ गया है। दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और सामरिक पेट्रोलियम रिज़र्व में सऊदी अरब की भागीदारी दोनों देशों के ऊर्जा संबंधों को खरीददार..विक्रेता से बहुत आगे ले जाती है।

मोदी ने कहा, ‘‘ हम अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं।’’ प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में सऊदी अरब का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सामरिक वातावरण के संदर्भ में दोनों देशों ने आपसी रक्षा सहयोग को मज़बूत करने और उसका विस्तार करने पर भी सफल चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने हेतु सऊदी अरब के नागरिकों के लिए ई-वीज़ा का विस्तार किया जा रहा है।

उन्होंने भारतीयों के लिए हज़ कोटे में वृद्धि के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि 27 लाख भारतीय नागरिकों की सऊदी अरब में शान्तिपूर्ण और उपयोगी उपस्थिति दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में सऊदी अरब, भारत के सबसे मूल्यवान सामरिक सहयोगियों में से है।

उन्होंने कहा कि सऊदी अरब हमारे विस्तृत पड़ोस में है, एक करीबी दोस्त है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है।

 

भारत, सऊदी अरब संबंधों को मजबूती देने को उच्च सहयोग परिषद स्थापित करेंगे-

 

भारत और सऊदी अरब उच्च सहयोग परिषद गठित करेंगे जिससे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी। सऊदी भारत व्यापार परिषद के चेयरमैन कामिल एस अल मुनज्जिद ने बुधवार को  यह जानकारी दी।

मुनज्जिद ने बताया कि सऊदी भारत उच्च सहयोग परिषद की अध्यक्षता सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से दोनों देश किसी समस्या पर विचार विमर्श कर सकेंगे और विभिन्न मसलों मसलन कारोबार, राजनीति और रक्षा पर सीधे बातचीत कर सकेंगे।

युवराज सलमान भारत यात्रा पर आए हुए हैं। मुनज्जिद ने कहा कि आतंकवादी घटना सऊदी अरब को भारत या किसी अन्य देश के साथ संबंध बेहतर करने से नहीं रोक सकती। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस परिप्रेक्ष्य में मुनज्जिद का बयान महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला होने के तुरंत बाद सऊदी अरब ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की थी। पिछले 20-30 साल में सऊदी अरब ने काफी आतंकवाद झेला है।

उन्होंने कहा कि सऊदी अरब अपने कारोबारियों के लिए भारत से इलेक्ट्रॉनिक वीजा सुविधा देने की मांग कर रहा है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

मुनज्जिद ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि दोनों सरकारें इस पर विचार करेंगी। हमने कहा है कि ई वीजा प्रणाली सभी कारोबारियों के लिए हो, चाहते वह भारतीय है या सऊदी।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार अगले पांच साल में 50 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। अभी यह 28 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से संयुक्त अरब अमीरात को भी निर्यात किया जाता है, उसका पुन: निर्यात सऊदी अरब को होता है। इस लिहाज से द्विपक्षीय व्यापार 35 अरब डॉलर बैठता है।

 

अल-उला को वैश्विक विरासत स्थल बनाने के लिए भारत के साथ बातचीत : सऊदी शाही आयोग-

 

सऊदी अरब में अल-उला को एक वैश्विक विरासत स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए सऊदी का शाही आयोग भारत के साथ बातचीत के दौर में है। आयोग की मुख्य विपणन अधिकारी ईमान अल-मुतायरी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सऊदी अरब के युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान भारत की यात्रा पर हैं। उनके साथ आए उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल में आयोग के प्रतिनिधि भी शामिल है।

अल-उला, सऊदी अरब के उत्तर-पश्चिम में पड़ने वाला एक शहर है। खाड़ी देश में यह पहला ऐसा स्थान है जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया है।

अल-मुतायरी ने कहा, ‘‘ अल-उला को वैश्विक विरासत स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए हम भारत के संस्कृति, पर्यटन और पुरातत्व मंत्रालय के साथ द्विपक्षीय सहयोग के लिए बातचीत के दौर में है।’’

उन्होंने कहा कि भारत एक सांस्कृतिक तौर पर समृद्ध देश है और सऊदी अरब उसके साथ साझेदारी करने को उत्सुक है। ताकि अल-उला को पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने में वह भारत के अनुभव का उपयोग कर सके।

अल-मुतायरी ने कहा कि उन्हें अल-उला में 2020-21 तक सालाना ढाई लाख और 2035 तक 20 लाख से ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद है।