राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (20-Feb-2019)
संस्कृत को दूसरी राजभाषा बनायेगा हिमाचल प्रदेश
(Himachal Pradesh will make Sanskrit the second official language)

Posted on February 20th, 2019 | Create PDF File

hlhiuj

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा बनाने के लिये हिमाचल प्रदेश राजभाषा संशोधन विधेयक, 2019  पारित किया है। इस विधेयक के ज़रिये प्रदेश सरकार ने राजभाषा अधिनियम 1975 में संशोधन किया है। राज्य के सभी स्कूलों में इसे आठवीं कक्षा तक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। इसके अलावा, राज्य में खुलने वाली मेडिकल यूनिवर्सिटी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का फैसला भी प्रदेश सरकार ने किया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड 2010 में संस्कृत को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने वाला पहला राज्य था।

 

संस्कृत-

 

संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत हिन्दी-यूरोपीय भाषा परिवार की मुख्य शाखा हिन्दी-ईरानी भाषा की हिन्दी-आर्य उपशाखा की मुख्य भाषा है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिन्दी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, बंगला, उड़िया, नेपाली, कश्मीरी, उर्दू आदि सभी भाषाएं इसी से उत्पन्न हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत का अर्थ है- संस्कार की हुई भाषा। इसकी गणना संसार की प्राचीनतम ज्ञात भाषाओं में होती है। संस्कृत को देववाणी भी कहते हैं।भारत के संविधान में संस्कृत आठवीं अनुसूची में सम्मिलित अन्य भाषाओं के साथ विराजमान है।संस्कृत का प्राचीन साहित्य अत्यधिक प्राचीन, विशाल और विविधता से पूर्ण है। इसमें अध्यात्म, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान और साहित्य की भरपूर सामग्री है। संस्कृत साहित्य विविध विषयों का भंडार है। इसका प्रभाव सम्पूर्ण विश्व के चिंतन पर पड़ा है।भारत की संस्कृति का यह एकमात्र सुदृढ़ आधार है। भारत की लगभग सभी भाषाएं अपने शब्द-भंडार के लिए आज भी संस्कृत पर आश्रित हैं।