आकाशवाणी सार (29-Mar-2020)
AIR News Gist

Posted on March 30th, 2020 | Create PDF File

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मुख्य समाचार-


* लोगों से पीएम केयर्स कोष में बढ़-चढ कर दान देने का आग्रह। प्रधानमंत्री ने कोविड -19 महामारी से निपटने में हर योगदान को महत्वपूर्ण बताया।

* सरकार ने कृषि और संबंधित गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी।

* गृहमंत्रालय ने राज्यों से प्रवासी कामगारों के लिए राहत शिविर बनाने को कहा।

* वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों को शाखाओं, एटीएम और बैंकिंग प्रतिनिधि के स्तर पर पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने को कहा।

* प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा, परस्‍पर सुरक्षित दूरी बनाये रखना ही कोविड-19 से मुकाबले का सबसे कारगर तरीका है। देशवासियों से स्‍वयं और अपने परिवार की रक्षा करने का आह्वान किया।

* प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने आवश्‍यक हैं। कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लोगों से मिलकर काम करने को कहा।

* इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने कहा पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध।

* प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से उबर चुके मरीजों और डॉक्‍टरों से बात की। भारत को इस महामारी से बडे पैमाने पर लडने में अग्रिम मोर्चे पर डटे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों की तारीफ की।

* केंद्र ने राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों की अपने राज्‍यों के लिए आवाजाही रोकने के वास्‍ते कदम उठाने को कहा।

* सरकार ने चिकित्‍सा आपात स्थिति प्रबंधन, आइसोलेशन और क्‍वारैंटीन सुविधाओं के लिए दस अधिकार प्राप्‍त समूह गठित किये।

* केन्‍द्र ने कोविड-19 से निपटने में लगे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण पैकेज के तहत बीमा योजना को मंजूरी दी।

 

समाचार विस्तार से-

* कोविड-19 महामारी जैसी आपात या संकट की स्थिति से निपटने के लिए आपातकाल में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष - PM CARES बनाया गया है। प्रधानमंत्री इस न्‍यास के अध्‍यक्ष होंगे। इसके सदस्‍यों में रक्षा-मंत्री, गृह-मंत्री और वित्‍त-मंत्री शामिल हैं। वेबसाइट - pmindia.gov.in पर जाकर PM CARES Fund में दान किया जा सकता है। इस कोष में छोटी राशि भी दान दी जा सकेगी। दान राशि धारा 80-जी के तहत आयकर से मुक्‍त होगी।

श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री केयर्स कोष में प्रत्येक अंशदान महत्वपूर्ण है और छोटी राशि या बड़ी राशि का कोई अंतर नहीं है। लोगों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 महामारी को हराने का हमारा संकल्प दर्शाता है। एक विद्यार्थी के अंशदान पर श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र का भविष्य, भविष्य का राष्ट्र सुनिश्चित कर रहा है। 


विभिन्‍न वर्गों के लोगों ने कोविड-19 से निपटने में सहायता के लिए दान देने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की थी, इसलिए यह कोष बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने लोगों से इसमें दान करने अपील की। उन्‍होंने कहा कि भविष्‍य में इसी प्रकार के संकट की स्थिति में इसका इस्‍तेमाल किया जा सकेगा। PM CARES कोष का खाता नम्‍बर है, नोट करें 2121-PM-20202, इसका IFSC कोड है - SBIN - 0000691, SWIFT CODE है - SBININBB-104 और UPI- ID. है - PMCARES@SBI लोग UPI, नेट बैंकिंग, RTGS, NEFT और डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल से pmindia.gov.in पर भी इस कोष में दान दे सकते हैं।

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* भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पीएम-केयर्स कोष में 51 करोड़ रूपये देगा। बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि इससे देश की आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूती मिलेगी और कोविड-19 से लड़ने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। बीसीसीआई से जुड़ी इकाइयों ने भी इस अंशदान में योगदान दिया है।

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* बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए पीएम-केयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। एक ट्वीट में अभिनेता ने कहा कि वे अपनी बचत में से यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में दान करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय देश के लोगों का जीवन बचाना प्राथमिकता है।

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* उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण ने प्रधानमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के राहत कोष में भी एक-एक लाख रुपये दिये हैं। उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि वे सरकार के जारी निर्देशों का पालन करें और कोविड-19 से लड़ने के लिए आवश्यक उपाय करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें।

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* लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों से आग्रह किया है कि वे कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए अपने सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास कोष से न्‍यूनतम एक करोड़ की राशि के आंवटन के लिए सहमति पत्र भेजें। सहमति पत्र सांख्‍यि‍की और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के पास भेजने को कहा गया है ताकि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए जांच किट, मास्‍क, व्‍यक्तिगत सुरक्षा साधन और अन्‍य चिकित्‍सा उपकरणों के लिए यह राशि उपलब्ध कराई जा सके।

उन्‍होंने इस पर जोर दिया कि जन प्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि गरीबों और जरूरतमंदों की बुनियादी आवश्‍यकताएं पूरी होने में लॉकडाउन बाधक न बने।

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* स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि वे कोविड-19 वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सभी बुनियादी एहतियाती उपायों का पालने करें।


खुद को सुरक्षित रखने के लिये लोगों को सामाजिक दूरी से सम्‍बन्धित नियमों का सख्‍ती से पालन करना चाहिये और इकट्ठा होने से बचना चाहिये। लॉकडाउन के दौरान सभी अपने घरों में रहें और सिर्फ जरूरी चीज़ों के लिये ही बाहर निकलें। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें। बार-बार अपने हाथों को साबुन और एल्‍कोहल आधारित हैंड सैनेटाइज़र से साफ करते रहें। हाथों को दोनों तरफ से कम से कम 20 सैकेन्‍ड तक साफ करें। यदि किसी व्‍यक्ति को खांसी या बुखार है तो वह दूसरे के सम्‍पर्क में आने से बचे और डॉक्‍टर से सलाह ले। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी के लिये एक टोलफ्री नम्‍बर 1075 जारी किया है। हम साथ मिलकर इस वायरस से लड़ सकते हैं। जरूरत है एहतियात बरतने की और खुद को सुरक्षित रखने की।

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* स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्‍ली में कोविड-19 नेशनल टेलिकंसल्‍टेशन सेंटर यानी राष्‍ट्रीय दूर-परामर्श केंद्र की शुरूआत की है। इसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान-एम्‍स में बनाया गया है। इसका सम्‍पर्क नम्‍बर है 9 1- 9 1 1 5 4 4 4 1 5 5, इसके जरिए कई नंबरों को जोड़ा जा सकता है। इस प्रणाली से स्‍काईप, व्हाट्सऐप और इसी तरह के अन्‍य संचार माध्यमों से सम्‍पर्क किया जा सकेगा।

नेशनल मेडिकल कॉलेज नेटवर्क--(एन.एम.सी.एन.) के सभी पचास मेडिकल कालेजों के साथ दोतरफा संपर्क वाली वीडि‍यो कॉन्फ्रेंसिंग करने के लिए अलग से टर्मिनल बनाया गया है।

इस प्रणाली के तहत फिलहाल चार वर्कस्‍टेशन, एक एन.एम.सी.एन. टर्मिनल और छह फोन लाइनें कार्य कर रही हैं। आवश्‍यकता पड़ने पर भविष्‍य में इसमें बढ़ोतरी की जाएगी। कोविड-19 राष्‍ट्रीय दूर-परामर्श केंद्र के जरिए दुनिया में कहीं भी संपर्क किया जा सकता है।

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* वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों से शाखाओं, एटीएम, तथा बैंकिंग प्रतिनिधि के माध्‍यम से भुगतान के लिए पर्याप्‍त नकदी की व्यवस्था बनाये रखने के लिए कहा है। वित्त मंत्री ने कल सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से विस्तार से बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी बेहतर काम करना प्रोत्साहित करता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उपभोक्ता सेवा निर्बाध रूप से सुनिश्चित की जायेगी और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जायेगा।

वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका की सराहना की और देशभऱ में निर्बाध रूप से बैंकिंग सेवाएं देने के प्रयास जारी रखने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। सुश्री सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सभी मुख्य महाप्रबंधकों से अलग-अलग बातचीत की थी और उनसे निर्बाध बैंकिंग सेवा जारी रखने का अनुरोध किया था।

वित्‍तमंत्री ने निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की और उनसे सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए देश भर में निर्बाध बैंकिग सेवा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

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* केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन को देखते हुए समान्‍य जन तक दैनिक आवश्‍यकता की वस्‍तुएं उपलब्‍ध कराने के पर्याप्‍त प्रबंध करने के भरपूर प्रयत्न करने में जुटी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार प्रत्‍येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्‍चित करने के लिए वचनबद्ध है। अमित शाह ने कोविड-19 पर काबू पाने की तैयारियों की समीक्षा बैठक की, कल नई दिल्‍ली में अध्‍यक्षता की। इस महीने की 25 तारीख से राष्‍ट्रव्‍यापी लॉकडाउन शुरू होने के बाद यह तीसरी समीक्षा बैठक थी। गृह राज्‍य मंत्री नि्त्यानंद राय और जी. किशन रेड्डी तथा वरिष्‍ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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* वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विशेष प्रयोजन से गठित गवर्नमेंट ई-मार्किट प्लेस ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये कई पहल की हैं। ज़रूरत के समय में पोर्टल ने तेज़, कुशल, पारदर्शी और कम लागत पर वस्तु और सेवाओं की खरीद सुगम-सुलभ बनाने के विभिन्न उपाय किये हैं। इसमें मेडिकल सप्लाई के लिए विभिन्न श्रेणियां तय की हैं। इनमें शामिल हैं-कोविड-19 नमूना संग्रह किट, फिर से इस्तेमाल होने वाले थर्मामीटर और डिस्पोज़ेबल थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर, कार्डियक मॉनिटर, आई.सी.यू. बेड, व्हील चेयर, पोर्टेबल एक्सरे मशीन, सर्जिकल आइसोलेशन फेस शील्ड जैसी चिकित्सा वस्तुऐं और एक बार उपयोग में लिये जाने वाले तौलिये की आपूर्ति सुनिश्चित करना।

इन वस्तुओं के वास्तविक निर्माताओं, रीसेलर और आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की जा रही है ताकि इन्हें जी.ई.एम. पोर्टल में शामिल किया जा सके।

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* रेलवे 21 मार्च से 14 अप्रैल तक की यात्रा के लिए आरक्षित टिकटों की पूरी राशि यात्रियों को वापस करेगी। देश में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए 14 अप्रैल तक रेलगाडियों का संचालन और टिकटों की बिक्री रद्द किए जाने की वजह से यह फैसला किया गया है। 27 मार्च से पहले रद्द कराए गए टिकटों के लिए यात्रियों को निर्धारित फार्म भरकर टिकट जमा कराने की रसीद और यात्रा के विवरण के साथ 21 जून तक देना होगा। 27 मार्च से पहले रद्द कराए गए ई टिकटों पर काटा गया शुल्क भी वापस किया जाएगा।

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* मानव संसाधन विकास मंत्रालय कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन अवधि के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई घर से ही जारी रखने के लिये डिजिटल शिक्षा पहल के ज़रिये प्रयास कर रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विद्यार्थियों से इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने और समय का सदुपयोग करने की अपील की थी। इसे काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली और एक सप्ताह में ही राष्ट्रीय ऑन-लाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म-स्वयं और अन्य डिजिटल पहल से जुड़ने वालों की संख्या तिगुनी हो गई। 23 मार्च से लगभग 50 हज़ार लोग स्वयं प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। कोई भी व्यक्ति निशुल्क इस माध्यम का उपयोग कर सकता है। इसके लिए पंजीकरण कराने की भी आवश्यकता नहीं है।

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* सरकार ने कृषि और इससे संबंधित गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दे दी है। किसानों को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए यह फैसला किया गया है। इससे बिना किसी व्‍यवधान के फसलों की बुआई और कटाई हो सकेगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लॉकडाउन के बाद से ही किसानों की समस्‍याओं पर लगातार निगाह रखे हुए हैं। उन्‍हें यह जानकारी मिली थी कि किसानों को फसलें समेटने और अनाज को मण्डियों तक पहुंचाने में अड़चने आ सकती हैं। इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए कृषि कार्यों को लॉकडाउन के दायरे से बाहर कर दिया गया है, जिससे खेतों में खड़ी तैयार फसलों की कटाई संभव हो सकेगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि कृषि उत्‍पादों की खरीद में लगी एजेंसियां, न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य संबंधी उपायों पर अमल करने वाले संगठन, कृषि उपज विपणन समितियों द्वारा संचालित मण्डियां, राज्‍य सरकार द्वारा अधिसूचित मण्डियां, खेतों में किसानों और खेतिहर मजदूरों द्वारा की जाने वाली गतिविधियां, खेती की मशीनरी से संबंधित केंद्र, उर्वरक, कीटनाशक और बीज बनाने और उसकी पैकेजिंग करने वाली एजेंसियां तथा फसलों की कटाई और बुआई करने वाली मशीनों के राज्‍य के भीतर और राज्‍य से बाहर आने-जाने जैसी गतिविधियों को लॉकडाउन से बाहर रखा गया है।

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* उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन आदेशों को सख्ती से लागू करने का प्रयास कर रही है। सरकार लोगों को उनके घरों में खाद्य सामग्री और जरूरी सामान उपलब्ध करवा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। वे स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दिन में कई बार बैठकें कर रहे हैं।


"मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल राजधानी लखनऊ के महानगर क्षेत्र में गरीबों और बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया। यहां 12 कम्युनिटी किचन स्थापित किए गए है। उन्होंने एसजीपीजीआई लखनऊ में बनाए गए क्वॉरेंटाइन बेड का भी निरीक्षण किया। सरकार ने 12 राज्यों में प्रदेश के श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए नोडल ऑफिसर नामित किये गए है। पिछले 2 सप्ताह के दौरान प्रदेश के बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन के क्वॉरेंटाइन में रखने के निर्देश दिए गए हैं, इसके लिए ग्राम प्रधानों के संपर्क किया गया है। लखनऊ में कल, 137000 से अधिक फूड पैकेट का वितरण किया गया। 

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* उधर, छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक सेवा कानून-एस्मा लागू कर दिया है। प्रदेश में आटे की कमी न हो इस‍के लिए भारतीय खाद्य निगम अब गेंहू की बिक्री भी करेगा। प्रदेश के व्यापारी और आटा मिल वाले निर्धारित दर पर इसे उठा सकेंगे।


रायपुर रेलमंडल ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए ट्रेन के दस डिब्बों को आईसोलेशन वार्ड में तब्दील करने का निर्णय लिया है। इन डिब्बों को पूरी तरह से सैनिटाइज करके इसमें चिकित्सा उपकरण लगाए जा रहे हैं। रेलमंडल के कर्मचारियों के परिवारों के लोग मास्क बनाकर अपना योगदान दे रहे हैं। इन सभी मास्क को उन रेलवे कर्मचारियों को दिया जा रहा है जो इन दिनों मालगाड़ियों के रखरखाव और उनके संचालन में अपना योगदान दे रहे हैं। इस बीच, लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों को भोजन पहुंचाने के लिए रायपुर जिला प्रशासन ने स्पेशल फूड सेल की स्थापना की है। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए रायपुर में ड्रोन और स्ट्रीट कैमरों की मदद से चैबीस घंटे नजर रखी जा रही है। 

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* वहीं कर्नाटक सरकार ने वायरस से निपटने के‍ लिए वॉर रूम बनाया है। यहां लोगों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। महामारी से निपटने में लगे लोगों को कोरोना योद्धा नाम दिया गया है।


बेंगलुरू रेलवे विभाग अस्‍पताल में 50 बिस्‍तर केवल कोरोना रोगियों के चिकित्‍सा के लिए खोले गए हैं। रेलवे प्रशिक्षण केन्‍द्र और विपदा नियन्‍त्रण प्रशिक्षण केन्‍द्र ने 200 रूम क्वॉरेंटाइन सुविधा के लिए मौजूद हैं। बेंगलुरू में स्थित वॉर रूम में कोविड 19 रोगियों की देख रेख के लिए सुविधा की गई है। क्वॉरेंटाइन वॉरियर स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर सिखाए गए हैं। 

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* इधर, दिल्ली सरकार ने चार लाख गरीबों को भोजन देने के लिए आठ केंद्र शुरू कर दिये हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह भोजन पांच सौ 68 स्कूलों और दो सौ 38 रैन बसेरों में लोगों को निःशुल्क वितरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के हर जिले में उड़नदस्ते स्थिति पर निगरानी करने के साथ ही जरुरतमंदों को भोजन के पैकेट बांट रहे हैं। 


पूर्णबंदी के कारण दिल्‍ली छोड़कर जाने वाले प्रवासी कामगारों को दिल्ली सरकार ने अपील की है कि वह शहर छोड़कर ना जाएं क्‍योंकि सरकार उनके लिए भोजन और आश्रय का प्रबंध कर रही है। इ‍सके अलावा दिल्‍ली से सटे सीमा क्षेत्रों पर भी भोजन और पेयजल की व्‍यवस्‍था की गई है। वहीं अप्रैल माह के लिए प्रत्‍येक राशन कार्ड धारक को साढ़े सात किलोग्राम अनाज लगभग एक हजार राशन दुकानों के जरिए मुफ्त दिया जा रहा है। इससे राजधानी के 71 लाख लोग लाभान्वित होंगे। 

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* राजस्‍थान सरकार ने विभिन्‍न प्रदेशों से लौट रहे मजदूरों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इन्‍हें अपने गंतव्‍य तक पहुंचने और रास्‍ते में भोजन-पानी उपलब्‍ध कराने के लिए प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। 


लॉकडाउन के बाद अपने घर पहुंचने के लिए ज्‍यादातर लोग पैदल ही लंबा सफर तय कर रहे हैं। हालांकि रास्‍ते में विभिन्‍न व्यक्ति और संस्‍थाएं इन लोगों की मदद कर रहे हैं। बड़ी संख्‍या में सड़कों पर पैदल चल रहे ये लोग कोरोना से बचाव के लिए बनी सुरक्षा चेन के लिए खतरा ना बने इसके लिए राज्‍य सरकार ने अब इन्हें अपने गंतव्‍य तक पहुंचाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। राज्‍य सरकार ने पड़ोसी राज्‍य की सरकारों से संपर्क कर प्रवासी राजस्‍थानियों के लिए जरूरी संसाधन उपलब्‍ध कराने को भी कहा है। साथ ही प्रशासन को भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेशों से राजस्‍थान आए लोगों की हर संभव मदद की जाए। राजस्‍थान में आइन्‍सुलेशन के लिए अब तक 25 हजार बेड चिन्हित किए जा चुके हैं। कुछ जिलों में प्रशासन द्वारा कॉलजों और स्‍मारक स्‍थलों को भी अधिकृत कर लिया गया है।

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* इस बीच, बिहार सरकार ने विभिन्न स्थानों से वापस लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत शिविर बनाए हैं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि अन्‍य प्रदेशों में फंसे राज्‍य के मजदूरों को भी राहत पहुंचाने के प्रबंध किए जा रहे हैं।


उत्‍तरप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल सीमावर्ती इलाकों में प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं। यहां रहने और मुफ्त खाने की व्‍यवस्‍था की गई है। लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच के लिए डॉक्‍टरों का भी इंतजाम किया गया है। संदिग्‍ध लोगों को अलग रखने के लिए शिविरों के नजदीक स्‍कूलों के प्रबंध किए गए हैं। केरल, महाराष्‍ट्र, आन्‍ध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों को सुविधा मुहैया करवाने के लिए वहां के प्रशासन से बातचीत की जा रही है। इस बीच राज्‍य सरकार ने विदेश से आए लगभग तीन हजार चार सौ लोगों की दोबारा स्‍वास्‍थ्‍य जांच कराने का फैसला किया है। 

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* महामारी को देखते हुए जेलों में बंद कैदियों की संख्‍या कम करने के लिए उच्‍चतम न्‍यायालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे उन मामलों में पेरोल या अंतरिम जमानत पर कैदियों को रिहा करने पर विचार करें, जिनमें अधिकतम सजा सात साल है। मध्‍यप्रदेश सरकार ने उच्‍चतम न्‍यायालय के इस आदेश पर अमल शुरू कर दिया है।


राज्य सरकार ने जेल अधिकारियों को इस प्रक्रिया को चार दिनों के भीतर पूरा करने के लिए कहा है। आदेश में कहा गया है कि अंतरिम जमानत याचिका 45 दिनों से अधिक के लिए नहीं होनी चाहिए। मध्‍यप्रदेश में 125 जेल हैं, जिनमें 42 हजार से ज्यादा कैदी हैं जबकि इन जेलों की कुल क्षमता लगभग 28 हजार है। उधर, भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश के 45 लाख गरीब और असहाय लोगों तक भोजन और अन्य जरुरी सामान पहुंचाएंगे। पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश इकाई को 9 लाख कार्यकर्ताओं की सूची बनाने के लिये कहा है, ताकि ये कार्यकर्ता कोरोना से लड़ने के क्रम में अभावग्रस्त परिवारों तक भोजन एवं अन्य सहायता पहुंचा सकें। 

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* हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के लिये कोविड-19 कार्रवाई कोष का गठन किया है। राज्य सरकार ने आपदा राहत तैयारी और कार्रवाई के लिये सरकारी और गैर-सरकारी संगठन समन्वय प्लेटफॉर्म - जी.ओ. - एन.जी.ओ. भी बनाया है।

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* डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम ने पीएम केयर्स कोष में पांच सौ करोड़ रुपये के अंशदान का लक्ष्य रखा है। पेटीएम प्रमुख मधुर देवड़ा ने कहा कि पेटीएम वॉलेट, यूपीआई और पेटीएम बैंक डेबिट कार्ड का उपयोग करते हुए प्रत्येक अंशदान या किसी अन्य भुगतान पर कंपनी अतिरिक्त दस रुपये का योगदान करेगी।

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* प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि परस्‍पर सुरक्षित दूरी बनाये रखना ही कोविड-19 से मुकाबले का सबसे कारगर तरीका है। आकाशवाणी से आज मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि हर किसी को अपनी और अपने परिवार की रक्षा करनी होगी। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक भारतीय का संकल्‍प और नियम का पालन इस संकट से निपटने में सहायक होगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश के पास कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पूर्णबंदी के अलावा और कोई रास्‍ता नहीं था।


मैं आपकी दिक्‍कतें समझता हूं। आपकी परेशानी भी समझता हूं। लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ये कदम उठाये बिना कोई रास्‍ता नहीं था। कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्‍यु के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है और इसीलिए ये कठोर कदम उठाने बहुत आवश्‍यक थे।

 

श्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर में आज जो कुछ भी घट रहा है उसमें यही एकमात्र विकल्‍प बचा था। उन्‍होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी ही होगी। प्रधानमंत्री ने लोगों को हो रही कठिनाइयों के लिए क्षमायाचना भी की।


मैं आपकी दिक्‍कतें समझता हूं। आपकी परेशानी भी समझता हूं। लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ये कदम उठाये बिना कोई रास्‍ता नहीं था। कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्‍यु के बीच की लड़ाई है और इस लड़ाई में हमें जीतना है और इसीलिए ये कठोर कदम उठाने बहुत आवश्‍यक थे। किसी का मन नहीं करता है ऐसे कदमों के लिए। लेकिन दुनिया के हालात देखने के बाद लगता है कि यही एक रास्‍ता बचा है। आपको, आपके परिवार को सुरक्षित रखना है। मैं फिर एक बार आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है। इसके लिए क्षमा मांगता हूं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्णबंदी के दौरान नियम तोड़ने वाले अपने जीवन से खेल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बचना मुश्किल हो जायेगा।


ये लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है। आपको अपने को बचाना है, अपने परिवार को बचाना है। अभी आपको आने वाले कई दिनों तक इसी तरह धैर्य दिखाना ही है। लक्ष्‍मण रेखा का पालन करना ही है। साथियो मैं ये भी जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं, क्‍योंकि अब भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। ऐसे लोगों को यही कहूंगा कि लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बचना मुश्किल हो जायेगा।

 

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभूतपूर्व और चुनौतीपूर्ण है। इसलिए, हमें ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं जिनके बारे में विश्‍व इतिहास में पहले कभी नहीं सुना गया।


श्री मोदी ने कहा कि हमें गरीबों के प्रति अपनी सम्‍वेदनशीलता को बढ़ाना होगा। संकट की इस घड़ी में जब भी कोई गरीब या भूखा व्‍यक्ति दिखे, तो सबसे पहले उसे खाना खिलाने का प्रयास करना चाहिए। श्री मोदी ने एक श्‍लोक की चर्चा करते हुए कहा कि बीमारी और उसके प्रकोप से शुरू में ही निपटना चाहिए।


हमारे यहां कहा गया है, एवं एव विकार: अपि तरूण: साध्‍यते सुखम्। यानी बीमारी और उसके प्रकोप से शुरूआत में ही निपटना चाहिए। बाद में रोग असाध्‍य हो जाते हैं। तब इलाज भी मुश्किल हो जाता है और आज पूरा हिन्‍दुस्‍तान हर हिन्‍दुस्‍तानी यही कर रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और यह ज्ञान, विज्ञान, अमीर और गरीब, मजबूत और लाचार-सब के लिए एक चुनौती के रूप में सामने आया है। उन्‍होंने कहा कि यह वायरस न तो किसी राष्‍ट्र की सीमा में बंधा है और न ही यह कोई क्षेत्र या कोई मौसम देखता है।


श्री मोदी ने कहा कि देशवासी इस बात को समझेंगे कि सरकार को ऐसे निर्णय क्‍यों लेने पड़े जिनसे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। श्री मोदी ने खासतौर से वंचित समुदाय के लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि वे उनकी पीड़ा को समझ सकते हैं।


प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक योद्धा हैं जो घरों में नहीं, बल्कि घरों के बाहर रहकर कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि अग्रिम मोर्चे पर डटे हमारे ये सैनिक हैं - हमारी नर्स बहनें, डाक्‍टर और पैरा-मेडिकल स्‍टॉफ। उन्‍होंने कहा कि ये वे लोग हैं जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं।


इस लड़ाई के अनेकों योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, घरों के बाहर रहकर कोरोना वायरस का मुकाबला कर रहे हैं। जो हमारे फ्रंट लाइन सोल्‍जर्स हैं। खास करके हमारी नर्सेस बहनें हैं। नर्सेस का काम करने वाले भाई हैं, डॉक्‍टर हैं, पैरा मेडिकल स्‍टाफ हैं, ऐसे साथी जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं। आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी है।

 

प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के विरूद्ध संघर्ष में डटे कुछ लोगों से फोन पर हुइ बातचीत को साझा करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के साथ बातचीत ने उनका उत्‍साह बढ़ाया है और उनसे बात करके स्‍वयं मेरा उत्‍साह भी बढ़ा है।


सबसे पहले उन्‍होंने सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवर रामगम्‍पा तेजा से बात की जो कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्‍त हो चुके हैं।


परिवार के लिए तो पहले उसके बारे जब पता चला तब तो मैं क्‍वारेंटीन में था। लेकिन क्‍वारेंटीन के बाद भी डॉक्‍टर्स ने बताया था कि और 14 दिन घर पे ही रहना है और अपने रूम में रहना और सेल्‍फ कोर हाउस क्‍वारेंटीन रखने के लिए बोले थे। ठीक होने के बाद भी मैं अपने घर में ही हूं और मेरे रूम में ही रहता हूं ज्‍यादातर मास्‍क लगाके ही रहता हूं दिनभर। जब भी बाहर खाने के लिए कुछ होगा, हैंड वॉशिंग बहुत इंपोर्टेंट है।

 

श्री मोदी ने आगरा के अशोक कपूर से भी बात की।


हम छह को उन्‍होंने अलग-अलग रूम दिया। अच्‍छे रूम थे। सब कुछ था, तो सब हम फिर 14 दिन वहां हॉस्पिटल में अकेले रहते थे और डॉक्‍टरों का जहां तक बात है, बहुत सहयोग रहा जी। बड़ा अच्‍छा हमको उन्‍होंने ट्रीट किया। चाहे स्‍टॉफ हो, वो एक्‍चुअली अपनी ड्रेस पहन के आते थे न सब। पता नहीं चलता था कि ये डॉक्‍टर है या वार्ड बॉय है या नर्स है। वो जो कहते थे हम मान लेते थे। फिलहाल हमको किसी तरह की भी एक पर्सेंट भी प्रॉब्‍लम नहीं आई।

 

देश इस महामारी से चिकित्‍सा के स्‍तर पर इस प्रकार निपट रहा है, इसे समझने के लिए श्री मोदी ने कोरोना वायरस से मुकाबला कर रहे कुछेक डाक्‍टरों से भी बात की। दिल्‍ली के डॉक्‍टर नीतेश गुप्‍ता ने इलाज के लिए अस्‍पताल को सरकार से मिल रही सहायता के लिए श्री मोदी को धन्‍यवाद दिया।


सबका मूड अपबीट है। आपका आशीर्वाद सबके साथ है। आपने दिया हुआ सारा हॉस्पिटल को जो भी आप सपोर्ट कर रहे हैं, जो भी चीज हम मांग रहे हैं। आप सब प्रोवाइड कर रहे हैं, तो हम लोग बिल्‍कुल जैसे आर्मी बार्डर पे खड़ी रहती है, हम लोग बिल्‍कुल वैसे ही लगे हुए हैं और हमारा सिर्फ एक ही कर्तव्‍य है कि पेशेंट ठीक हो के घर जाये।

 

पुणे के डॉक्‍टर बोरसे ने कोरोना संक्रमण से उबर रहे रोगियों के साथ अपने अनुभव साझा किए।


सब डॉक्‍टर्स लोग हम हॉस्पिटल में जाके कोरोना पॉजिटिव रोगियों की सेवा कर रहे हैं। मोदी साहब ने हमको फोन करके ये हमारी स्थिति जानने की कोशिश की । उन्‍होंने हमें भरोसा दिलाया, हमारा विश्‍वास बढ़ाया, हमें एनर्जी आई और मोदी साहब ने हमारा धन्‍यवाद किया और ये विश्‍वास दिलाया कि आप डॉक्‍टर लोगों के साथ आपके सहयोग से हमे कोरोना के ऊपर विजयी होंगे।

 

प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्‍यक्‍त किया कि कोरोना वायरस के संदिग्‍ध लोगों या घर में विशेष निगरानी में रखे जा रहे लोगों के प्रति लोग बुरा बर्ताव कर रहे हैं।


मुझे कुछ ऐसी घटनाओं का पता चला है, जिनमें कोरोना वायरस के संदिग्‍ध ऐसे जिन्‍हें होम क्‍वारेंटाइन में रहने को कहा गया है। उनके साथ कुछ लोग बुरा वर्ताव कर रहे हैं। ऐसी बातें सुनकर मुझे अत्‍यंत पीड़ा हुई है। ये बहुत दुर्भाग्‍यपूर्ण है। हमें ये समझना होगा कि मौजूदा हालात में अभी एक-दूसरे से सिर्फ सोशल डिस्‍टेंस बनाकर रखना है न कि इमोशनल या ह्यूमन डिस्‍टेंस। ऐसे लोग कोई अपराधी नहीं हैं। बल्कि वायरस के संभवित पीडि़तभर हैं। इन लोगों ने दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए खुद को अलग किया है और क्‍वारेंटाइन में रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने का सबसे कारगर तरीका परस्‍पर सुरक्षित दूरी बनाये रखना ही है। लेकिन हमें यह समझना होगा कि सुरक्षित दूरी का मतलब सामाजिक संपर्क खत्‍म करना नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि आने वाले समय में यही हिन्‍दुस्‍तानी अपने देश के विकास के लिए सारी दीवारों को तोड़कर आगे निकलेगा।


आज हर भारतीय अपने जीवन की रक्षा के लिए घर में बंद है। लेकिन आने वाले समय में यही हिन्‍दुस्‍तानी अपने देश के विकास के लिए सारी दीवारों को तोड़कर आगे निकलेगा, देश को आगे ले जायेगा। आप अपने परिवार के साथ घर पर रहिए, सुरक्षित और सावधान रहिए, हमें ये जंग जीतना है जरूर जीतेंगे।


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* कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी विभिन्‍न पक्षों से सम्‍पर्क जारी रखे हुए हैं। श्री मोदी हर रोज 200 से अधिक लोगों के साथ बातचीत करते हैं, जिनमें विभिन्‍न राज्‍यों के राज्‍यपाल, मुख्‍यमंत्री और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री शामिल हैं। वे देश के विभिन्‍न भागों में चिकित्‍सकों, नर्सों, स्‍वास्‍थ्‍य और सफाई कर्मचारियों के साथ भी फोन पर सम्‍पर्क कर रहे हैं, ताकि राष्‍ट्र और समाज के प्रति उनके कल्‍याणकारी योगदान के लिए आभार व्‍यक्‍त किया जा सकें।


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* इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अध्‍यक्ष संजीव सिंह ने कहा है कि देश के पास तीन सप्‍ताह की पूर्णबंदी के बाद भी इस्‍तेमाल के लिए पर्याप्‍त मात्रा में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस उपलब्‍ध है। उन्‍होंने कहा कि सभी संयंत्र और आपूर्ति स्‍थल पूरी तरह प्रचालित है।


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* राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविन्‍द ने कोविड-19 के संकट से उबरने में राष्‍ट्र की मदद के लिए प्रधानमंत्री-केयर्स फंड में एक महीने का वेतन दान करने घोषणा की है।

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* गृह मंत्रालय ने सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इक्‍कीस दिन के लॉकडाउन के दौरान आवश्‍यक और गैर आवश्‍यक वस्‍तुओं के बीच अंतर किए बिना सभी माल को लाने , ले जाने की अनुमति देने को कहा। गृह सचिव अजय भल्‍ला ने राज्‍य के मुख्‍य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि लॉकडाउन के दौरान समाचार पत्रों की आपूर्ति की जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान दूध के लिए पैकिंग सामाग्री सहित दूध एकत्रित करने और इसके वितरण की अनुमति होनी चाहिए।


इसके अलावा हैंडवॉश, साबुन, मुंह साफ करने वाले सामान, बैटरी और चार्जर जैसे उत्‍पादों सहित राशन लाने, ले जाने की भी अनुमति होनी चाहिए। श्री भल्‍ला ने कहा कि राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की सेवाओं को भी शामिल किया गया है।

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* सरकार ने कोविड-19 से निपटने में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत घोषित बीमा योजना को मंजूरी दे दी है। योजना के अंतर्गत लगभग 22 लाख 12 हजार जन स्वास्थ्य कर्मियों को 90 दिनों के लिए 50 लाख रूपये की बीमा सुरक्षा दी जाएगी। इनमें ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं जो कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों की देखभाल में लगे हैं और रोगियों के सीधे संपर्क में होने के कारण जान को खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही बीमा सुरक्षा लाभार्थी द्वारा पहले से ली गई अन्य बीमा सुरक्षा से अतिरिक्त होगी।

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* रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन संक्रमण को रोकने में जुटे देश के स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को जल्‍द ही आधुनिक वेंटीलेटर, फेस मास्‍क और व्‍यक्तिगत सुरक्षा उपकरण से लेस करेगा। संगठन के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर जी सतीश रेड्डी ने आकाशवाणी को बताया कि अगले कुछ दिनों में इनमें से कई उपकरण स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को उपलब्‍ध करा दिए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि संगठन ने कई मरीजों के लिए एक वेंटीलेटर का इस्‍तेमाल करने की प्रौद्योगिकी विकसित की है।


हमने कुछ उपकरण बनाएं हैं जिनमें वेंटिलेटर शामिल हैं और जिनका प्रयोग कई लोगों के लिए एक साथ किया जा सकता हैं। इनका कल और परसों कई अस्‍पतालों में प्रसिद्ध डाक्‍टरों के नेतृत्‍व में परीक्षण किया गया जोकि सफल रहा।


संगठन ने पांच परतों वाले एन-99 मास्‍क तैयार किए हैं और इसे बनाने की प्रौद्योगिकी उद्योग जगत को दी है, ताकि बड़े पैमाने पर इनका निर्माण हो सके।


हमारे पास पीपीई तकनीक भी उपलब्‍ध है और हम इस तकनीक के जरिए चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्‍क और शरीर पर पहने जाने वाले वस्‍त्र का निर्माण भी कर सकते हैं। इन्‍हें हम पीपीई यानि पर्सनल प्रोडक्‍शन इक्‍यूमेंट कहते हैं। हमने इस तकनीक को कई उद्योगों के साथ साझा किया है और वे इसका निर्माण भी कर रहे हैं लेकिन उत्‍पादन की क्षमता मांग के अनुसार नहीं है इसके लिए हम कुछ और उद्योगों को शामिल कर रहे हैं ताकि मांग के अनुरूप चेहरे के मास्‍क और शरीर के वस्‍त्र उपलब्‍ध कराया जा सके।


डॉक्‍टर सतीश रेड्डी ने यह भी बताया कि सेनीटाइज करने वाली वेन भी जल्‍द ही पर्याप्‍त संख्‍या में तैयार की जाएंगी और प्रमुख शहरों त‍था कस्‍बों में भेजा जाएगा।

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* भारतीय रेल लॉकडाउन के दौरान आवश्‍यक वस्‍तुओं और छोटे आकार के पार्सल में अन्‍य माल को लाने- ले जाने के लिए विशेष पार्सल रेलगाडि़यां चलाएगा। इसका उद्देश्‍य आवश्‍यक वस्‍तुओं की निर्बाध और सुचारू आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना है। रेलवे ने आवश्‍यक ई-कॉमर्स प्रतिष्‍ठानों और राज्‍य सरकारों सहित अन्‍य उपभोक्‍ताओं के लिए ऐसे सामान को देशभर में तेजी से पहुंचाने के लिए रेलवे पार्सल वेन उपलब्‍ध कराईं हैं।

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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को कोविड-19 संकट से उबारने में मदद के लिए पीएम-केयर्स कोष में एक महीने के वेतन का योगदान करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार व्यक्त किया है। उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रपति ने इस दिशा में नेतृत्व करते हुए देश को प्रेरणा दी है। प्रधानमंत्री ने कोष में योगदान के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सैलो ग्रुप, टी-सीरिज और पेटीएम सहित अन्य संगठनों तथा लोगों को धन्यवाद दिया है।

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* रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री केयर्स कोष में एक महीने का वेतन दिया है। श्री सिंह ने लोगों से इस कोष में अंशदान करने तथा कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत के संकल्‍प को मजबूत बनाने का आग्रह किया है।


रक्षा मंत्री ने कोष में रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के एक दिन का वेतन देने को मंजूरी दी है। अनुमान है कि इससे कोष में लगभग पांच सौ करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह योगदान स्‍वैच्छिक है।

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* सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने अपने सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास निधि से केंद्रीय राहत कोष में एक करोड़ रुपये दिए हैं। उन्‍होंने अपनी विकास निधि से नोवेल कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए उपकरण खरीदने के वास्‍ते पुणे के अस्‍पतालों के लिए भी एक करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

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* रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर भारतीय रेलवे पीएम केयर्स निधि में 151 करोड रुपये का योगदान करेगा। उन्‍होंने कहा कि वे और राज्‍य मंत्री सुरेश अगाडी एक-एक महीने का वेतन दान करेंगे, जबकि रेलवे के 13 लाख कर्मचारी एक-एक दिन का वेतन दान करेंगे।पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने राष्‍ट्रीय आपदा कोष में एक महीने का वेतन दान किया है।

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* कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में सरकार को सहयोग करेगी। प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में श्री गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि सामाजिक सुरक्षा को तुरंत सुदृढ़ किया जाए और गरीब कामगारों की सहायता तथा आश्रय के लिए सभी सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग किया जाए।

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* स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि वे कोविड-19 वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सभी बुनियादी एहतियाती उपायों का पालने करें।


लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सरकार ने लोगों को बुनियादी सुरक्षात्‍मक उपायों का पालन करने की सलाह दी है। कुद को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को समाजिक दूरी से संबंधित नियमों का सख्‍ती से पालन करना चाहिए और इकट्टा होने से बचना चाहिए। इस दौरान सभी अपनों घरों में रहें और सिर्फ जरूरी चीज़ों के लिये ही बाहर निकलें। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें। बार-बार अपने हाथों को साबुन और एल्‍कोहल आधारित हैंड सैनेटाइज़र से साफ करते रहें। हाथों को दोनों तरफ से कम से कम 20 सैकेन्‍ड तक साफ करें। यदि किसी व्‍यक्ति को खांसी या बुखार है तो वह दूसरे के सम्‍पर्क में आने से बचे और डॉक्‍टर से सलाह ले। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी के लिये एक टोलफ्री नम्‍बर 1075 जारी किया है। हम साथ हम साथ मिलकर इस वायरस से लड़ सकते हैं। जरूरत है एहतियात बरतने की और खुद को सुरक्षित रखने की। 

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* बैंक ऑफ इंडिया ने ऋणों पर ब्याज दर में 75 आधार अंकों की कमी करते हुए इसे सात दशमवल दो पांच प्रतिशत कर दिया है। नई दरे एक अप्रैल से लागू होंगी। रिज़र्व बैंक ने 27 मार्च को रेपो दर में 75 आधार अंको की कमी करते हुए इसे चार दशमलव चार प्रतिशत किया था।


बैंक ने एक माह से लेकर एक साल तक की अवधि वाले ऋण के लिए ब्याज दरों में भी शून्य दशमलव दो पांच प्रतिशत की कटौती की है। एक दिन की अवधि के ऋण पर ब्याज दर में शून्य दशमलव एक पांच प्रतिशत की कमी की गई है।

 

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* विश्व में नोवेल कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या आज बढ़कर 31 हजार चार सौ बारह हो गई। दो तिहाई से अधिक लोगों की मौत यूरोप में हुई है। पिछले वर्ष दिसम्बर से अब तक 183 देशों में संक्रमण के छह लाख 68 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

 

समाचार पत्रों की सुर्खियों से-

* आज प्रकाशित अखबारों ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बाद कुछ राज्‍यों की स्थितियों पर विस्‍तार से समाचार दिए हैं।जनसत्‍ता ने लिखा है कोरोना विषाणु संक्रमण से मरने वालों की संख्‍या देश में बढ़ी। विश्‍व में छह लाख से अधिक लोग संक्रमित। दिल्‍ली, नोएडा में कोरोना के नौ-नौ नए मामले, ब्रिटिश नागरिक से संक्रमित हुए। नवभारत टाइम्‍स ने लिखा है कि पिछले 24 घंटे में देश में 140 मरीज बढ़े।

* महामारी से जंग में प्रधानमंत्री ने पीएम केयर फंड बनाया और देशवासियों से इसमें योगदान के बारे में सभी अखबारों ने प्रमुखता से खबर दी है। पीएम केयर की खाता संख्‍या, आईएफएसई कोड और स्विफ्ट कोड संख्‍या भी सभी अखबारों ने दी है। इन विपरीत परिस्थितियों में देश की जानीमानी हस्तियों के जरूरतमंदों की मदद के उद्देश्‍य से अपना योगदान देने को भी लगभग सभी अखबरों ने विस्‍तार से दिया है।हिंदुस्‍तान लिखता है अभिनेता अक्षय कुमार, उद्योगपति टाटा, लोकसभा अध्‍यक्ष ने प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद मदद के लिए हाथ बढ़ाएं।

* देशभर से कामगारों के पलायन के बीच राज्य सरकारों की बार-बार कोशिशों के बीच घर वापसी के लिए सड़कों पर उतरा सैलाब भी अखबारों की सुर्खियां बना है। गृह मंत्रालय के राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए निर्देश को भी समाचार पत्रों ने अ‍हमियत दी है कि श्रमिकों के भोजन और आश्रय की व्‍यवस्‍था राज्‍य करेंगे। दैनिक जागरण की खबर है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हर प्रवासी मजदूर को मदद मिलेगी, प्रति परिवार राशन की व्‍यवस्‍था।

* अखबारों ने भारतीय रेल के नए अवतार की भी चर्चा की है। आम जनता की मदद के लिए पटरियों पर आइसोलेशन वॉर्ड वाली रेलगाडि़यां चलाई जाएंगी। अस्‍तपालरूपी इन रेलगाडि़यों में जीवन रक्षक दवाएं, रक्षा उपकरण, जांच मशीनें और पैरा मेडिकल स्‍टाफ तैनात रहेगा।