आकाशवाणी सार (22-Dec-2020)
AIR News Gist

Posted on December 22nd, 2020 | Create PDF File

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मुख्य समाचार-

 

* अमरीकी राष्ट्रपति ने भारत-अमरीका रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'लीजन ऑफ मेरिट' पुरस्कार प्रदान किया।

* यूरोपीय संघ ने 27 देशों में फाइज़र और बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन के उपयोग की मंजूरी दी।

* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। देशवासियों से आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से नया भारत बनाने के लिए एकजुट होकर आगे आने की अपील की।

* प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का वैश्विक समुदाय से भारतीय प्रतिभा में निवेश करने का आह्वान। भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव के आरंभिक सत्र को संबोधित किया।

* जम्‍मू कश्‍मीर में जिला विकास परिषद चुनाव की मतगणना जारी। भारतीय जनता पार्टी ने 30, नेशनल कॉन्‍फ्रेंस ने 26 और पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी ने 16 सीटें जीतीं।

* सरकार ने कहा- ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया रूप अब तक भारत में नहीं। देशवासियों से कहा- घबराने की जरूरत नहीं।

 

समाचार विस्तार से- 

 

* अमरीकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रम्‍प ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को भारत और अमरीका के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने और भारत को वैश्विक शक्ति बनाने में सक्षम नेतृत्‍व देने के लिए प्रतिष्ठित लीजन ऑफ मैरिट पुरस्‍कार प्रदान किया। अमरीका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने अमरीका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन से व्‍हाइट हाउस में प्रधानमंत्री की ओर से यह पुरस्‍कार ग्रहण किया। यह पुरस्कार किसी राष्‍ट्राध्‍यक्ष या शासनाध्‍यक्ष को ही दिया जाता है। भारत को वैश्विक शक्ति बनाने की दिशा में ले जाने और भारत और अमरीका के बीच वैश्विक मुद्दों पर रणनीतिक साझेदारी के लिए श्री मोदी के नेतृत्‍व के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया है।

अमरीकी राष्‍ट्रपति ने ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्‍कॉट मॉरिसन और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भी लीजन ऑफ मैरिट पुरस्‍कार प्रस्‍तुत किए।

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* यूरोपीय संघ ने फाइज़र और बायोएनटेक द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। 27 राष्ट्रों के संघ में व्यापक टीकाकरण का प्रथम चरण इस सप्ताह के अंत में शुरू होने जा रहा है। 

यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग ने वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की है। इससे पहले यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने कहा था कि वो टीका सुरक्षा और गुणवत्ता के मानदंड पूरे करता है। यूरोपि‍यन आयोग की अध्यक्ष उर्सुलावोन डेर लेयेन ने कहा है कि यूरोपीय संघ के सभी देशों के लिए टीका एक ही समय और समान शर्तों पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की खेप बेल्जियम में फाइज़र की विनिर्माण इकाई से अगले कुछ दिनों में अपने गंतव्‍यों तक पहुंचने लगेगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण इस महीने की 27 तारीख से शुरू हो जाएगा। यूरोपीय संघ के देशों में शामिल जर्मनी, फ्रांस, आस्ट्रिया और इटली ने कहा है कि वे क्रिस्मस के कुछ समय बाद टीकाकरण शुरू करने की योजना बना रहे हैं। 

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* सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला किया है। यह समिति 23 जनवरी 2021 से साल भर आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेगी। गृह मंत्री अमित शाह उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के महान योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रंद्धाजलि के तौर पर यह आयोजन किया जा रहा है।

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* प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि देश उस रास्‍ते पर आगे बढ रहा है जहां प्रत्‍येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के विकास के सभी लाभ मिल सकेंगे। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्‍होंने देशवासियों से अपील की कि वे आत्‍मनिर्भर भारत के माध्‍यम से नया भारत बनाने के लिए एकजुट होकर आगे आयें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास और सबका विश्‍वास मंत्र के साथ काम कर रही है।


मैं एएमयू के विशाल एल्‍यूमुनाय नेटवर्क को भी आह्वान करता हूं कि नए भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी और बढाएं। आत्‍मनिर्भर भारत को सफल बनाने के लिए वोकल फॉर लोकल को सफल बनाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है इसे लेकर अगर मुझे एएमयू से सुझाव मिलें, एएमयू एल्‍युमुनाय के सुझाव मिलें तो मुझे बहुत खुशी होगी।


श्री मोदी ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय परिसर मिनी भारत की तरह है। विश्‍वविद्यालय की विविधता न केवल इसकी बल्कि समूचे राष्‍ट्र की ताकत है।


एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेकों डिपार्टमेंट्स, दर्जनों हॉस्‍टल्स, हजारों टीचर्स, प्रोफेसर्स, लाखों स्‍टूडेंट्स के बीच एक मिनी इंडिया भी नजर आता है। एएमयू में भी एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है तो हिन्‍दी भी, अरबी पढ़ाई जाती है तो यहां संस्‍कृत की शिक्षा का भी एक सदी पुराना संस्‍थान है। एएमयू के कैंपस में 'एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत' की भावना दिनोंदिन मजबूत होती रहे।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुस्लिम बालिकाओं की पढ़ाई के बीच में ही स्‍कूल छोडने की दर काफी अधिक थी और यह स्थिति 70 वर्षों तक बनी रही। जो समाज के विकास में एक बड़ी समस्‍या थी।


मुस्लिम समाज की प्रगति में बेटियों का पढ़ाई बीच में छोड़ना हमेशा से बहुत बड़ी बाधा रहा है, लेकिन 70 साल से हमारे यहां स्थिति यही थी कि 70 परसेंट से ज्‍यादा मुस्लिम बेटियां अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती थीं। इन्‍हीं स्थितियों में स्‍वच्‍छ भारत मिशन शुरू हुआ, गांव-गांव शौचालय बने, सरकार ने स्‍कूल जाने वाली 10 स्‍टूडेंट्स के लिए मिशन मोड पर अलग शौचालय बनवाए। आज देश के सामने क्‍या स्थिति‍ है पहले मुस्लिम बेटियों का जो स्‍कूल ड्रॉप आउट रेट 70 प्रतिशत से ज्‍यादा था वो अब घटकर 30 प्रतिशत रह गया है।


श्री मोदी ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय से संबंधित शिक्षा का इतिहास, भारत की अमूल्‍य धरोहर है और विश्‍वविद्यालय ने कई देशों के साथ भारत के संबंध मजबूत करने का काम किया है।


बीते 100 वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्‍त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्‍लामिक साहित्‍य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्‍लामिक वर्ल्‍ड के साथ भारत के सांस्‍कृतिक रिश्‍तों को नई ऊर्जा देती है।


श्री मोदी ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय ने कोरोना संकट के दौरान समाज की कई प्रकार से सहायता की।


अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी एएमयू ने जिस तरह समाज की मदद की, वह अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टैस्‍ट करवाना, आइसोलेशन वॉर्ड बनाना, प्‍लाज्‍मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्‍वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है।


श्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति, देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करेगी और 21वीं सदी के लिए प्रतिस्‍पर्धी बनायेगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा संस्‍थानों में सीटों की संख्‍या में वृद्धि की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में केवल 16 आई आई टी थे लेकिन अब उनकी संख्‍या बढकर 23 हो गई है और ट्रिपल आई आई टी की संख्‍या 9 से बढकर 25 हो गई है। आई आई एम की संख्‍या 13 से बढकर 20 और एम्‍स की संख्‍या सात से बढकर 22 हो गई है। प्रधानमंत्री ने विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों से अपील की कि वे देश के स्‍वतंत्रता सेनानियों पर अनुसंधान करें।

 

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर एक डाक टिकट जारी किया। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से शामिल हुए।

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* बलूचिस्‍तान में पाकिस्‍तान की सेना और सरकार के अत्‍याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाली करीमा बलोच, कनाडा के टोरंटो में मृत पाई गई हैं। वे रविवार से लापता थीं और टोरंटो की पुलिस ने उनका पता लगाने में लोगों से मदद की अपील की थी। करीमा बलोच के परिवार ने अब उनकी मौत की पुष्टि की है।


करीमा बलोच, बलूचिस्‍तान की एक मशहूर हस्‍ती रहीं। उन्‍हें महिला सक्रियतावाद की अग्रणी माना जाता है। उन्‍होंने स्विटजरलैंड में संयुक्‍त राष्‍ट्र सत्रों के दौरान बलूचिस्‍तान का मुद्दा उठाया था। उन्‍हें 2016 में विश्‍व की सर्वाधिक प्रेरणादायक और प्रभावशाली एक सौ महिलाओं में सम्मिलित किया गया था।

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* प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि भारत में विश्‍व स्‍तरीय वैज्ञानिक समाधान हासिल करने के लिए आंकडे जन सांख्यिकी, मांग और लोकतंत्र मौजूद है। आज भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव-आई. आई. एस. एफ.- 2020 का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने क्रांतिकारी कार्य किए हैं और देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की समृद्ध विरासत है।


इस दिशा में सरकार के प्रयासों से दुनिया का भरोसा भारत में बढा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसी भी चुनौती से निपटने और अनुसंधान का वातावरण सुधारने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

 

प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को भारत और भारत की प्रतिभा में निवेश के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी ने कहा कि सरकार निवेशकों को अनुकूल वातावरण उपलब्‍ध कराने के पूरे प्रयास करेगी।


श्री मोदी ने कहा कि देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढावा देने के लिए नई शिक्षा नीति लायी गई है।


आज भारत के एजुकेशन सिस्‍टम में स्‍ट्रक्‍चर्ड रिफॉर्म किए जा रहे है, ताकि किताबी ज्ञान से आगे निकलकर स्पिरिट ऑफ इंक्‍वारी को बढ़ावा मिले। तीन दशक के लंबे समय के बाद देश को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी मिल चुकी है। इस पॉलिसी के एजुकेशन सेक्‍टर का फोकस भी बदल गया है। पहले आउटलेज पर फोकस था, अब आउटकम्‍स पर है। पहले टेस्‍टबुक की पढ़ाई पर फोकस था अब रिसर्च और ऐप्‍लीकेशन पर है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी एक ऐसा माहौल देश में बनाने पर फोकस कर रही है, जिससे टॉप क्‍वालिटी टीचर्स का एक पूल देश में तैयार हो सके। ये ऐप्रोच हमारे नये और उभरते साइंसटिस्‍ट को भी मदद करेगी, एन्‍करेज करेगी।


प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए अटल इन्‍क्‍यूबेशन सेंटर और अटल नवाचार मिशन की सहायता भी ली जा रही है।


एजुकेशन सेक्‍टर में जो ये बदलाव किए जा रहे है। इनको कम्‍पलीमेंट करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन भी शुरू किया गया है। इसके तहत देशभर के अनेक स्‍कूलों में अटल टिन्‍करिंग लैब तैयार किए जा रहे है, जो इनोवेशन के नए प्‍लेग्राउंड सिद्ध हो रहे है। इन लैब्‍स से हमारे स्‍कूलों में साइंस से जुड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बेहतर हो रहा है। हायर एजुकेशन में अटल इन्‍क्‍युबेशन सेंटर तैयार किए जा रहे है, ताकि देश में आरएनडी से जुड़ा इको सिस्‍टम तैयार हो।


प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्‍कृष्‍ट अनुसंधान के लिए सरकार पी एम रिसर्च फेलोशिप उपलब्‍ध करा रही है।


क्‍वालि‍टी रिसर्च के लिए सरकार प्राइम मिनिस्‍टर रिसर्च फैलोशिप स्‍कीम को भी चला रही है। इसका लक्ष्‍य तो है कि जो देश का बेस्‍ट टेलेन्‍ट है, उसे अपनी पसंद की रिसर्च करने में और सुविधा मिले। देश की सभी आईआईटीज, सभी आईआईएससीआईएस, बेंगलुरू के इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ साइंस और कुछ सेन्‍ट्रल यूनिवर्सिटीज और एनआईटीज में ये स्‍कीम स्‍टूडेंट्स को काफी आर्थिक मदद दे रही है। देश के अन्‍य रेकगनाइज्‍ड इंस्‍टीट्यूट और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल सकें। इसके लिए छह-सात महीने पहले स्‍कीम में कुछ बदलाव भी किए गए है।


श्री मोदी ने कहा कि अनेक वैज्ञानिकों के साथ चर्चा से यह निष्‍कर्ष निकला है कि विश्‍वास और सहयोग पर ध्‍यान दिया जाना आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि विज्ञान और टेक्‍नोलॉजी तब तक अधूरी है जब तक उनका लाभ सब लोगों तक न पहुंचे। श्री मोदी ने कहा कि इस दिशा में सरकार ठोस प्रयास कर रही है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया से तकनीक गांव-गांव और गरीब से गरीब लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली है।


डिजिटल टेक्‍नोलॉजी से सामान्‍य भारतीयों को ताकत भी दी है और सरकारी सहायता की सीधी तेज डिलीवरी का भरोसा भी दिया है। आज गांव में इंटरनेट यूजर्स की संख्‍या शहरों से ज्‍यादा हैं। गांवों का गरीब किसान भी डिजिटल पेमेंट कर रहा है। आज भारत की एक बड़ी आबादी स्‍मार्ट फोन आधारित ऐप से जुड़ चुकी है। आज भारत ग्‍लोबल हाइटेक पॉवर के इवोल्‍युशन और रिवोल्‍युशन दोनों का सेंटर बन रहा है। भारत अब विश्‍वस्‍तरीय शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, कनेक्टिविटी, गरीब से गरीब तक, गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए हाइटेक सोल्‍यूशन बनाने और बनाने के लिए तत्‍पर है।


श्री मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान में सहायता के लिए पी एम वाणी योजना शुरू की गई है।


हाल में डिजिटल इंडिया अभियान का और विस्‍तार करने के लिए पीएम वाणी स्‍कीम भी शुरू की गई है। इससे पूरे देश में पब्लिक स्‍पेस में सबसे लिए क्‍वालिटी वाईफाई कनेक्टिविटी संभव हो जाएगी। इसका सीधा लाभ साइंस को भी होगा, क्‍योंकि देश के गांवों का युवा भी दुनिया की बेस्‍ट साइंसटिफिक नॉलेज को आसानी से हासिल कर पाएगा।


प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने जिस तरह अंतरिक्ष क्षेत्र में सफलता हासिल की है उसी तरह गहरे सागर के क्षेत्र में भी करनी होगी।


हमारे देश में वॉटर स्‍कारसिटी, पोल्‍युशन, सॉयल क्‍वालिटी, फूड सिक्‍योरिटी जैसी अनेक चुनौतियां है, जिनका आधुनिक हल साइंस के पास है। हमारे समंदर में जो वॉटर, एनर्जी और फूड का खजाना है, उसे तेजी से एक्‍सप्‍लोर करने में भी साइंस की बड़ी भूमिका है। जिस तरह अपने स्‍पेस के सेक्‍टर में सफलता पाई है, वैसे ही हमें डीप सी के क्षेत्र में भी सफलता पानी है। भारत इसके लिए डीप ऑशन मिशन भी चला रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्‍न स्‍तरों पर छात्रवृत्तियां शुरू की हैं ताकि हर क्षेत्र में विज्ञान को बढावा दिया जा सके। महान तमिल विचारक को उदृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रेतीली धरती में जितना गहरे खोदेंगे उतना ही पानी मिलेगा। इसी तरह जितना सीखेंगे और खोज करेंगे वैज्ञानिक भावना उतनी ही समृद्ध होगी।


इस अवसर पर केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी विज्ञान मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन भी मौजूद रहे।


समाज में वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देने के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने विज्ञान भारती के साथ मिलकर वर्ष 2015 में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की परिकल्‍पना की थी। इसका उद्देश्य आम लोगों को विज्ञान के साथ जोड़ना है। साथ ही इस सोच को विकसित करना है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित लोगों के जीवन में सुधार लाने में किस तरह मददगार हो सकते हैं। भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव-2020 का लक्ष्य युवाओं में 21वीं शताब्दी के कौशल विकसित करना है। इस महोत्सव का दीर्घकालिक उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्रेरित करना है।

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* प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि देश ऐसे रास्‍ते पर आगे बढ रहा है जहां प्रत्‍येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के विकास के सभी लाभ मिल सकेंगे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह में वर्चुअल माध्‍यम से उन्‍होंने देशवासियों से आत्‍मनिर्भर भारत के माध्‍यम से नया भारत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्‍वास मंत्र के साथ काम कर रही है।


मैं एएमयू के विशाल एल्‍यूमुनाय नेटवर्क को भी आह्वान करता हूं कि नए भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी और बढाएं। आत्‍मनिर्भर भारत को सफल बनाने के लिए वोकल फॉर लोकल को सफल बनाने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है इसे लेकर अगर मुझे एएमयू से सुझाव मिलें, एएमयू एल्‍युमुनाय के सुझाव मिलें तो मुझे बहुत खुशी होगी।


श्री मोदी ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय की विविधता न केवल इसकी बल्कि समूचे राष्‍ट्र की ताकत है।


एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेकों डिपार्टमेंट्स, दर्जनों हॉस्‍टल्स, हजारों टीचर्स, प्रोफेसर्स, लाखों स्‍टूडेंट्स के बीच एक मिनी इंडिया भी नजर आता है। एएमयू में भी एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है तो हिन्‍दी भी, अरबी पढ़ाई जाती है तो यहां संस्‍कृत की शिक्षा का भी एक सदी पुराना संस्‍थान है। एएमयू के कैंपस में 'एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत' की भावना दिनोंदिन मजबूत होती रहे।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पढ़ाई के बीच में ही स्‍कूल छोडने की मुस्लिम बालिकाओं की दर सरकार के प्रयासों से काफी कम हुई है।


मुस्लिम समाज की प्रगति में बेटियों का पढ़ाई बीच में छोड़ना हमेशा से बहुत बड़ी बाधा रहा है, लेकिन 70 साल से हमारे यहां स्थिति यही थी कि 70 परसेंट से ज्‍यादा मुस्लिम बेटियां अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती थीं। इन्‍हीं स्थितियों में स्‍वच्‍छ भारत मिशन शुरू हुआ, गांव-गांव शौचालय बने, सरकार ने स्‍कूल जाने वाली 10 स्‍टूडेंट्स के लिए मिशन मोड पर अलग शौचालय बनवाए। आज देश के सामने क्‍या स्थिति‍ है पहले मुस्लिम बेटियों का जो स्‍कूल ड्रॉप आउट रेट 70 प्रतिशत से ज्‍यादा था वो अब घटकर 30 प्रतिशत रह गया है।


श्री मोदी ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय से संबंधित शिक्षा का इतिहास, भारत की अमूल्‍य धरोहर है।


बीते 100 वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्‍त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्‍लामिक साहित्‍य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्‍लामिक वर्ल्‍ड के साथ भारत के सांस्‍कृतिक रिश्‍तों को नई ऊर्जा देती है।

 

श्री मोदी ने कहा कि इस विश्‍वविद्यालय ने कोरोना संकट के दौरान समाज की कई प्रकार से सहायता की।

अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी एएमयू ने जिस तरह समाज की मदद की, वह अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टैस्‍ट करवाना, आइसोलेशन वॉर्ड बनाना, प्‍लाज्‍मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्‍वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है।


प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर डाक टिकट भी जारी किया। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्‍यम से शामिल हुए।

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* शिक्षा मंत्री डॉक्‍टर रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि कोविड-19 महामारी को ध्‍यान में रखते हुए और विभिन्‍न परामर्शों के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में आयोजित नहीं की जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि परीक्षा के लिए अगली तारीख की घोषणा जल्‍द ही की जाएगी।


आगामी प्रतियोगिता और बोर्ड परीक्षाओं के बारे में देशभर के अध्‍यापकों से वर्चुअल माध्‍यम से संवाद करते हुए श्री पोखरियाल ने यह बात कही।


डॉक्‍टर निशंक ने कहा कि कक्षा 10 और 12 के लिए केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड- सी बी एस ई की परीक्षाओं को स्‍थगित करने के लिए विभिन्‍न विद्यार्थियों और शिक्षकों से पर्याप्‍त मात्रा में अनुरोध प्राप्‍त हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि विद्यार्थी केन्द्रित सरकार होने के नाते सरकार ने हमेशा विद्यार्थियों के हित में काम किया है।


नौवीं कक्षा में व्‍यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के बारे में एक सुझाव पर श्री पोखरियाल ने कहा कि तकरीबन आठ हजार पांच सौ 83 सी बी एस ई स्‍कूल हैं, जो व्‍यावसायिक शिक्षा देते हैं। उन्‍होंने बताया कि दो लाख 80 हजार से अधिक माध्‍यामिक स्‍कूल करीब चालीस हजार कॉलेज और एक हजार से अधिक विश्‍वविद्यालय राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद इंटर्नशिप के साथ व्‍यावसायिक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।

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* सरकार ने कहा है कि ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया रूप अब तक भारत में नहीं देखा गया है। देशवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। स्‍वास्‍थ्‍य मामलों संबंधी नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. वी. के. पॉल ने बताया कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के रूप बदलने के कारण संक्रमण बढ गया है। इससे रोग की गंभीरता और मृत्‍यु दर प्रभावित नहीं हुई है। डॉक्‍टर पॉल ने कहा कि इस समय घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि विकसित की जा रही वैक्‍सीन की क्षमता पर वायरस के नए रूप का अभी तक कोई दुष्‍प्रभाव नहीं देखा गया है।

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* सरकार ने कहा है कि सितंबर के मध्‍य से देश में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्‍या निरंतर कम हो रही है। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण ने आज नई दिल्‍ली में संवाददाताओं को बताया कि एक सौ 63 दिनों के बाद इलाज करा रहे संक्रमित लोगों की संख्‍या तीन लाख से कम रह गई है। श्री भूषण ने कहा कि कई देशों में प्रति दस लाख आबादी पर पचास हजार से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, लेकिन भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर संक्रमण की दर विश्‍व में सबसे कम है।


केस प्रति मिलियन भारत में सात हजार तीन सौ हैं। विश्‍व में नौ हजार छह सौ, अनेक देश ऐसे है, जहां ये तीस हजार या पचास हजार से भी अधिक प्रति मिलियन केसज दर्ज किए जा रहे हैं। डेथ प्रति मिलियन पोपुलेशन देखे तो भारत में 106, विश्‍व का औसत 216 और अनेक देश है, जहां 900 प्रति मिलियन या 1000 प्रति मिलियन से भी अधिक है।


स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने कहा कि देश में पिछले सात सप्‍ताहों में संक्रमित लोगों की दैनिक औसतन संख्‍या में लगातार गिरावट देखी गई है। उन्‍होंने कहा कि 16 और 22 दिसंबर के बीच रोजाना औसतन 24 हजार एक सौ 35 लोग संक्रमित हुए। जबकि 4 और 10 नवम्‍बर के बीच दैनिक औसत 46 हजार तीन सौ एक रहा। श्री भूषण ने कहा कि अब तक 16 करोड तीस लाख से अधिक जांच की गई हैं।

 

समाचार पत्रों की सुर्खियों से-

 

* ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए रूप में पाए जाने की खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से है। राष्ट्रीय सहारा की सुर्खी है- कोरोना के नए रूप से दहशत में दुनिया। जनसत्ता लिखता है- ब्रिटेन आने-जाने वाली उड़ानों पर 31 दिसंबर तक लगी रोक। नवभारत टाइम्स का शीर्षक है - कोरोना 2.0 से बच के। पत्र के अनुसार 70 प्रतिशत ज्यादा तेज है वायरस का नया रूप। दैनिक जागरण के अनुसार - इटली, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और दक्षिण अफ्रीका में भी मिला नया स्ट्रेन। पत्र के अनुसार भारतीय मूल के अमरीकी डॉक्टर विवेक मूर्ति ने कहा - नया स्ट्रेन ज्यादा घातक नहीं।

 

* जनसत्ता ने स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के इस बयान को प्रमुखता दी है कि देश में अगले वर्ष जनवरी में किसी भी सप्ताह टीकाकरण की शुरूआत हो सकती है।

 

* अमर उजाला कि सुर्खी है - देश में 161 दिन बाद सबसे कम सक्रिय मरीज़। एक दिन में 24 हजार से अधिक मरीज़ों की पुष्टि।

 

* राष्ट्रीय सहारा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को प्रमुखता देते हुए लिखा है - चुनिंदा देशों के बीच नहीं हो सकती वैश्विक विकास पर चर्चा। पत्र के अनुसार छठे भारत, जापान संवाद सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा इसका दायरा बड़ा और मुद्दे व्यापक होने चाहिए।

 

* दैनिक जागरण की सुर्खी है - भारत-वियतनाम के बीच सात समझौते, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-देश की एक्ट-ईस्ट नीति में वियतनाम अहम कड़ी। हमारी साझेदारी शांति स्थापित करने में अहम।

 

* नवभारत टाइम्स लिखता है - पूर्वी लद्दाख के चांगथांग गांव में बिना वर्दी के आए चीनी सैनिक, आई.टी.बी.पी. के जवानों और गांववालों ने लौटाया। राजस्थान पत्रिका ने नापाक हरकत बताते हुए लिखा है- पाकिस्तान ने पंजाब के गुरदासपुर में ड्रोन से भेजे 11 हथगोले। पंजाब पुलिस के अनुसार अंडे की तरह की थी पैकिंग।

 

* राष्ट्रीय सहारा लिखता है - अब सभी ग्राहकों को मिलेगी 24 घंटे बिजली, आपूर्ति में बाधा पर बिजली कंपनियों पर लगेगा जुर्माना। पावर सेक्टर में सुधार के लिए मोदी सरकार ने तैयार किया ड्राफ्ट।

 

* राजस्थान पत्रिका ने अद्भुत नजारा शीर्षक से लिखा है - शनि-बृहस्पति के महामिलन ने अंतरिक्ष में बिखेरी छटा, 800 सौ साल बाद कंजक्शन की साक्षी बनी दुनिया।