आकाशवाणी सार (12-Dec-2019)
AIR News Gist

Posted on December 12th, 2019 | Create PDF File

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मुख्य समाचार-

*संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित। इससे अफगानिस्‍तान, बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान के छह अल्‍पसंख्‍यक समुदायों के अवैध प्रवासी भारतीय नागरिकता ले पायेंगे।

*प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों को आश्वासन दिया - सरकार उनके राजनीतिक, भाषायी, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों की पूर्ण संवैधानिक सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध।

*उच्‍चतम न्‍यायालय ने हैदराबाद की पशु चिकित्‍सक के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या के चार आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिये।

*उच्‍चतम न्‍यायालय ने अयोध्‍या मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार की सभी याचिकाएं खारिज कीं।

समाचार विस्तार से-

*नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित हो गया है। राज्य सभा ने इस विधेयक को मंजूरी दी। विधेयक के समर्थन में 125 और विरोध में 105 सदस्यों के मत पड़े। सदन ने विधेयक को मंजूरी देते समय विपक्षी दलों के संशोधनों को खारिज कर दिया। यह विधेयक लोक सभा में सोमवार को पारित हुआ था। लोकसभा में 311 सदस्यों ने इस के पक्ष में और 80 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया था।

राज्य सभा में विधेयक के बारे में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कानून उन लोगों के जीवन में नई रोशनी लाएगा जिनपर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्‍लादेश में अत्याचार हो रहा है।

हम कोई एक धर्म को नहीं दे रहे हैं। हम एक, तीन देशों की माइनॉरटी को ले रहे हैं और सभी की सभी माइनॉरटी को ले रहे हैं, एक क्‍लास को ले रहे हैं और उसमें भी वो क्‍लास को जो धार्मिक प्रताडना से प्रताडि़त है। इसलिए रिजनेबल क्‍लीसिफिकेशन के आधार पर ये संसद को कानून बनाने का अधिकार है।

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*प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संशोधन विधेयक राज्य सभा में पारित होने पर प्रसन्‍नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है और देश के करूणा तथा भाईचारे के मूल्यों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा कि यह विधेयक उन लोगों के कष्ट दूर करेगा जो वर्षों से अत्याचार का सामना कर रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित होने को भारत के बहुलवाद पर संकुचित विचारधारा की जीत कहा। उन्होंने एक बयान में भारतीय जनता पार्टी के ध्रुवीकरण एजेंडा के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की कांग्रेस की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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*कांग्रेस, वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डी एम के पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्‍ट्रीय जनता दल, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और तेलांगना राष्‍ट्र समिति ने विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए इसका विरोध किया। कांग्रेस के कपिल सिब्‍बल का कहना था कि इसके ऐसे दूरगामी परिणाम होंगे जिनकी कल्‍पना भी नहीं की जा सकती।

विधेयक का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने विधेयक को असंवैधानिक बताया।

शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि विधेयक का विरोध करने वालों को राष्‍ट्रविरोधी करार देना गलत है। उन्‍होंने कहा कि पड़ोसी देशों में अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों का हनन हुआ है।

दूसरी ओर विधेयक का समर्थन करते हुए भाजपा के कार्यकारी अध्‍यक्ष जे पी नड्डा ने इसे ऐतिहासिक आवश्‍यकता करार दिया क्‍योंकि पाकिस्‍तान जैसे पड़ोसी देश अपने यहां अल्‍पसंख्‍यकों के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं।

 

नागरिकता संशोधन विधेयक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह समुदायों के अवैध अप्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करेगा। संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, त्रिपुरा के क्षेत्रों और इनर लाइन परमिट वाले क्षेत्रों अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम में यह विधेयक लागू नहीं होगा। सरकार ने कहा है कि घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच अंतर करने की आवश्यकता है। विधेयक किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है और किसी के अधिकार को नहीं छीनता है। 

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*उच्‍चतम न्‍यायालय तेलंगाना में एक पशु चिकित्‍सक के साथ दुष्‍कर्म और उसकी हत्‍या के चार आरोपियों की मुठभेड़ में हुई मौत की स्‍वतंत्र एसआईटी जांच कराने की मांग करने वाली दो याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा। प्रधान न्‍यायाधीश एस ए बोबडे की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने इस घटना की जांच के लिए उच्‍चतम न्‍यायालय के किसी पूर्व न्‍यायाधीश को नियुक्‍त करने का प्रस्‍ताव किया है।

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*जलवायु और पर्यावरण कार्यकर्ता स्वीडन की 16 वर्षीय ग्रेटा थुनबर्ग को टाइम पत्रिका 2019 का परसन ऑफ द ईयर घोषित किया गया है। वे टाइम पत्रिका की परसन ऑफ द ईयर घोषित होने वाली सबसे कम उम्र की हस्‍ती हैं। इस घोषणा से पहले मैड्रिड में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर बैठक में उन्होंने विश्व नेताओं से वास्तविक कार्रवाई से बचने के लिए गलत तरीका अपनाने पर रोक लगाने की अपील की और कहा कि अगला दशक पृथ्वी का भविष्य तय करेगा। इससे पहले उन्हें इस वर्ष के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।

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*प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने असम के लोगों को आश्‍वासन दिया है कि उन्‍हें नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने पर किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। श्री मोदी ने एक ट्वीट में उन्‍हें आश्‍वस्‍त किया कि कोई भी उनके अधिकारों को छीन नहीं सकता और न ही उनकी पहचान, संस्‍कृति और विकास पर इसका कोई असर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार असम समझौते की धारा छह के अनुसार लोगों की राजनीतिक, भाषाई, सांस्‍कृतिक और भूमि अधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।


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*असम के मुख्‍यमंत्री सर्बानन्‍द सोनोवाल ने सभी वर्गों के लोगों से राज्‍य में शांति बनाये रखने की अपील की है। श्री सोनोवाल ने कहा कि यह असम के लोगों की सामाजिक, सांस्‍कृतिक और आध्‍यात्मिक परम्‍परा है। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैलाकर स्थिति को उग्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं। श्री सोनोवाल ने यह भी कहा कि कुछ लोग नागरिकता संशोधन विधेयक के नाम पर दुष्‍प्रचार कर रहे हैं। आकाशवाणी से बातचीत में श्री सोनोवाल ने आश्‍वासन दिया कि असम सरकार राज्‍य के लोगों की पहचान के संरक्षण के प्रति वचनबद्ध है।


इस बीच, असम में गुआहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट में सेना फलैग मार्च कर रही है। वरिष्‍ठ अधिकारी कानून और व्‍यवस्‍था की लगातार निगरानी कर रहे हैं। कल रात डिब्रूगढ़ में दुलियाजान पुलिस थाने के प्रभारी प्रदर्शनकारियों के साथ झडप में घायल हो गये थे।


राज्‍य सरकार ने कानून और व्‍यवस्‍था की निगरानी के लिए तीन वरिष्‍ठ आई पी एस अधिकारी विशेष रूप से तैनात किये हैं। आज के लिए कम दूरी की सभी रेलगाडियां रदद कर दी गई हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने असम के लोगों को आश्‍वासन दिया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने से उन्‍हें किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। श्री मोदी ने एक ट्वीट संदेश में उन्‍हें आश्‍वस्‍त किया कि केन्‍द्र सरकार असम समझौते की धारा छह के अनुसार लोगों की राजनीतिक, भाषाई, सांस्‍कृतिक और भूमि अधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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*उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में 9 नवम्बर के अपने फैसले पर पुनर्विचार की सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया था।


उच्‍चतम न्‍यायालय के मुख्‍य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इन याचिकाओं पर विचार किया और इन्हें निराधार पाया। न्यायालय ने सिर्फ उन्हीं चार पक्षों की याचिकाओं पर विचार किया, जो आरंभ में इस मुकदमे के पक्षकार थे। पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दायर की गई थीं।

समाचार पत्रों की सुर्खियों से-

*नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी आज के सभी समाचार पत्रों की पहली बड़ी खबर है। अमर उजाला की सुर्खी है- ''नागरिकता'' पर संसद की मुहर। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित। पीएम ने कहा-ऐतिहासिक दिन।

*हरिभूमि ने इस खबर को बॉक्स में प्रकाशित करते हुए अमित शाह के इन शब्दों को दिया है- मुसलमान डरे नहीं, कांग्रेस की वजह से हुआ था धर्म के आधार पर बंटवारा।

*वहीं, जनसत्ता ने विधेयक के विरोध में असम और त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन और कुछ जगहों पर सेना की तैनाती का समाचार दिया है।

*गुजरात में 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को नानावटी आयोग द्वारा क्लीन चिट देने को भी अखबारों ने प्रमुखता दी है। दैनिक जागरण की सुर्खी है- गुजरात दंगों के आरोपों से मोदी-शाह बरी, आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश।

*भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो द्वारा पीएसएलवी रॉकेट के जरिए निगरानी उपग्रह रीसैट-2 बीआर-1 और चार अन्य देशों के नौ उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण को भी समाचार पत्रों ने अहमियत दी है।